Hoshiar Singh review:होशियार सिंह ने किया दर्शकों को निराश या खुश जानिए

Hoshiar Singh review hindi

Hoshiar Singh review hindi:उदय प्रताप सिंह के डायरेक्शन में तैयार की गयी ,पंजाबी फिल्म होशियार सिंह को आज सिनेमा घरो में रिलीज़ कर दिया गया है।उदय प्रताप सिंह ने दिल दिया गल्ला,रोकी मेन्टल,शायर जैसी बेहतरीन पंजाबी फिल्मे दी है।

यही वजह थी के लोगो को होशियार सिंह का इंतज़ार काफी समय से था।मुख्य कलाकार के रूप में फिल्म में हमें सुखविंदर चहल,सतिंदर सरताज,सिमी चहल जैसे कलाकार देखने को मिल रहे है।

वैसे तो बहुत कुछ हमें इसके ट्रेलर को देख कर ही पता लग गया था के फिल्म में क्या-क्या देखने को मिलेगा,और जिस तरह से ट्रेलर देख अंदाज़ा लगाया जा सकता था ठीक उसी तरह से यह फिल्म देखने को भी मिली। आइये जानते है कैसी है यह फिल्म,करते है इसका फुल रिव्यु और जानते है क्या है इसमें खास।

क्या है होशियार सिंह की कहानी

कहानी होशियार सिंह नाम के टीचर के इर्द गिर्द घूमती दिखती है। जो एक एनर्जटिक और इंटेलिजेंट इंसान है। होशियार सिंह की सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है के उसे सवाल पूछना बहुत पसंद है जहा भी उसे कुछ गलत लगता है वह उस बात पर सवाल उठाता है,और इसमें आती है शिक्षा जिस पर उसने बचपन से सवाल उठाये है।

इस शिक्षा पद्दति पर सवाल पूछने की वजह से उसे इससे निकाल भी दिया जाता है पर फिर भी जैसे तैसे कर के अपनी पढ़ाई पूरी कर के यह टीचर बन जाता है।

अब जब होशियार सिंह टीचर बन गया है तब यह टीचर बन कर शिक्षा पद्दति को सुधारने की कोशिश करता है।यह लड़ाई है एक शिक्षक की शिक्षा के खिलाफ अगर कोई टीचर इस फिल्म को देखता है तब वह इससे आसानी से खुद को रिलेट कर सकता है।

होशियार सिंह की बस यही इच्छा है कि हर बच्चे को उनके पूछे गए प्रश्नों के उत्तर मिले, पर वह देखता है कि कोई भी बच्चा किसी भी तरह का सवाल नहीं करता।

तब होशियार सिंह बच्चो को इस क़ाबिल बनाता है के वह किसी भी सवाल को बिना हिचकिचाए पूछ सके।सरताज के रूप में होशियार सिंह के कैरेक्टर से आसानी से जुड़ा जा सकता है।

सिमी चहल को फिल्म में होशियार सिंह का साथ देते दिखाया गया है। फिल्म की कहानी कही-कही पर थोड़ा इमोशनल भी करती है। इसके सभी गाने बहुत अच्छे है जो कहानी का समां बांधने का काम करता है।

क्या खास है होशियार सिंह में

खासियत से पहले अगर कमियों की बात की जाये तब फिल्म की जो सबसे बड़ी कमी है,वो है इसके पहले भाग का सुस्त होना। इसे थोड़ा तेज़ी के साथ दिखाया जाता तब स्क्रीन प्ले निखर कर दर्शको के सामने आता। एक सीरियस टॉपिक पर बनी फिल्म में बेवजह बेमतलब की कॉमेडी डालने की कोई ज़रूरत नहीं थी।

माना पंजाबी फिल्मो में कॉमेडी होती है और पंजाब में कॉमेडी फिल्मे खूब पसंद भी की जाती है। पर इसका मतलब यह नहीं है के आप एक सीरियस टॉपिक पर फिल्म बनाये और दर्शको को रिझाने के लिए उसमें बेवजह की कॉमेडी डाले। हर सीरियस मुद्दे को कॉमेडी के मध्यम से पेश नहीं किया जा सकता। दूसरे हाफ में कहानी थोड़ी ऊपर जाती है पर फिर अगले सीन में नीचे आकर गिरती है।

बहुत सारी कमियों के बीच कहानी के आखिर के 40 मिनट में आप इसकी सभी कमियों को भुलाकर इसमें खो जाते हैं। फिल्म के सभी किरदारों ने अच्छा काम किया है। प्रोडक्शन वैल्यू थोड़ी कम है, जो देखकर साफ ज़ाहिर होता है। म्यूजिक कहानी की जान है। सिनेमैटोग्राफी की बात की जाए तो पंजाब के सिनेमैटिक दृश्यों को सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

निष्कर्ष

यह फिल्म पूरी फैमिली के साथ बैठ कर देखि जा सकती है जो हसाती है रुलाती है शिक्षा देती सवाल पूछना सिखाती है। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री दिन पर दिन अच्छी-अच्छी फिल्मे और वेबसिरीज दे रहा है ,हमें इसका सपोर्ट करना चाहिए फ़िल्मी ड्रिप की ओर से इसे दिए जाते है पांच में से ढाई स्टार।

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  • amir khan

    हेलो दोस्तों मेरा नाम आमिर खान है और मैंने मॉस कॉम में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है । मै बॉलीवुड से जुडी हुई न्यूज़ पब्लिश करता हूँ ये न्यूज़ मै इंस्टाग्राम और अलग अलग शोशल नेटवर्किंग साईट से निकालता हूँ ताकि आप लोगो तक बॉलीवुड से जुडी खबर सबसे पहले पंहुचा सकूँ मेरे द्वारा लिखी गई कोई भी न्यूज़ अभी तक फ़र्ज़ी साबित नहीं हुई है मै यही कोशिश करता हूँ के अपने पाठको तक सही खबर ही पहुचाऊं धन्यवाद।

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