Empuraan Movie Review hindi:एम्पुरान मोहन लाल की लूसिफर का भाग 2 आज सिनेमा घरों में रिलीज़ कर दिया गया है। निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन की इस फिल्म में हमें मोहनलाल,पृथ्वीराज सुकुमारन,मंजू वारियर,टोविनो थॉमस, इंद्रजीत सुकुमारन मुख्य किरदार में देखने को मिलते हैं। एम्पुरान को मलयालम के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में रिलीज किया गया है।फिल्म का रनिंग टाइम है दो घंटे पचास मिनट का।
एम्पुरान के ट्रेलर से रिलीज होने तक जिस चीज का डर था वही चीज फिल्म में होती दिखी है।अब वो चीज क्या है इसके बारे में आगे बात करते हैं।
एम्पुरान फिल्म समीक्षा
फिल्मों में हमेशा से एक बात दिखाई गई है कि जो फिल्म का हीरो होता है उसे ढेर सारी पावर दे दी जाती है। फिल्म का हीरो कुछ भी कर सकता है, हीरो विलन पर भारी पड़ता है, विलन की हमेशा हार होती है।
इन्हीं सब चीजों को देखकर एक दर्शक के तौर पर हमें मज़ा भी आता है।पर के भारतीय होने के नाते हम सब एक बात से तो वाकिफ हैं कि जो असली पावर है वो होती है राजनेता के पास।
अब किसी राजनेता को अगर हीरो बनाकर फिल्म में पेश किया जाए तो वह फिल्म देखने का मज़ा दुगना हो जाता है।जिस तरह से एक अच्छे निर्देशन के साथ राजनेता का पावर यहाँ देखने को मिलता है वह बहुत ही शानदार है। हर सीन का बीजीएम रोंगटे खड़े कर देता है।एम्पुरान के टोटल चार पिलर हैं जिनपर यह खड़ी दिखाई देती है।
1- पोलिटिकल पावर
जिस तरह से एक राजनेता की पावर को यहाँ पर दिखाया गया है वो काफी हद तक रियलिस्टिक है। हम सबको पता है कि राजनेता के पास कितना पावर होता है और वह इस पावर का किस तरह से इस्तेमाल कर सकता है। एक राजनेता किस तरह से अपने पावर का सही या गलत तरीके से इस्तेमाल करता है यह एम्पुरान में अच्छे से पेश किया गया है।
2-माफिया और क्राइम कनेक्शन
जिस तरह से माफिया और क्राइम का कनेक्शन कहानी में देखने को मिलता है वह मज़ेदार है। मोहनलाल (स्टीफन नेदुम्पल्ली) के किरदार में हैं जो एक रहस्यमयी इंसान है और दुनिया भर में होने वाले बड़े-बड़े क्राइम से जुड़ा हुआ है।
फिल्म में जब मोहनलाल की इंट्री होती है, तब बिना डायलॉग बोले बीजीएम के साथ इनके फेस इम्प्रेशन को देखकर सिनेमा घरों में बैठे लोग सीटियाँ और तालियों की बौछार कर देते हैं।बॉलीवुड में जिस तरह से लोग सलमान खान को पसंद करते हैं, ठीक उसी तरह से साउथ में मोहनलाल को पसंद किया जाता है।
जब जायेद मसूद यानी पृथ्वीराज सुकुमारन और मोहनलाल एक साथ दिखाए जाते हैं,तब इसे देखकर लगता है कि बॉक्स ऑफिस पर कुछ अलग ही कलेक्शन देखने को मिलने वाला है।
3-पृथ्वीराज के निर्देशन ने मचाई धूम
बॉलीवुड में बड़े मियाँ छोटे मियाँ में पृथ्वीराज सुकुमारन विलन के रूप में थे। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फेल रही थी।अगर इसका निर्देशन पृथ्वीराज सुकुमारन करते तो शायद यह हिट होती। एल2 एम्पुरान का निर्देशन इतने अच्छे ढंग से पृथ्वीराज सुकुमारन ने किया है जिसको शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता।
फिल्म में दिखाए गए कई सीन जब-जब बोर फील कराते हैं, बढ़िया डायरेक्शन और स्क्रीनप्ले के माध्यम से वो कब ऊपर की ओर उठ जाते हैं पता ही नहीं लगता। पृथ्वीराज सुकुमारन, मोहनलाल, टोविनो थॉमस इन तीनों की एक्टिंग जिस तरह से निकलकर आई है, फिल्म होने के बाद भी ये पात्र यादगार रहते हैं।
4-एल2 एम्पुरान ट्विस्ट और टर्न
ट्विस्ट और टर्न के बारे में बहुत कुछ नहीं बताया जा सकता। अगर बता दिया तो फिल्म देखने का मज़ा खराब हो जाएगा। हिंदी डबिंग काफी शानदार है, देखकर नहीं लगता कि इसे हिंदी भाषा में डब किया गया है। प्रोडक्शन वैल्यू हाई है जो कि एल2 एम्पुरान के हर एक सीन को देखकर पता लगती है। यह फिल्म मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को बदलने की क्षमता रखती है।
अभी के टाइम पर मलयालम फिल्म इंडस्ट्री दूसरी फिल्म इंडस्ट्री से पीछे है। 2024 में इस इंडस्ट्री को तकरीबन 650 से 700 करोड़ का शुद्ध नुकसान हुआ था।
निष्कर्ष
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के पास वो चीजें हैं जो और फिल्म इंडस्ट्री के पास नहीं हैं, वो है कंटेंट। अगर इनके पास एक बड़ा बजट आए तो इनकी फिल्मों का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। हमारा तो यही कहना है कि अगर आपके करीब में एल2 एम्पुरान लगी हुई है तो एक बार जाकर देखें।
यह आपके टाइम और पैसे को बर्बाद नहीं करने वाली। जहाँ आपको सिनेमैटोग्राफी, बीजीएम, एक्टिंग टॉप लेवल की मिलने वाली है। मेरी तरफ से एल2 एम्पुरान को दिए जाते हैं पाँच में से साढ़े तीन स्टार की रेटिंग।
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