Dhoom Dhaam Movie Review: नेटफ्लिक्स की थ्रिलर-रोमांस फिल्म, प्रतीक गांधी और यामी गौतम के साथ।

dhoom dhaam movie review

आज 14 फरवरी, 2025 के दिन ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने एक नई फिल्म रिलीज़ की है, जिसका नाम “धूम धाम” है। इसकी लंबाई एक घंटा 49 मिनट की है। अब क्योंकि आज का दिन काफ़ी ख़ास है (14 फरवरी को प्रेमी जोड़ों का दिन), इसी को देखते हुए फिल्म की कहानी में भी प्रेम भावना झलकती है, हालांकि यह प्रेम थोड़ा अलग है।

मूवी के मुख्य किरदारों की बात करें तो इसमें ‘प्रतीक गांधी’ और ‘यामी गौतम’ नज़र आते हैं। प्रतीक ने साल 2020 में आई वेब सीरीज़ ‘स्कैम 1992’ से काफ़ी चर्चाएं बटोरी थीं, तो वहीं यामी गौतम ने ‘विकी डोनर’ जैसी फिल्म से ख़ास पहचान बनाई है।

‘धूम धाम’ का निर्देशन ‘ऋषभ सेठ’ ने किया है, जो इससे पहले भी कुछ फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। चलिए, जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी और करते हैं ‘धूम धाम’ का डिटेल मूवी रिव्यू।

फिल्म की कहानी

फिल्म के पहले सीन की शुरुआत मुंह पर मुखौटा बांधे कुछ लोगों से होती है, जो किसी कार का तेज़ी से पीछा कर रहे हैं। इन्हें देखकर साफ़ पता चलता है कि ये सभी लूटपाट के इरादे से आए हैं। ये अपना मकसद पूरा करके एक बैग लेकर भाग जाते हैं, हालांकि इस बैग में पैसे थे या कुछ और, यह अभी रहस्य बना रहता है।

तभी सीन बदलता है और स्क्रीन पर ‘प्रतीक गांधी’ (वीर चड्ढा) नज़र आते हैं, जो एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वहीं दूसरी ओर ‘यामी गौतम’ (कोयल चड्ढा) एक गुजराती परिवार से हैं। इन दोनों की शादी तय हो रही है, लेकिन पंडित जी के अनुसार ‘मुहूर्त’ के चलते शादी दो हफ़्तों के भीतर ही होनी चाहिए।

यहीं से शुरू होता है कहानी का ट्विस्ट। वीर और कोयल की सुहागरात के दिन कुछ नकाबपोश लोग उनके होटल रूम में घुस जाते हैं और ‘चार्ली’ के बारे में पूछते हैं। चार्ली वह इंसान है, जो एक माफिया गैंग (जिसका सरगना प्रदीप है) की गुप्त फाइलों को पेन ड्राइव में सुरक्षित कर पुलिस को सौंपने वाला है।

बाद में पता चलता है कि यह पूरी कहानी वीर के अंकल (खुशवंत) से जुड़ी हुई है, जिन्होंने शादी के दौरान वह पेन ड्राइव वीर के बैग में छिपा दी थी। अब यह बैग गायब हो चुका है, और फिल्म की आगे की कहानी इसी पेन ड्राइव को पाने की होड़ पर आधारित है, जिसमें माफिया गैंग, सीआईडी और पुलिस सभी शामिल हैं।

टेक्निकल एस्पेक्ट

फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक काफ़ी लाउड है, जिसे देखकर लगता है कि थ्रिलिंग मोमेंट्स को जबरदस्ती क्रिएट किया जा रहा है। अधिकतर सीन रात के समय शूट किए गए हैं, लेकिन वे भी कहानी को कोई ख़ास गहराई नहीं दे पाते।

निगेटिव पहलू

यामी गौतम का एक्टिंग स्टाइल इस रोल के लिए बिल्कुल भी सूट नहीं करता। उनकी एक्टिंग में नैचुरलनेस की कमी साफ़ झलकती है।

फिल्म के पहले हाफ़ में एक लंबा पीछा करने वाला सीन है, जो इतना खिंचा हुआ है कि दर्शकों का धैर्य टेस्ट कर देता है।

पॉजिटिव एस्पेक्ट

अगर आप छोटी और फ़ास्ट-पेस्ड फिल्म पसंद करते हैं, तो ‘धूम धाम’ आपके लिए है।

प्रतीक गांधी ने अपने रोल को मज़बूती से निभाया है, हालांकि यह ‘स्कैम 1992’ जैसा यादगार परफॉर्मेंस नहीं है।

“फिल्म के फर्स्ट हाफ में एक काफ़ी लंबा सीन है, जिसमें वीर और कोयल का पीछा कुछ गुंडों द्वारा किया जा रहा है। और यकीन मानें यह सीन इतना लंबा है कि, इस बीच मैंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में 50 से 60 रील देख डालीं, फिर भी यह सीन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था।”

निष्कर्ष

अगर आप “प्रतीक गांधी” के फ़ैन हैं या Netflix का सब्सक्रिप्शन पहले से लिया हुआ है, तो बिना किसी उम्मीद के इसे देख सकते हैं। वरना, यह फिल्म एक “डिस्पोजेबल वॉच” से ज़्यादा कुछ नहीं है।

फिल्मीड्रिप रेटिंग: 2.5/5 ⭐ ⭐

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    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है, मैने अपने ब्लॉगिंग करियर की शुरवात साल 2023 में न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी। वर्तमान समय मे,भारत की सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई डेडीकेटेड हिंदी एंटरटेंमंट वेबसाइट,फिल्मीड्रीप के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ। मुख्य तौर पर मै फिल्मों और एंटरटेनमेंट से जुड़ी हुई ट्रेंडिंग और वायरल खबरों का एक्सपर्ट हूं। आशा करता हूँ की मेरे द्वारा दी गई हर एक जानकारी सटीक और भरोसेमंद हो,जिसे पढ़ कर आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे, धन्यवाद।

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