Thukra ke mera pyar web series how many episodes:बिहार की सुपुत्री संचिता बसु कि बीते दिनों आई वेब सीरीज ‘ठुकरा के मेरा प्यार‘ जिसने ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज़्नी प्लस हॉटस्टार हॉटस्टार पर धाबा बोला और खूब नाम कमाया।दर्शकों ने संचिता की इस वेब सीरीज को इतना ज्यादा पसंद किया,कि अब यह साल 2024 की टॉप वेब सीरीज की श्रेणी में आ चुकी है। आज हम इस आर्टिकल में बात करेंगे शो ठुकरा के मेरा प्यार वेब सीरीज के अब तक कितने एपिसोड आए और उनकी विस्तृत कहानी, साथ ही छुपी हुई जानकारी जो उनके फैंस के लिए जरूरी है।
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एपिसोड 1: चौहानों की शान
कहानी की शुरुआत तालाब में मौजूद एक नाव से होती है, जिसमें दो प्रेमी जोड़े प्यार करते हुए चौहानों के लोगों द्वारा पकड़ लिए जाते हैं। हालांकि कहानी से यह सीन कुछ भी ताल्लुक नहीं रखता। लेकिन फिर भी इस दृश्य को दिखाया जाता है, क्योंकि आगे चलकर शान्विका और कुलदीप इसी नाव में आने वाले थे।
फिर इसी प्रेमी जोड़े को शान्विका यह समझाती हुई भी नजर आती हैं कि कोई किसी के लिए जान नहीं देता। साथ ही इसी में कुलदीप के परिवार का भी परिचय कराया जाता है, जो कि एक काफी सामान्य घराने से ताल्लुक रखते हैं। कहानी के अगले हिस्से में चौहानों द्वारा मंत्री जी का अपमान करते हुए भी दिखाया जाता है। मंत्री जी जो कि आगे चलकर कहानी में काफी मुख्य भूमिका निभाते हैं।
एपिसोड 2: हमसे दोस्ती करोगे
कहानी के इस एपिसोड में कुलदीप के पिताजी एक प्रोग्राम के दौरान नाचते हुए नजर आते हैं। हालांकि यह दृश्य काफी मजाकिया रूप से दिखाया गया है, लेकिन फिर भी उन्हें देखकर दिल से बुरा लगता है, क्योंकि पैसे कमाने और घर चलाने के लिए लड़कियों के कपड़े पहनकर उन्हें नाचना पड़ रहा था। आगे कहानी हमें इंट्रोड्यूस कराती है शान्विका और कुलदीप से, जहां पर यह दोनों पहली बार मिलते हैं।
एपिसोड 3: आपकी पहचान है क्या
अब कुलदीप, ना चाहते हुए भी शान्विका की ओर आकर्षित होने लगता है, और इन दोनों के बीच प्यार के खूबसूरत रिश्ते को इस एपिसोड में दिखाया जाता है।
दोनों छुप छुप कर मिलने लगते हैं। हालांकि कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट तब आता है, जब रोज की तरह ही शान्विका और कुलदीप एक दूसरे से मिलने जाते हैं, पर तभी चौहानों के लोग वहां आ जाते हैं। हालांकि बाद में जब शान्विका के पिता उससे पूछते हैं कि क्या तुम कुलदीप से मिलने अपनी मर्जी से गई थी, जवाब में वह कहती है नहीं, मैं नहीं गई, कुलदीप मेरे पीछे पड़ा था।
एपिसोड 4: नमक हरामी मत करना-
इस कड़ी में एक तरफ कुलदीप शान्विका के कॉलेज में टॉप कर लेने के कारण काफी टेंशन में दिखाई देता है क्योंकि अब उसे शान्विका की शर्त के मुताबिक उससे दोस्ती करनी पड़ेगी। इसके बाद कुलदीप शान्विका से छिपने की कोशिश करता है। पर वह उसे एक खेत में ढूंढ लेती है।
यहां पर इन दोनों के बीच पहली बार एक किस सीन दिखाया जाता है और शानविका कुलदीप से कहती है कि अब तुमने चौहानों का नमक चख लिया है “नमक हरामी मत करना”।
