Paatal Lok Season 2 Review hindi:अमेजॉन प्राइम की सीरीज ‘पाताल लोक‘ जो कि तरुण तेजपाल द्वारा लिखित ‘द स्टोरी ऑफ माय एसैसिन्स’ पर आधारित है। इसका दूसरा सीजन ‘अमेजॉन प्राइम’ पर आज रिलीज कर दिया गया है इस सीजन में हमें टोटल 8 एपिसोड देखने को मिलते हैं और हर एपिसोड की लेंथ होगी 40 से 50 मिनट के बीच।
पिछली बार के जैसा ही इस बार भी यहां पर एक डार्क टॉपिक को उठाया गया है। आगे जानते हैं कैसा है यह शो और करते हैं इस सीजन का फुल रिव्यू।
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— FilmyDrip (@filmydrip) December 14, 2024
कहानी
हाथीराम की ज़िंदगी इस बार भी परेशानियों से भरी दिखाई पड़ रही है जहां उसकी बीवी और उसका साला दोनों यह चाहते हैं कि यह पुलिस की नौकरी छोड़कर कोई दूसरा काम धंदा ढूंढ ले तभी हाथीराम को एक नया केस मिलता है। जिसमें एक पत्नी अपने लापता पति को ढूंढ रही है,अब हाथीराम को इसके पति को ढूंढना है।
इस केस की इन्वेस्टीगेशन के दौरान हाथीराम के बड़े ऑफिसर ‘इमरान अंसारी’ के,नागालैंड वाले केस से ‘किस तरह से हाथीराम का केस जुड़ जाता है’ यह सब आपको सीरीज में देखने को मिलेगा।
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अब यहां पर सबसे बड़ी बात यह उठती है की सीजन 2 क्या सीजन वन की तरह ही दर्शकों के सामने अपना वही जादू दिखा पाया है या नहीं, तब यहां पर एक बात कही जा सकती है कि यह सीजन वन की तरह तो नहीं बन सका पर सुदीप शर्मा ने इस बार कुछ नया करने की कोशिश तो की है और उसमे सफल भी रहे है।
शो में की गई रिसर्च
जब भी किसी सीरीज का सीजन 2 आता है तो मन में यह डर होता है की क्या सीजन 2 सीजन 1 की तुलना उतना ही अच्छा होगा या नहीं। पाताल लोक के सीजन 2 में जो रिसर्च करी गई है खास तौर पर नागालैंड की और जिस तरह से इसे प्रेजेंट किया है वह हमें नागालैंड के छुपे हुए तथ्यों के साथ डिटेल में रिसर्च के साथ दिखाया गया है।इन्हीं छोटी-छोटी रिसर्च की वजह से शो को तैयार करने में 4 साल का वक्त लगा।
पाताल लोक सीजन 2 पॉजिटिव प्वाइंट
पाताल लोक सीजन 2 की कहानी के सभी एपिसोड में क्वालिटी कंटेंट देखने को मिल रहा है। जिस तरह से क्रिएटिव ढंग से छोटी-छोटी चीजों को डिटेल में दिखाया गया है, उदाहरण के रूप में हाथीराम एक छोटी फैमिली से रिलेट करता है ।
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एक मिडिल क्लास होने की वजह से हाथीराम के कैरेक्टर से दर्शकों का जुड़ाव महसूस कराने की पूरी कोशिश की गई है और इस कोशिश में मेकर पूरी तरह से सफल भी रहे हैं। सीजन 2 को जिस तरह से मेहनत और रिसर्च के साथ बनाया गया है उससे तो यही आशा हैं कि इसका सीजन 3 भी हमें देखने को मिले।
पाताल लोक सीजन 2 नेगेटिव पॉइंट
शो को थोड़ा लंबा खींचा गया है जिससे जो लोग मांस मसाला एंटरटेनमेंट फिल्में देखने की शौकीन है उन्हें यह सीरीज थोड़ी बोर लग सकती है अगर मेकर चाहते तो शो के एपिसोड थोड़े कम करके दिखाएं जा सकते थे।
प्रदर्शन
सीजन 2 में हम हाथीराम के कैरेक्टर से जिस तरह से जुड़ जाते हैं उसे देखकर एक दर्शक के रूप में हम हाथीराम को इस कैरेक्टर में हर बार देखना चाहेंगे मेकर भी इस बात को अच्छे से जानते हैं यही वजह है की सीजन 3 भी हमें जल्द ही देखने को मिलेगा।
