!!प्यार, ब्रेकअप, डिप्रेशन की एक भावनात्मक यात्रा!!
Colourrs of Love review hindi :ज़ी 5 पर दिव्येश लिम्बानी के निर्देशन में कलर आफ लोव नाम की एक फिल्म रिलीज़ हुई है। इस फिल्म का ट्रेलर कुछ खास नहीं था। पर ट्रेलर को देख कर किसी भी फिल्म को जज नहीं करना चाहिये ये बात हमें “कलर आफ लव ” ने सिखा दी है।
फिल्म का नाम भले ही कलर ऑफ़ लव है पर इसमें प्यार में होने वाली जटिलताओ को दिखाया है। क्या है फिल्म की कहानी क्या इस फिल्म को आपको अपना टाइम देना चाहिये आइये जानते है कलर आफ लाइफ के इस रिव्यु में।
कहानी
कहानी शुरू होती है अभी नाम के लड़के से जो शराब और सिगरेट के नशे में धुत दिखायी दे रहा है। ये पहली बार में देखने पर कबीर सिंह की याद दिलाता है।
अभी पेशे से एम बी बी एस सेक्स थेरपिस्ट डॉक्टर है। जहा लोग अपनी ख़ुशी देखते है वहा ये बीमारी ढूंडते है। अभी की माँ एक राइटर है इसका क़रीबी मोहित नाम का एक दोस्त भी होता है जिसके 23 “कैफे” की एक चेन है।
अभी बहुत साधारण रहने वाला एक शर्मीला लड़का है इसको श्रुति नाम की लड़की पसंद आजाती है और ये श्रुति से प्यार कर बैठता है ,श्रुति एक इंटिरयर डिज़ाइनर और पेंटर है । पर श्रुति किसी और से प्यार करती है,तब इन दोनों का ब्रेकअप हो जाता है।
“अभी” इन सब चीज़ो को लेकर डिप्रेशन में चला जाता है। इस डिप्रेशन में अभी का दोस्त “मोहित”अभी की बहुत मदद करता है,मोहित के कैरेक्टर को देख कर लगता है के हर किसी की ज़िंदगी में एक ऐसा दोस्त होना चाहिये।
कहानी शुरुवात में थोड़ी स्लो लगती है कुछ समझ में नहीं आरहा होता है के क्या चल रहा है क्युकी कहानी को पास्ट और प्रजेंट दोनों में एक साथ चलते दिखाया गया है। दो घंटे एक मिनट की ये फिल्म आपको निराश नही करती। ये फिल्म सबके लिये नहीं है ये एक सीरियस कहानी है इसमें हमें मास मसाला देखने को नहीं मिलता।
कहानी हमारे इमोशन पर वार करती है फिल्म पूरी तरह से इंगेज रखती है जो देख कर मज़ा आता है। शायद सभी की ज़िंदगी में एक ऐसा दौरआता है जिसमे प्यार होता है ,ब्रेकअप होता है एक उम्र में कुछ समझ नहीं आता के क्या सही क्या गलत है। यही सब चीज़े हमें इस फिल्म में देखने को मिलती है।
अब “अभी” की ज़िंदगी में आगे क्या होता है ये सब आपको फिल्म देख कर ही पता लगेगा इसके लिये आपको ये फिल्म देखने के लिये ज़ी 5 पर जाना होगा।
करेक्टर परफॉर्मेंस
अभी (स्मरण साहू)ने अपने करेक्टर को अच्छे से निभाया है फिल्म में इनकी एक्टिंग रियल फील देती है,अभी की माँ दीपिका अमीन ने भी अपने काम को अच्छे से किया है इनके इस करेक्टर को देख कर लगता है के हर किसी की “माँ” ऐसी ही होनी चाहिएं। पवन चोपड़ा ने भी अच्छा काम किया है। और जो सबसे अच्छी परफॉर्मेंस रही है वो है अभी के दोस्त मोहित जिनकी एक्टिंग से फिल्म में पोज़िटिवटी बनी रहती है।
क्यों देखे कलर आफ लाइफ
कहानी एक टीवी शो की तरह चलती है जिसे देख कर लगता है के आप किसी टीवी शो को देख रहे हो पर फिर भी आप इस कहानी से प्यार करने लग जाते है। कही-कही पर कहानी थोड़ी स्लो हो जाती है पर फिर भी फिल्म देख कर मज़ा आता है। फिल्म की कहानी कई जगह हमें हैरान करती है। ट्रेलर देख कर फिल्म से जादा उम्मीद नहीं थी पर फिल्म में हमें हमारी उम्मीदों से बेहतर मिला। एक बार ये फिल्म देखि जा सकती है
निष्कर्ष
फिल्म एक सीख देकर जाती है, जो हमे हमारी असल ज़िंदगी में हमें प्रेरित करेगी। एक बार आप इस फिल्म को देख सकते है इसकी सीधी साधी सिम्पल कहानी आपके मन को भा सकती है।डिप्रेशन के पहलू को फिल्म में अच्छे से दर्शाया गया है। कलर आफ लाइफ फैमिली के साथ बैठ कर देखने वाली नहीं है क्युकी गाली गलौज के साथ एडल्ट सीन भी फिल्म में देखने को मिलते है।
फ़िल्मीड्रिप की तरफ से 5 में से 3 *** स्टार दिये जाते है
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