Abhishek-bachchan I Want to Talk review hindi:जब हम किसी फिल्म के फर्स्ट डे फर्स्ट शो को देखते हैं और फिल्म देखकर सिनेमा घर से जो बाहर निकलते हैं तब अगर आपकी समझ में ना आए की फिल्म के बारे में क्या कहा जाए, वहां पर दो बातें निकल कर सामने आती हैं या तो फिल्म बहुत खराब है या फिल्म हमारे दिल को छू गई।अभिषेक बच्चन की फिल्म आई वांट टू टॉक (I Want To Talk) आपके दिल को बहुत कुछ महसूस कराने वाली है।
कैसी है यह फिल्म-
अभिषेक बच्चन की फिल्म घूमर जोकि 2023 में आई थी यह अपना प्रभाव दर्शको पर न डाल सकी लगभग डेढ़ साल बाद अब अभिषेक बच्चन अपनी अपकमिंग फिल्म आई वांट टू टॉक में नजर आ रहे हैं आपको क्या इस फिल्म को अपना कीमती टाइम देना चाहिए यह नहीं,आइए जानते हैं हमारे इस रिव्यू के माध्यम से।
रिव्यू-
यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है,जिसमें सुजीत सरकार ने एक मरते हुए आदमी को जीवित कर दिया। फिल्म “अर्जुन सेन” के किरदार पर आधारित है जो की मार्केटिंग डिपार्टमेंट में काम करते हैं और इन्हें इसी बीच कैंसर हो जाता है, कैंसर होने के बाद अर्जुन की इतनी सर्जरी कराई जाती हैं की जॉनी लीवर इनका नाम सर्जरी सेन रख देते हैं। अभिषेक बच्चन (अर्जुन सेन) की अपनी बीवी से तलाक हो चुकी है,इनकी एक छोटी बेटी भी है जिसे हफ्ते में दो बार मोहलत मिलती है अर्जुन से मिलने की।
अब इनकी जिंदगी में क्या रहता है यह लड़ता है या ज़िंदगी से हार मान लेता है यही सब आपको फिल्म में देखने को मिलेगा ।
सही मायने में अगर देखा जाए तो अब तक का अभिषेक बच्चन की यह बेस्ट परफॉर्मेंस है।
जिसमें वह एक गंभीर बीमारी से जूझते हुए अपनी इच्छा शक्ति के बल से लड़ते दिखाई दिए हैं, जब हमारे हीरो अर्जुन के पास सिर्फ 100 दिन बचे होते हैं तब वह दृढ़ संकल्प लेते हैं कि वह इस बीमारी से अंत तक लड़ेंगे और जीवित रहेंगे।
जो अर्जुन कैलिफोर्निया में मार्केटिंग में धूम मचा रहा होता है तब उसकी ज़िंदगी अचानक से कई मोड़ पर आकर रुक जाती है , जहा एक तरफ अर्जुन की तलाक हो गयी है और दूसरी तरफ वो कैंसर से जूझ रहा है।
फिल्म कहीं कहीं पर स्लो हो जाती है पर इस ठहराव को देखकर भी काफी अच्छा महसूस होता है। अगर आपके आसपास या आपके घर में कोई इस तरह से बीमार हुआ है और उसकी सर्जरी हुई है,तब यह फिल्म आपको अंदर से झंझोड़ कर रख देगी यही इस फिल्म का स्ट्रांग पॉइंट है। फिल्म ने हमसे बहुत कुछ कहा और महसूस कराया, अगर आपको यह महसूस करना है तो उसके लिए आपको सिनेमाघर तक जाना होगा।
भूत पिशाच एक्शन से हटके और कॉमेडी से अलग इस शोर भरी दुनिया से दूर जाकर अगर आप कुछ अच्छा देखना चाहते हैं तो सुजीत की अब तक की बेस्ट फिल्म आई वांट टू टॉक जरूर देखें।
प्रदर्शन-
सुजीत सरकार हमेशा से सिर्फ उन्ही कलाकारों को अपनी फिल्मों में लेते हैं,जो उनकी फिल्मों के कैरेक्टर्स में पूरी तरह से समा सकें। अभिषेक बच्चन को देखकर ऐसा लगता है कि वह इस कैरेक्टर के लिए ही बने है, जिस तरह से उन्होंने अपनी आंखों और अपने हाव-भाव से एक कैंसर पेशेंट की भूमिका फिल्म में निभाई है वह सराहनीय है।फिल्म में हमें जॉनी लीवर के साथ-साथ जयंत कृपलानी और क्रिस्टिन गोडार्ड,टॉम मैक्लेरेन भी देखने को मिलते हैं।
सुजीत सरकार हमेशा से अलग तरह की फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं उनकी पिछली फिल्में पीकू और अक्टूबर को ही देख लें जो थोड़ी हटकर क्रिएटिव ढंग से हमारे सामने प्रजेंट की गई थी। हालांकि यह फिल्में उतनी सफल न हो सकी जितनी होनी चाहिए थी क्योंकि इस तरह की फिल्मों को दर्शक कुछ कम पसंद करते हैं और इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि यह फिल्में मासी ना हो करके क्लासी होती हैं।सुजीत सरकार ने फिल्म में अपनी क्रिएटिविटी को भर भर के इस्तेमाल किया है।
एक अच्छा निर्देशन वह होता है जो अपनी कहानी के ज़रिये दर्शकों के दिलों में अपना गहरा प्रभाव छोड़ सके जिसमें डायरेक्टर सुजीत सरकार कामयाब हुए हैं। फिल्म में म्यूजिक इसके इमोशनल सीन्स को और भी ज्यादा भावात्मक बनाते हैं।
इसके सभी सीन कहानी के अनुसार ही विजुअल और सिनेमैटोग्राफी के ज़रिये और भी रोचक बनाते हैं।कहानी एक लय में चलती है कहीं पर भी बिखरी हुई नजर नहीं आती है।
इस फिल्म को कम शो क्यों मिले?
पूरे इंडिया के सिनेमाघर में इस फिल्म को काफी कम शो दिए गए हैं छोटे शहरों में तो इसे लगाया ही नहीं गया।मुंबई की बात करें तो इसके मॉर्निंग के शो कुछ ही जगह लगाए गए हैं।
फिल्म का बजट 20 करोड रुपए बताया जा रहा है। जिस तरह से इसके शो हैं उसे देख कर ऐसा लग रहा है की यह अपने पहले दिन पर एक करोड रुपए भी नहीं कमा सकेगी। यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि अभिषेक बच्चन के सभी फैंस काफी उत्साहित हैं इस फिल्म को देखने के लिए , पर जब इस फिल्म के ज्यादा शो ही नहीं लगाए गए हैं तो लोग इसे देखने कहां जाएंगे।
अब इस गलती के लिए किसको दोष दिया जाए डिस्ट्रीब्यूटर को या इस फिल्म के मेकर्स को या फिर एक्जीबिटर्स को।
करण अर्जुन और पुष्पा के री रिलीज को भी इससे ज्यादा शो दिए गए हैं। फिल्म के डायरेक्टर एक्टर और इसके सभी कलाकारों ने बढ़िया काम किया है यहां पर गलती प्रोड्यूसर की है कि भारत में इसके शो इतने कम क्यों रक्खे गए।
आई वांट टू टॉक ओटीटी रिलीज डेट-
अभिषेक बच्चन की आई वांट टू टॉक फिल्म को छोटे शहरों में शो नहीं मिल पाने के कारण फिल्म को कहां देखें यह जानने के लिए अभिषेक के फैन बेचैन है अभी इस फिल्म के राइट्स किसी भी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने नहीं खरीदे है।
पर ओटीटी प्ले के माध्यम से मिली सूचना के अनुसार इस फिल्म को अमेजॉन प्राइम पर स्ट्रीम होते हुए देखा जा सकता है क्योंकि सुजीत सरकार की पिछली दो फिल्में गुलाबो सिताबो और सरदार उधम प्राइम वीडियो पर ही रिलीज की गई थी। तब यह फिल्म आपको 2025 जनवरी के महीने में प्राइम वीडियो पर देखने को मिल सकती जिसके लिए आपको दो महीनो का इंतजार करना होगा।
फिल्म में अभिषेक बच्चन की कास्टिंग-
सुजीत सरकार ने एक इंटरव्यू के माध्यम से बताया है, कि वह अभिषेक बच्चन से ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में मिले थे और रात का खाना साथ खाया, तब मुझे इस फिल्म के मेंन कैरेक्टर के लिए जिस इंसान की तलाश थी वह अभिषेक बच्चन की आंखों में मुझे दिखाई दिया अभिषेक बच्चन की आंखें उनकी मां जया बच्चन की तरह ही मासूम हैं। और यह मेरी आशाओं पर खरे उतरे इन्होंने मेरी सोच से भी ज्यादा बेहतर इस फिल्म में काम किया।
म्यूजिक-
फिल्म में गाने नहीं है और इसके साथ-साथ म्यूज़िक भी बहुत ज़ादा प्रभावशाली नहीं लगता जो की फिल्म के लिए एक नेगेटिव प्वाइंट साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
आप इस फिल्म को अपनी फैमिली के साथ एक बार देख सकते हैं यह एक डीसेंट फिल्म है पर इसे आउटस्टैंडिंग नहीं कहा जा सकता।
क्या है हमारी राय फिल्म के बारे में-
निर्देशक सुजीत सरकार और अभिषेक बच्चन दोनों ने ही फिल्म को बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है जहां एक और फिल्म का बजट 20 करोड़ बताया जा रहा है, हमारी रिसर्च के अनुसार से यह फिल्म शायद अपने बजट को पूरा करती हुई ना दिखे जिस तरह इस फिल्म को ना के बराबर शो दिए गए हैं तब यह एक इंपॉसिबल टास्क बन जाता है कि यह अपने बजट को पूरा कर सके।
यह टाइम हॉरर और कॉमेडी के साथ मास मसाला एंटरटेनमेंट फिल्मों का है। इस दौर में इस तरह की फिल्म को शायद दर्शक उतना पसंद ना करें जैसा की हमने पहले भी देखा है करीना कपूर स्टारर फिल्म ‘द बकिंघम मर्डर ‘और आलिया भट्ट की फिल्म ‘जिगरा’ के साथ , यह दोनों ही फिल्में अच्छी होने के बावजूद भी बॉक्स ऑफिस पर सक्सेसफुल ना हो सकी।
फिल्म का प्रमोशन ना के बराबर किया गया है लोगों को ऐसा लग रहा है कि अभिषेक बच्चन की कोई रुकी हुई फिल्म को दोबारा से रिलीज किया गया है। फिल्म की हाईप और बज़ की बात की जाए तो वह भी ना के बराबर है। इसमे ऐसा कोई भी गाना नहीं डाला गया है जो इसके लिये एक निगेटिव पॉइंट बनता है।