हाथीराम ने अपने कैरेक्टर को इस तरह से बिल्ड किया है कि अगर इसके साथ शो में कुछ बुरा होता है तो वह दर्द आप भी महसूस करते हैं। मेकर ने पूरा फोकस हाथीराम के कैरेक्टर पर ही रखा है और यही वजह है कि शो में कोई भी ऐसा कैरेक्टर नहीं है जो सीरीज के खत्म होने के बाद याद किया जा सके। वहीं अगर सीजन वन की बात की जाए तो हथोड़ा त्यागी का कैरेक्टर ऐसा था जो की सीजन वन की समाप्ति के बाद भी याद किया गया था।
शो की प्रिडिक्टिबिलिटी
नए दर्शकों के लिए इस सीरीज को प्रिडिक्ट करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप एक अनुभवी फ़िल्म और वेब सीरीज दर्शक हैं तब आप इसके कई सीन को आसानी से प्रिडिक्ट कर सकते हैं। मेकर्स द्वारा सस्पेंस सीन में दिए गए हिंट के कारण यह शो प्रिडिक्टेबल बन जाता है।
अगर ये हिंट नहीं होते, तो शायद सस्पेंस का भाव पूरे शो में बना रहता। किसी भी सीरीज को देखने में मजा तब नहीं आता जब हम पहले ही उसकी कहानी को प्रिडिक्ट कर लेते हैं और आगे वही देखने को मिलता है। यही इस सीरीज के कुछ एपिसोड्स में देखने को मिलता है।
पाताल लोक सीजन 2 के 5 महत्वपूर्ण बिंदु
एक्शन
क्योंकि यह एक सीरीज है तब आपको यहां बहुत ज्यादा एक्शन तो देखने को नहीं मिलेगा,क्योंकि किसी भी शो या सीरीज में फिल्मों जैसा एक्शन नहीं दिखाया जाता। तब,अगर आप इस सीरीज को देखने से पहले यह अनुमान लगाये कि यहां पर आपको ढेर सारा एक्शन एडवेंचर देखने को मिलेगा ,यहां थोड़ी निराशा ही हासिल होगी।
कॉमेडी
सीजन 1 के जैसी यहां सीजन 2 में कॉमेडी उतनी देखने को नहीं मिलती है। पर फिर भी गालियों के माध्यम से थोड़ी बहुत कॉमेडी को डाला गया है। अगर आपको कॉमेडी सीरीज देखना पसंद है तब यहां आपको निराशा ही हाथ लगने वाली है इसका पहला सीजन सीरियसनेस के साथ-साथ कॉमेडी के तड़के के साथ आगे बढ़ता है जो कि सीजन 2 में हमे देखने को नहीं मिलता।
ड्रामा
शो का मेंन और प्लस पॉइंट है इसका ड्रामा कंटेंट जो सभी एपिसोड को आगे बढ़ाने में मदद करता है। अपने ड्रामे की वजह से ही शो शुरुआत से अंत तक दर्शको को खुद से बांधे रखता है।
सस्पेंस
मेकर ने पूरी सीरीज में सस्पेंस थ्रिल बनाकर रखा है शुरुआत से जो हमारे दिमाग में प्रश्न चल रहा होता है उसका उत्तर छटे एपिसोड में जाकर मिलता है पहले सीजन की तुलना सीजन 2 में मार काट वाले सीन बहुत कम देखने को मिले हैं।
टेक्निकल एक्सपेक्ट
इस का बीजीएम ,सिनेमैटोग्राफी,कलर ग्रेडिंग, साउंड डिजाइनिंग शानदार है।वही नागालैंड के जितने भी दृश्य दिखाए गए हैं वह काफी फ्रेश हैं। कुल मिलाकर देखें तो इसके टेक्निकल प्वाइंट पहले सीजन के जैसे ही हैं।
निष्कर्ष
कंटेंट की क्वालिटी और कहानी का संतुलन सीजन 2 के इस सफर का अंत एक अच्छे मोड़ पर लाकर करता है सीरीज के आखिरी एपिसोड में हाथीराम कि अपने कैरेक्टर के प्रति ईमानदारी और उसकी जो हंसी है
वह कहीं ना कहीं हमारे दिल को छू जाती है। सीजन वन की तरह ही सीजन 2 में भी सुदीप ने एक अच्छा संदेश दिया है जिस तरह से पूरे शो को टेंशन भरे माहौल में ढाल कर हमारे सामने प्रेजेंट किया गया है वह इसके सभी एपिसोड को और भी रोमांचकारी बनाता है।
फिल्मी ड्रिप की तरफ से सीजन 2 को दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार।
नोट:फैमिली के साथ न देखे
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