Oxygen:Pushpa जैसी कहानी लेकर आई zee5 की नई कश्मीरी फ़िल्म।

Oxygen movie 2024 review first on net

Oxygen movie 2024 review first on net:ऑक्सीजन फिल्म का नाम जंगल की शुद्ध हवा पर है जो इंसानी जीवन के लिए बहुत जरूरी है लेकिन हम इंसान इसे काटते ही चले जा रहे हैं सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए। इसी सब्जेक्ट को लेकर ‘ऑक्सीजन’ फिल्म की कहानी को बुना गया है।

जो की ‘पीर पंजाल फॉरेस्ट’ के जंगलों पर आधारित है। फिल्म zee5 के प्रोडक्शन में बनाई गई है जिसकी लोकेशन ‘कश्मीर’ नजर आती है हालांकि इस फिल्म से पहले भी इसी ज़ी प्रोडक्शन ने बहुत सारी कश्मीर की फिल्मों का प्रोडक्शन किया हुआ है, इसी तरह इस बार भी यह कुछ नया लेकर आए हैं।

जोकि zee5 की ओटीटी प्लेटफार्म पर 15 नवंबर को हिंदी में रिलीज कर दी गई है। जिसकी लेंथ 1 घंटा 20 मिनट की है फिल्म का जॉनर क्राइम और ड्रामा की कैटेगरी में आता है। “फिल्म का डायरेक्शन ‘शोएब निकश शाह‘ ने किया है जो कि इसके मुख्य किरदार में भी नजर आए हैं”।

स्टोरी- फिल्म की कहानी का सब्जेक्ट जंगल के कटान पर आधारित है जिसमे फॉरेस्ट ऑफिसर मिलकर इसकी कालाबाजारी करते हैं। जिस पर फिल्म का शीर्षक रखा गया है जिसका नाम ‘ऑक्सीजन’ है, ऑक्सीजन यानी जंगल के पेड़ों से मिलने वाली शुद्ध हवा जिसे हम इंसान अपने स्वार्थ के लिए भूलते जा रहे हैं।

और पेड़ों की कटाई तेजी से कर रहे हैं। फिल्म में ‘इमरान’ (शोएब निकश शाह) एक ठेकेदार की भूमिका निभा रहे हैं जो की इस फिल्म के डायरेक्टर भी हैं और लकड़ी की कालाबाजारी का काम करते हैं जिन्हें हाल ही में बहुत बड़ा लकड़ियों का इलीगल कंसाइनमेंट मिला है जोकि लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का है।

जिसमें बहुत सारी रुकावटें देखने को मिलती हैं क्योंकि कुछ समय बाद पुलिस को उनकी इस तस्करी की खबर लग जाती है लेकिन जैसा की आप जानते हैं कुछ सरकारी ऑफिसर्स कितने करप्ट होते हैं तो यहां भी ऐसा ही देखने को मिलता है।

और ऊपर से नीचे तक सभी पैसा खाना चाहते हैं इमरान जो कि इस ग्रुप का मुखिया है वह एक के बाद एक सभी से साठ गांठ करता चला जाता है और अपने रास्ते में आने वाले हर रोड़े को पैसे से खरीद लेता है। सभी चीजें प्लान के मुताबिक आगे बढ़ रही होती है।

तभी कहानी में ट्विस्ट देखने को मिलता है जिसमें इमरान का मन अचानक से बदल जाता है और वह इस डील को कैंसिल करने के आदेश दे देता है जो कि उसके साथियों को बिल्कुल भी मंजूर न था। जिसके बाद इमरान को सभी लोग ढूंढने लग जाते हैं।

फिर चाहे पुलिस हो या पॉलिटिशियन क्योंकि सभी इसके इस घिनौने काम में इसका साथ दे रहे थे लेकिन अब इमरान की जान के दुश्मन यही लोग बन जाते हैं क्योंकि वह खुद को सरेंडर करना चाहता था।अब आगे देखना यह है कि क्या इमरान खुद को मजिस्ट्रेड के आगे सरेंडर कर देगा या फिर अपनी जान गवा बैठेगा आगे की कहानी जाने के लिए आपको देखनी होगी यह फिल्म जोकि zee5 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

