Fcuk review in hindi:साल 2021 में रिलीज हुई तेलुगु फिल्म “FCUK: Father Chitti Umaa Kaarthik” को अब फाइनली हिंदी डबिंग के साथ रिलीज कर दिया गया है। जिसकी कहानी कॉमेडी और ड्रामा जैसे एलिमेंट्स से भरी हुई है। इसका डायरेक्शन विद्यासागर राजू ने किया है,
जिसमें मुख्य किरदारों में जगपति बाबू,राम कार्तिक,अम्मू अभिरामी और बेबी सहर्षिता जैसे कलाकार देखने को मिलते हैं। फिल्म के नाम को ही इस तरह से रखा गया है जिसे सुनकर उत्सुकता बढ़ जाती है। लेकिन क्या “FCUK” मनोरंजन के मापदंडों पर खरी उतरती है या नहीं, आइए जानते हैं हमारे इस आर्टिकल में।
कहानी:
कहानी शुरू होती है कंडोम कंपनी के मालिक फणी भूपाल से,जो एक वृद्ध इंसान है हालांकि दिल से एकदम जवान है। उसका एक बेटा भी है जिसका नाम कार्तिक है (राम कार्तिक) जो कि अम्मू अभिरामी नाम की लड़की से बेपनाह मोहब्बत करने लगता है।
हालांकि कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट तब आता है जब कार्तिक को पता चलता है कि अम्मू की सगाई पहले ही हो चुकी है। और यही नहीं आगे कहानी में एक और बड़ा ट्विस्ट डाला गया है जिसमें चिट्टी (सहर्षिता) की एंट्री होती है,जिसे फणी की बेटी बताया जाता है।
अब क्या यह बेटी फणी की है या नहीं और क्या फणी के बेटे की शादी उस लड़की से हो पाएगी जिसे वह प्यार करता है? इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए आपको देखनी होगी ये फिल्म। जिसे ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर हिंदी के साथ साथ अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध करा दिया गया है।
तकनीकी पहलू:
भीम्स सेसिरोलियो का म्यूजिक फिल्म में चार चांद लगा देता है। साथ ही इसकी सिनेमैटोग्राफी भी बढ़िया है, जिसमें हर एक सीन को देखकर मजा आता है। हालांकि एडिटिंग पक्ष में कुछ हद तक कमी साफ झलकती है,जो इस फिल्म को 3 घंटे लंबा बना देती है,जिसे काट-छांट कर छोटा किया जा सकता था।
खामियां:
फिल्म का फर्स्ट हाफ इतना ज्यादा स्लो है कि इसे देखकर आप बोरियत महसूस करने लगेंगे। साथ ही इसके पटकथा में भी वह बात नहीं जो दर्शकों को क्लाइमेक्स तक बांधे रखे। फिल्म में कई ऐसे डबल मीनिंग डायलॉग्स को भी डाला गया है जो हंसी लाने के लिए लिखे तो गए हैं, पर वे अच्छे से काम नहीं कर पाते और आपको हंसाने में नाकामयाब रहते हैं।
अच्छाइयां:
फिल्म में कई खराब चीजें हैं पर इसमें अच्छी चीजें भी शामिल हैं। जिनमें जगपति बाबू का डैशिंग लुक और आत्मविश्वास से भरी हुई एक्टिंग को देखकर उनकी पुरानी फिल्में याद आ जाती हैं,जिनमें वे अच्छे लगते थे। हां भले ही फिल्म की पटकथा काफी कमजोर हो पर इसकी डायलॉग राइटिंग इस तरह से की गई है,जो आपको हंसाने में कई बार कामयाब हो जाती है। फिल्म में बोल्ड कॉन्सेप्ट को भी दिखाया गया है जो कि कुछ हद तक ठीक ठाक है।
निष्कर्ष:
“FCUK” एक ऐसी फिल्म है जो अपने अनोखे अंदाज में कहानी को स्क्रीन पर रखने की कोशिश करती है। हालांकि ध्यान रहे इसकी लंबाई 3 घंटे की है जिससे यह समय खपाने वाली बन जाती है। हालांकि जगपति बाबू की एक्टिंग सभी कमियों को बैलेंस बनाकर रखती है। तो अगर आप हल्की फुल्की एडल्ट कॉमेडी और डबल मीनिंग जोक्स वाली फिल्में देखना पसंद करते हैं, तो जगपति बाबू की फिल्म “FCUK” को रिकमेंड कर सकते हैं। हालांकि इसके पैरेंटल गाइडलाइन की बात करें तो इसे परिवार के साथ बिल्कुल भी न देखें तो ज्यादा बेहतर होगा।
फिल्मीड्रीप रेटिंग: 2.5/5
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