प्राइम वीडियो पर एवरी मिनट काउंट्स नाम का एक शो रिलीज़ किया गया है। यह शो एक मेक्सिकन डिज़ास्टर थ्रिलर सीरीज़ है। आइए जानते हैं कि कैसी है यह सीरीज़, क्या आपको इसे अपना कीमती वक्त देना चाहिए या नहीं, यह सब जानने के लिए पढ़ें हमारा एवरी मिनट काउंट्स का रिव्यू।
अगर आपको डिज़ास्टर फिल्में देखना पसंद हैं, तो यह शो आपके लिए ही बनाया गया है। इस शो में हमें कुल 6 एपिसोड देखने को मिलते हैं। और इन सभी एपिसोड की लंबाई 30 से 35 मिनट के आसपास की है। यह सीरीज़ एक सच्ची घटना पर आधारित है। शो की कहानी मेक्सिको में 1985 में आए भूकंप पर आधारित है, यह भूकंप 8.0 तीव्रता वाला मापा गया था।
8.0 की तीव्रता वाला भूकंप आबादी वाली जगह को पूरी तरह से तबाह कर देता है। शो को हमारे सामने बेहद रचनात्मक ढंग से पेश किया गया है। एवरी मिनट काउंट्स शो को बहुत तेज़ी के साथ हमारे सामने प्रस्तुत किया जाता है, जिससे शो को देखते वक्त हमारी उत्सुकता बनी रहती है।
यह एक वजह है कि शो कब खत्म हो गया, हमें पता ही नहीं चलता। शो की हिंदी डबिंग बहुत अच्छे से की गई है। शो में आपको डॉक्टर, पत्रकार और एक परिवार की कहानी देखने को मिलती है। यह एक सर्वाइवल ड्रामा सीरीज़ है, जिसमें दिखाया गया है कि किस तरह से भूकंप आने के बाद लोग ज़मीन के अंदर दब जाते हैं।
और किस तरह ज़िंदगी और मौत से लड़ते हैं। शो के माध्यम से यह भी दर्शाया गया है कि जिस देश में भूकंप आता है, उस देश पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है, वहां के लोगों की ज़िंदगी पर उसका क्या असर पड़ता है। भारत में भी कई बार भूकंप महसूस किए गए हैं, जिसमें गुजरात ने कुछ विनाशकारी भूकंप को झेला है।
शो में दिखाया गया है कि किस तरह से लोग 8.0 की तीव्रता वाले भूकंप को झेलते हैं। और जब इस तरह के भूकंप आएं, तो उनसे किस तरह बचा जा सकता है। अगर इन सभी बातों को जानने की ज़रूरत आपके अंदर है, तो आप इस शो को देख सकते हैं। फ़िल्मी ड्रिप की टीम को यह सीरीज़ काफ़ी अच्छी लगी है। शो में जिस तरह से डिज़ास्टर ड्रामा को प्रस्तुत किया गया है, वह अपने आप में बहुत ही शानदार है।
यह एक वास्तविक ज़िंदगी पर आधारित सीरीज़ है, इसलिए सीरीज़ में बहुत ज़्यादा मिर्च-मसाला नहीं जोड़ा गया है। इस तरह के जितने भी शो होते हैं, उन शो को बनाने के समय मेकर यही चाहता है कि शो को ज़्यादा से ज़्यादा वास्तविक बनाया जाए। अगर शो को वास्तविक ढंग से पेश किया जाता है, तो दर्शक उस शो से उतना ही अच्छे तरीके से जुड़ पाते हैं।
मेकर के काम की सराहना करनी होगी कि उन्होंने इतने रचनात्मक ढंग से इस सीरीज़ को हमारे सामने प्रस्तुत किया है। अगर आपको भी वास्तविक ज़िंदगी पर आधारित फ़िल्में या वेब सीरीज़ देखना पसंद है, तो आप इस शो को देख सकते हैं। जब यह भूकंप मेक्सिको में आया था, तब इस भूकंप में लगभग 5,000 से 10,000 लोगों के मरने की आशंका जताई गई थी।
भूकंप आने के बाद शो के किरदार जिस तरह से फंस जाते हैं, उन सभी दृश्यों को जिस तरह से शूट किया गया है, उन्हें देखकर बिल्कुल भी ऐसा नहीं लगता कि आप कोई वेब सीरीज़ देख रहे हैं। आपको ऐसा लगेगा कि आपके सामने ही यह सब कुछ हो रहा है। शो में एक डॉक्टर है, जो अपनी टीम को बचाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर एक पत्रकार है, जो इस पूरी स्थिति को दिखाने में लगा है।
इसी तरह के कई समूहों में आपको छोटे-छोटे किरदारों की कहानी देखने को मिलेगी। अब भूकंप आने के बाद कौन बचता है और कौन मर जाता है, शो में एक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है, वह कितना सफल रहता है, यह सब आपको इस शो को देखने के बाद ही पता चलेगा।
रेस्क्यू मिशन में बहुत सारे आपको रोमांचक पल देखने को मिलते हैं। कुछ बच्चे और बुज़ुर्ग जिस तरह से इमारत में फंस जाते हैं, वह बिल्कुल वास्तविक अनुभव देता है।
खामियां
सीरीज़ में रोमांचक पल बहुत कम हैं। ज्यादातर देखा गया है कि डिज़ास्टर फ़िल्मों में जिस तरह की परिस्थितियां पैदा की जाती हैं, जिसे देखकर तनाव पैदा होता है, वह तनाव इस शो में हम कहीं मिस कर देते हैं। सीरीज़ में उत्साह की भावना नहीं आती। शो की सबसे बड़ी समस्या है इसके किरदार, क्योंकि सीरीज़ के किसी भी किरदार के साथ आप भावनात्मक रूप से जुड़ नहीं पाते हैं।
शो के किरदारों के विकास को अच्छे से नहीं किया गया है। सीरीज़ में जब आपका कोई पसंदीदा किरदार मरता है, तो आपको उतना ज़्यादा अफ़सोस नहीं होता, जितना कि आपको होना चाहिए था। शो में दिखाए गए डॉक्टर का किरदार और एक पत्रकार के किरदार से ही आप बस जुड़ पाते हैं। सीरीज़ में एक भी ऐसा पल नहीं है, जिसे देखकर आपको लगे कि अब आगे क्या होने वाला है।
निष्कर्ष
शो में दिखाई गई सभी चीजें आपको वास्तविक अनुभव कराती हैं। शो को देखते वक्त आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगेगा कि मेकर ने अपनी तरफ से कुछ असाधारण सीरीज़ में जोड़ा हो। इसकी एक वजह यह भी है कि जब वास्तविक ज़िंदगी में कुछ हो चुका होता है, तब उसमें मेकर कुछ भी मिर्च-मसाला डालकर पेश नहीं कर सकता।
शो की कहानी कहने का तरीका थोड़ा सपाट है। यह शो आपको कहीं से भी बोर नहीं करेगा और आप इस शो को अपनी पूरी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं। शो की प्रोडक्शन क्वालिटी, सिनेमैटोग्राफी, म्यूज़िक, हिंदी डबिंग, सब कुछ परफेक्ट है। अगर आपको छोटे शो देखना पसंद नहीं है, तो इस सीरीज़ से आप दूरी बना सकते हैं। हमारी तरफ से सीरीज़ को पांच में से तीन स्टार दिए जाते हैं।
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