अपवित्र इश्क को पाकीज़ा बनाती “Amar Prem Ki Prem Kahani”

Amar Prem Ki Prem Kahani Review hindi

Amar Prem Ki Prem Kahani Review hindi:4 अक्टूबर को जियो सिनेमा पर “अमर प्रेम की कहानी” नाम की एक फिल्म रिलीज़ हुईं है। जिसका निर्देशन हार्दिक गज्जर ने किया है, फिल्म में सनी सिंह,आदित्य सील,प्रनूतन बहल मुख्य भूमिकाओं में दिखायी देंगे । ये एक ड्रामा फिल्म है पर इसका टॉपिक ड्रामा फिल्मो से थोड़ा हट कर है।

1 घंटा 57 मिनट 37 सेकंड की ये फिल्म आप को पूरी तरह से बांधे रखने में कामयाब होती है। जहा शुरुवात में फिल्म की स्टोरी थोड़ी बोरिंग लगती है,पर जैसे-जैसे ये अपनी रफ़्तार पकड़ती है तब इसकी कहानी काफी एंगेजिंग बन जाती है कैसी है ये फिल्म क्या आपको इस फिल्म को अपना समय देना चाहिये या नहीं आइये जानते है।

कहानी

कहानी अमर नाम के लड़के की है जिसके माँ बाप अब इस दुनिया में नहीं है,ये एक पंजाबी फैमली से ताल्लुक रखता है अमर 6 बहनो में एकलौता भाई है अमर की परवरिश दादा दादी ने की है ,घर वाले उसकी शादी करने के लिये पीछे पड़े है। पर अमर “LGBTQ” समाज का हिस्सा है।

जिसमे लड़को को सिर्फ लड़के ही पसंद आते है और यही वजह है के अमर को एक गांव का पहलवान समीर नाम के लड़के से प्यार है। और वो किसी भी लड़की से शादी नहीं करना चाहता।

इन सबसे बचने के लिये अमर अपने मामा के पास लंदन चला जाता है लंदन में इसके मामा का रेस्टोरेंट है इसके मामा के रेस्टोरेंट के पास ही एक और कैफे है,जिसका मालिक है प्रेम ,प्रेम और अमर की मुलाक़ात एयरपोर्ट पर ही हो जाती है,और यही से इनदोनो में प्यार की सिलसिला शुरू हो जाता है।

अमर के घर वाले उसकी शादी करवाने जा रहे है तभी लंदन से प्रेम आजाता है और वो अमर को घर वालो के सामने अमर को किस कर लेता है ये किस देख अमर के दादा कोमा में चले जाते है। एक पंजाबी परिवार में सबके सामने अगर ऐसा कुछ हो तो क्या होगा इसकी कल्पना की जा सकती है।

प्रेम बंगाली है और अमर पंजाबी,जब इन दोनों की फैमिली मिलती है तब अजब गजब कॉमेडी का सिलसिला शुरू हो जाता है।

Amar Prem Ki Prem Kahani  Review hindi

pic credit instagram

करेक्टर परफॉर्मेंस

फिल्म के सभी कलाकारों की बेहतरीन एक्टिंग देखने को मिलती है,ख़ास कर के अमर की दादी “बलजिंदर कौल” की इनकी परफॉर्मेंस बहुत अच्छी है। फिल्म में दिखाये गये इनके कॉमेडी पंच किसी के भी चेहरे पर हंसी ला सकते है।

अमर के दादा “तरसेम पॉल” ने कोमा में रहते हुए जिस तरह का रिएक्शन दिया है,उसकी जितनी भी सराहना की जाये कम है। एयर पोर्ट का एक सीन भावुक करने वाला है जो दादा पोते के प्यार को दर्शाता है।

डायलॉग

रुपिंदर इंद्रजीत ने डायलॉग लिखे है और सभी डायलॉग अच्छे है। कुछ पंच लाइन बहुत अच्छी है जैसे

“बचपन में मेला देखने के बहाने बीजी से शादी कर के लाये थे जवानी से पहले ही इनको बुढ़ापा शुरू हो गया था”

“एक ही तो ज़िंदगी है अगर सोचने बैठो गे तो जियो गे कब”

निष्कर्ष

फिल्म हमे कही भी बोर नहीं करती साथ ही एक सोशल संदेश भी दे कर जाती है के अगर लड़के को लड़का पसंद हो तो उसे हाँ कर देना चाहिये इन चीज़ो को आज भी हमारा समाज नहीं अपनाता है। फिल्म के कोमेडी सीन,स्क्रीन प्ले,म्यूज़िक,क्लाइमेक्स सब कुछ अच्छा है। अरेबियन म्यूज़िक में फिल्म का दूसरा गाना “धीमी धीमी” काफी प्रभावशाली है।

फ़िल्मीड्रिप की तरफ से इस फिल्म को दिये जाते है पांच में से तीन स्टार

Rate this post

Author

  • amir khan

    हेलो दोस्तों मेरा नाम आमिर खान है और मैंने मॉस कॉम में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है । मै बॉलीवुड से जुडी हुई न्यूज़ पब्लिश करता हूँ ये न्यूज़ मै इंस्टाग्राम और अलग अलग शोशल नेटवर्किंग साईट से निकालता हूँ ताकि आप लोगो तक बॉलीवुड से जुडी खबर सबसे पहले पंहुचा सकूँ मेरे द्वारा लिखी गई कोई भी न्यूज़ अभी तक फ़र्ज़ी साबित नहीं हुई है मै यही कोशिश करता हूँ के अपने पाठको तक सही खबर ही पहुचाऊं धन्यवाद।

    View all posts
Social Share

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment