क्राइम थ्रिलर सीरीज “ये काली काली आंखें” का सीजन 2 आज नेटफ्लिक्स की ओर से रिलीज कर दिया गया है। इस सीजन में आपको टोटल 6 एपिसोड देखने को मिलते हैं। इन सभी 6 एपिसोड की टाइमिंग लगभग चालीस मिनट के बीच की है। आप इस रिव्यू को पढ़कर अपनी राय बना सकते हैं, कि ये शो आपको देखना चाहिए या नहीं। तो आइए करते हैं शो का फुल रिव्यू।
सिद्धार्थ सेनगुप्ता के निर्देशन में बनी “ये काली काली आंखें” का सीजन 2 वही से शुरू किया गया है जहां से इस सीरीज के सीजन 1 को खत्म किया गया था। इसे देखने से पहले इसका सीजन 1 देखना कुछ हद तक जरूरी हो जाता है। हमारी टीम की तरफ से इस शो को देखा गया है और उनके अनुसार ये एक एवरेज शो की कैटेगरी में रखा गया है।
बात की जाए अगर इसके सीजन 1 की, तो सीजन 1 की भी कहानी कुछ खास नहीं थी, पर इसके सीजन 1 ने अपने द्वारा दिखाए गए हॉट सीन की वजह से भारतीय दर्शकों के बीच अपनी एक खास जगह बना पाई।
कैसी है ये काली काली आंखें का सीजन 2
सीरीज का पहला एपिसोड अच्छा है और हमें कहानी से जोड़कर रखता है। बात की जाए अगर इसके सभी 6 एपिसोड की, तो सभी एपिसोड स्मूथ ढंग से आगे बढ़ते रहते हैं। पर हमारे दिमाग में एक पहेली की तरह उलझकर रह जाते हैं और ये सोचने को मजबूर करते हैं, कि आखिर ये शो अब जाने कहां वाला है। सीरीज की डिसेंट एंडिंग नहीं की गई है, इसे बीच में ही सीजन 3 के लिए छोड़ दिया गया है।
पूरी सीरीज प्रेडिक्टेबल है, मतलब आप इसे पहले से ही गेस कर लेंगे कि आगे क्या दिखाया जाने वाला है। शो के सभी कैरेक्टर को बहुत कन्फ्यूज ढंग से पेश किया गया है। जिसे देखकर लगता है कि निर्देशक इनसे करवाना कुछ चाह रहे थे, पर हो कुछ और ही गया। सीरीज के किसी भी कैरेक्टर में किसी भी तरह की कोई भी क्लैरिटी नहीं दिखाई गई है।
“ये काली काली आंखें” के सीजन 2 की कहानी को उस तरह से नहीं लिखा गया जैसा कि इसके सीजन 1 की कहानी को लिखा गया था। सीजन 1 की कहानी में जिस तरह से ट्विस्ट और टर्न दिखाकर सस्पेंस पैदा किया गया था, वो यहां पूरी तरह से मिस है।
शो के पॉजिटिव और निगेटिव पॉइंट
शो की सिनेमैटोग्राफी बहुत खूबसूरत है, जिन्हें अच्छे-अच्छे विजुअल के साथ शूट किया गया है। ताहिर राज भसीन ने एक्टिंग अच्छे से की है। देखा जाए तो सभी एक्टर ने शो में अच्छी एक्टिंग की है।
म्यूजिक के साथ-साथ शो की प्रोडक्शन वैल्यू भी ठीक-ठाक है। गुरमीत चौधरी को इस बार शो में इंट्रोड्यूस किया गया है, हालांकि इनके कैरेक्टर पर राइटर ने कुछ ज्यादा काम नहीं किया। जो आपको शो देखकर पता चल जाएगा।
सीरीज में बहुत से एक्शन सीन हैं जो अच्छे हैं, पर इन्हें थोड़ा और अच्छे से प्रेजेंट किया जा सकता था। एक्शन सीन अच्छे होने के बावजूद रियल फील नहीं करा रहे, क्योंकि इसके VFX में कहीं चूक हुई है।
पूरब अवस्थी के कैरेक्टर को इस बार पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है। जो कि पिछले सीजन की जान हुआ करती थी। शो में इंटरनेशनल एंगल को डालना जरूरी नहीं था, पर बेवजह इसे डाला गया।
टेक्निकली अगर देखा जाए, तो शो ठीक है। प्रोडक्शन कास्ट के हिसाब से सीरीज पर खर्चा भी किया गया है। शो में सबसे अच्छा काम सिनेमैटोग्राफर का है। इसके लास्ट एपिसोड में आपको सीजन 1 का फ्लेवर देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष
अगर आपके पास बहुत टाइम है, तब आप इस सीरीज को देख सकते हैं। ये शो फैमिली के साथ देखने लायक नहीं है। हमारी तरफ से इस शो को दिए जाते हैं पांच में से दो स्टार।
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