आंखे नाम और दिमाग को शांत करती यह फिल्म

The Children Train Review in Hindi

The Children Train Review in Hindi:इस भाग दौड़ और स्ट्रेस भरी दुनिया में हमें एक ऐसे शख्स की जरूरत होती है जिसके आने से हमारी जिंदगी में एक ठहराव सा आ जाए।

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि इस मास,मसाला,एक्शन,भूत वाली फिल्मों के बीच ऐसी एक फिल्म आ जाए जो आपके दिमाग को शांत कर दे।

जैसे अभी हाल ही में आई मियांजगन और लकी भास्कर जिसमें इमोशंस है फिलिंग्स है मोटिवेशन है जिनसे हमें अपनी जिंदगी में बहुत कुछ सीखने को मिलता है।

जिस तरह की फिल्मों को देखकर हमें लगे की पूर्ण रूप से शांति मिल गई है।ऐसी ही एक फिल्म नेटफ्लिक्स पर एक सच्ची घटना पर आधारित 1 घंटे 45 मिनट की यह फिल्म आपको हिंदी में देखने को मिल जाती है।

कहानी 1946 के दशक में इटली में सेट है। जब वर्ल्ड ‘वॉर 2’ खत्म हो गया था वर्ल्ड वॉर 2 के खत्म होने के बाद इटली में पूरी तरह से भुखमरी फैल गई थी।

जहां एक तरफ लोग भूखे मर रहे थे और तड़प रहे थे तो ऐसे में एक 7 साल का लड़का अपनी मां के साथ रह रहा होता है। वहां के सभी बच्चों को एडॉप्शन के लिए नॉर्थ में भेज दिया जाता है इस कंडीशन में या 7 साल का लड़का अपनी मां से बिछड़ जाता है।

इसके बाद उस छोटे बच्चों की मां को यह डर सताता है की कहीं उसके बच्चे को कोई मार ना दे। फिल्म में बहुत सारे ऐसे इमोशनल सीन है जो आपकी आंखों से आंसू निकाल दें। फिल्म में एक ऐसी दुखदाई सिचुएशन को क्रिएट किया गया है जो वर्ल्ड वॉर 2 के बाद इटली में देखने को मिली थी।

इसकी कहानी एक सच्ची घटना पर होने के कारण आपको अंदर से झंझोड़ देगी और काफी इंस्पायर करेगी।फिल्म में ऐसी माओ को दिखाया गया है जो अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए, तकलीफ भरे निर्णय लेती हैं।

फिल्म के पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट्स-

पॉजिटिव पॉइंट्स-

अगर हम एक लाइन में इसका रिव्यू करें तो यह एक डीसेंट फिल्म है। फिल्म में दिखाए गए 7 साल के लड़के का काम शानदार है। इसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है। सभी सपोर्टिंग कास्ट ने अपने-अपने रोल को बेहतर तरीके से निभाया है।

फिल्म की कहानी ठीक है इसका एग्जीक्यूशन भी काफी बेहतरीन तरीके से किया गया है जिसके अंदर अच्छी तरह से इमोशंस डाले गए हैं। मां और बेटे के बीच की बॉन्डिंग को बहुत अच्छे से प्रेजेंट किया गया है, जो आपको रुलाने में पूरी तरह से कामयाब रहती है।फिल्म का प्रोडक्शन वर्क अच्छा है, और इसकी सिनेमाटोग्राफ़ी की 1946 के दशक को अच्छे से दिखाने में कामयाब रही है।

नेगेटिव पॉइंट्स-

फिल्म का स्क्रीन प्ले काफी स्लो है जो कहीं कहीं पर आपको बोर भी कर देता है। यह फिल्म 20 से 25 मिनट काटी जा सकती थी अगर आपको पीरियड ड्रामा फिल्में देखना पसंद है तब यह आपको काफी अच्छी लगेगी। अगर आप एक्शन मांस मसाला फिल्में देखना पसंद करते हैं तब आप इस फिल्म से दूर ही रहें।

निष्कर्ष-

फिल्म को इस तरह से दिखाया है कि बहुत सारे सीन्स में आपकी आंखें नम हो जाएगी। यह भागने वाली फिल्म नहीं है बल्कि रुक कर बहुत कुछ सीखने वाली है।

एक सिंपल सी कहानी को मजेदार बनाकर पेश किया गया है। आज के समय में इस तरह की फिल्में नहीं बनती। क्योंकि आजकल दर्शकों को थ्रिल मिस्ट्री और रोमांस का तड़का चाहिए होता है।

इस फिल्म को आप दो वजह से देख सकते हैं पहले इसका बीजीएम और दूसरी इसमें दिखाए गए बच्चे के परफॉर्मेंस के कारण।

फिल्मीड्रिप की ओर से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/2 ⭐ ⭐.

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  • anam

    हैलो दोस्तों,मेरा नाम Anam है मै एक प्रोफेशनल बॉलीवुड न्यूज़ ब्लॉगर हूँ मैंने अपनी कार्यशैली बॉलीवुड के लिए ही समर्पित कर दी है मुझे बॉलीवुड से बहुत प्रेम है मुझे फिल्मे देखना काफी अच्छा लगता है और मै अधिकतर यही कोशिश करती हूँ के फिल्मो को फस्ट डे फ़स्ट शो ही देखूँ मुझे बॉलीवुड से सम्बंधित खबर अपने पाठको तक पहुँचाना बहुत पसंद है। मेरा यही प्रयास रहता है की सबसे पहले बॉलीवुड की कोई भी छोटी से छोटी खबर को आप तक पहुँचाना"धन्यवाद।

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