टेक्निकल एस्पेक्ट-

फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक काफी ठंडा है जिसमें किसी भी प्रकार का एक्साइटमेंट देखने को नहीं मिलता। अगर बात करें इसके कैमरा एंगल्स की तो यह वही पुराने कश्मीरी फिल्मों के टिपिकल एंगल्स पर शूट की गई है जिसमें जंगल के दृश्य भी दिखाई देते हैं। फिल्म की सिनेमाटोग्राफ की तो यह काफी अच्छी है कहानी में दिखाए गए जंगल को काफी ब्राइट और कलरफुल दिखाया गया है जिसे देखने में मजा आता है।

परफॉर्मेंस-

फिल्म में अदाकारो की परफॉर्मेंस की बात करें तो इसके मेन कैरेक्टर इमरान ने अपने रोल को बढ़िया निभाया है जो कि सीरियस सिचुएशन में आसानी से ढले हुए नजर आते हैं, हालांकि फिल्म में इनकी पर्सनैलिटी को काफी मजबूत नेतृत्व वाले व्यक्ति के रूप में उजागर किया गया है जो किसी भी सिचुएशन में घबराते नहीं और अपने काम को अच्छे से करना जानता है।

अगर बात करें इसके सहायक कलाकारों की तो इसमें ‘पीर बख्श’ जैसे कलाकार नजर आते हैं जो की जंगल की लकड़ियों के कटान में इमरान की मदद करते हैं। वहीं दूसरी तरफ इमरान की बिजनेस पार्टनर ‘निकहत’ (नमिता लाल) ने भी अपने रोल को काफी बढ़िया निभाया है जो इमरान को पूरी तरह से हर सिचुएशन में सपोर्ट करते हुई नजर आती हैं।

खामियां-

फिल्म की कमियों की बात करें तो इसकी पटकथा काफी कमजोर है और काफी सिंपल भी। जिसमें किसी भी तरह का थ्रिलर यह इमोशन फील नहीं होते। फिल्म पूरी तरह से ब्लैक एंड व्हाइट नजर आती है जो की देखने पर एक आर्ट मूवी जैसी है। फिल्म में नही अच्छा बैकग्राउंड म्यूजिक दिया गया है और ना ही कोई बड़े कलाकारों को शामिल किया गया है। फिल्म काफी लो बजट नजर आती है। जिसका आने वाला अगला हर सीन काफी प्रिडिक्टेबल है। मूवी में जंगल की कटाई के सब्जेक्ट को लिया गया है जोकि इससे पहले पुष्पा फिल्म में भी नजर आया था। क्योंकि फिल्म का डायरेक्शन इसके मेन किरदार में नजर आए इमरान ने किया है जिन्होंने इस फिल्म से अपने डायरेक्शनल करियर में डेब्यू किया है शायद इस कारण वह ज्यादा अच्छी फिल्म नहीं बना सके। हालांकि सभी कलाकारों ने फिल्म में बढ़िया एक्टिंग की है लेकिन फिल्म की कमजोर कहानी के चलते इन सभी की एक्टिंग भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सकी ।

अच्छाइयां-

फिल्म की अच्छी चीजों की बात करें तो इसमें जिस सब्जेक्ट को लेकर फिल्म को बनाया गया है वह काफी यूनीक है। हालांकि यह अपनी कहानी से वह इंपैक्ट नहीं छोड़ सकी जो दर्शकों के दिलों में घर कर जाए। फिल्म में दिखाया गया जंगल काफी असली लगता है जिसे देखकर कुछ हद तक थ्रिल बिल्डअप हो जाता है,लेकिन ज्यादा देर तक टिक नहीं पाता, क्योंकि फिल्म की कमजोर कहानी आपकी निगाहों को भटकाने की वजह बन जाती है।

फाइनल वर्डिक्ट-

अगर आपको कश्मीर वाइब वाली फिल्में देखना पसंद है जिसमें ठंडे इलाके और जंगल नजर आते हैं तो आप इस फिल्म को रिकमेंड कर सकते हैं। हालांकि फिल्म में किसी भी प्रकार का एक्शन और थ्रिलर आप एक्सपेक्ट नहीं कर सकते। फिल्म में काफी गंभीर संदेश देने की कोशिश की गई है जो मानव सभ्यता के लिए जरूरी है। जिस पर हमारा कुछ खास ध्यान नहीं जा रहा है और निरंतर जलवायु में बदलाव आते जा रहे हैं।

हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/2⭐.

Author

  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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