dupahiya review in hindi:दो पहिए वाली चीज़ें यानी साइकिल और मोटरसाइकिल हम सबकी ज़िंदगी का हिस्सा रही हैं। लेकिन क्या हो जब एक मोटरसाइकिल की चोरी पूरे गांव को हिला दे। इसी मज़ेदार कॉन्सेप्ट के साथ आज 7 मार्च 2025 को अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई नई वेब सीरीज “दुपहिया“।
इस शो में कुल 9 एपिसोड हैं जिनकी लंबाई 33 से 39 मिनट के बीच है। जिसमें अपने डायरेक्शन का कमाल “सोनम नायर” ने दिखाया है,जिन्होंने पहले भी कई टीवी शोज़ में अपने डायरेक्शन की छाप छोड़ी है। तो चलिए जानते हैं कि क्या ये सीरीज आपका वीकेंड मज़ेदार बना सकती है या नहीं।
कास्ट:
गजराज राव,रेणुका शहाणे,भुवन अरोड़ा,स्पर्श श्रीवास्तव,शिवानी रघुवंशी,यशपाल शर्मा,कोमल कुशवाहा।
कहानी:
“दुपहिया” की कहानी बिहार के छोटे से गांव ‘धड़कपुर’ में शुरू होती है जहां का माहौल ऐसा है कि आपको लगेगा जैसे आप खुद वहां पहुंच गए हैं। कच्चे मकान,गाय,भैंस और गांव की सादगी सब कुछ इतना रियल लगता है कि शो में और भी गहराई आ जाती है।
कहानी की शुरुआत होती है शादी के लिए लड़की देखने आए लड़के वाले,सीन से जहां लड़की वाले और लड़के वाले बैठे हैं,माहौल भारतीय शादियों वाला है पर तभी ट्विस्ट आता है। दुल्हन (कोमल कुशवाहा) बड़ा बेटा छोड़ छोटे बेटे से शादी की ज़िद करती है। लड़के वाले मान तो जाते हैं, लेकिन एक शर्त रखते हैं दहेज में 3 लाख की मोटरसाइकिल।

लड़की के पिता बनवारी झा (गजराज राव) नरम दिल के हैं रिश्ता टूटने न दें,सो अपनी सारी जमापूंजी और फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़कर मोटरसाइकिल का जुगाड़ करते हैं। मोटरसाइकिल घर आती है खुशियां बंटती हैं,लेकिन दूसरे एपिसोड में बड़ा धमाका होता है। गांव 25 साल से क्राइम फ्री था और इसे सेलिब्रेट करने के लिए महोत्सव चल रहा होता है तभी खबर आती है मोटरसाइकिल चोरी हो गई।
शादी में बस 7 दिन बाकी हैं और अगर बाइक न मिली तो रिश्ता टूट जाएगा। अब पूरा गांव और लड़की का पुराना आशिक (भुवन अरोड़ा) इस चोरी का रहस्य सुलझाने में जुट जाते हैं। मज़े की बात ये कि पुलिस को भी दूर रखना है, वरना गांव का क्राइम फ्री रिकॉर्ड टूटेगा और बदनामी होगी। क्या मोटरसाइकिल मिलती है? क्या शादी बचती है? ये जानने के लिए तो आपको शो देखना पड़ेगा।
टेक्निकल एस्पेक्ट:
शो की सिनेमैटोग्राफी कमाल की है। गांव का हर सीन इतना साफ और वाइब्रेंट है कि आपको लगेगा आप वहां की हवा में सांस ले रहे हैं। किरदारों की एक्टिंग में बनावटीपन नहीं है जिसमे सब कुछ नेचुरल फील होता है। बैकग्राउंड म्यूज़िक भी कहानी के मूड को बढ़िया सपोर्ट करता है।
पॉजिटिव पॉइंट्स:
“दुपहिया” की सबसे बड़ी खासियत है इसका देसी टच। अगर आपको “पंचायत” जैसी सीरीज पसंद आई थी तो ये भी आपके दिल को छू लेगी। हर किरदार से आप कनेक्ट कर पाएंगे खासकर गजराज राव का पिता वाला रोल आपको इमोशनल कर देगा। शो में दहेज जैसा गंभीर मुद्दा भी उठाया गया है,जिसे हल्के फुल्के अंदाज़ में पेश किया गया है। डायलॉग्स में पंचलाइंस हैं जो हंसी का डोज़ देती हैं। कोमल कुशवाहा का किरदार भी सशक्त है जो नारी शक्ति की बात करता है और कहानी को और भी मज़बूत बनाता है।
नेगेटिव पॉइंट्स:
शो की कमज़ोरी है इसकी लंबाई जिसके 9 एपिसोड थोड़े ज़्यादा लगते हैं,अगर इसे 6 तक सीमित रखा जाता तो कहानी और टाइट होती। कुछ सीन जैसे “तंबाकू पीटने” वाला सीन बेवजह खींचे गए हैं जो बोरियत पैदा करते हैं। थ्रिलर का तड़का भी थोड़ा कमज़ोर है जो कहानी को और मज़ेदार बना सकता था।
निष्कर्ष:
अगर आप गांव की सादगी हल्की फुल्की कॉमेडी और ड्रामा के शौकीन हैं तो “दुपहिया” आपके लिए परफेक्ट वीकेंड वॉच है। ये “पंचायत” की तरह भारी कॉमेडी ड्रामा तो नहीं देती लेकिन अपने देसी अंदाज़ और मज़ेदार किरदारों से मनोरंजन ज़रूर करती है। इसे फैमिली के साथ भी एंजॉय कर सकते हैं।
फिल्मीड्रिप रेटिंग: 3.5/5
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