एपिसोड 5: इश्क हुआ है
अब कुलदीप ना चाहते हुए भी शान्विका की ओर आकर्षित होने लगता है और इन दोनों के बीच प्यार के खूबसूरत रिश्ते को इस एपिसोड में दिखाया जाता है। और यह दोनों चुप-चुप कर मिलने लगते हैं।
हालांकि कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट तब आता है, जब रोज की तरह ही शान्विका और कुलदीप एक दूसरे से मिलने जाते हैं, पर तभी चौहानों के लोग वहां आ जाते हैं।
एपिसोड 6: गलती हमारी नहीं थी
इसके बाद कुलदीप और उसके पिताजी की खूब बेइज्जती की जाती है और उन्हें जिंदा जलाने की कोशिश भी चौहानों द्वारा की जाती है।
परिवार का इतना अपमान देखकर कुलदीप की बहन यह सहन नहीं कर पाती और फांसी लगा लेती है। तो वहीं कुलदीप का परिवार चोरी-छुपे गांव छोड़कर चला जाता है।
एपिसोड 7: साए में धूप
अब कुलदीप और उसकी फैमिली शहर में आ चुके हैं। इसके बाद कुलदीप ऑटो चलाकर अपने घर की जिम्मेदारी संभालता है। वहीं एक दिन कुलदीप की मुलाकात एक लड़की से होती है, जो उसे फिर से पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करती है। अब कुलदीप ऑटो चलाने के साथ-साथ पढ़ाई भी करने लगता है।
एपिसोड 8: नमक हराम
आगे की कहानी में कुलदीप खूब मन लगाकर पढ़ाई करता है और आईएएस का एक्जाम क्रैक कर लेता है। तो वहीं दूसरी तरफ शान्विका के लिए दरोगा का रिश्ता आता है और ना चाहते हुए भी शान्विका को उससे शादी करनी पड़ जाती है। तो वहीं दूसरी तरफ कुलदीप की मां अस्पताल में भर्ती हैं और काफी सीरियस कंडीशन में दिखाई देती हैं।
एपिसोड 9: तू होगा कामयाब
अब आगे कहानी में एक तरफ कुलदीप आईएएस ऑफिसर इंटरव्यू पास कर चुका है, वहीं दूसरी तरफ उसकी मां एक्सीडेंट के कारण हॉस्पिटल में भर्ती हैं और कोमा में जा चुकी हैं।
एपिसोड 10: चमन में दीदावर
इस एपिसोड में कुलदीप के आईएएस बनने की सूचना चौहानों तक पहुंच जाती है, वहीं दूसरी तरफ हॉस्पिटल में कुलदीप की मां इस दुनिया से जा चुकी हैं। और शायद यह एपिसोड सबसे ज्यादा इमोशनल कर देने वाली कड़ी है।
एपिसोड 11: मेरा लक्ष्य कुछ और है
एपिसोड 11 जोश से भरा हुआ नजर आता है, जहां कहानी में नया एंगल देखने को मिलता है क्योंकि कुलदीप की पोस्टिंग उसके खुद के ही गांव सितारपुर में हो जाती है, जहां पर पॉलिटिशियन दादू के साथ मिलकर यह दोनों चौहानों को बर्बाद करने का प्लान बनाते हैं।
एपिसोड 12: अस्तित्व की लड़ाई
इस एपिसोड में कुलदीप चौहानों से बदला लेने के लिए दद्दू की बेटी से शादी करने के लिए तैयार हो जाता है, वहीं दूसरी तरफ शान्विका की शादी पहले ही दरोगा से हो चुकी है।
एपिसोड 13: भूत, भविष्य, वर्तमान
इस कड़ी में दद्दू की बेटी से कुलदीप की शादी हो चुकी है, तो वहीं दूसरी तरफ कुलदीप के पिताजी उससे मिलने गांव आते हैं और अपने बेटे की ठाठ-बाट देखकर काफी खुश होते हैं।
काफी समय बाद कुलदीप और शान्विका का आमना-सामना होता है। और दूसरी तरफ चौहान कुलदीप को खत्म करने का प्लान बनाते हैं। हालांकि चौहानों के बड़े भैया फिलहाल ऐसा नहीं चाहते।
एपिसोड 14: वो बदला लेने ही आया है
तो वहीं कुलदीप अपने पावर का इस्तेमाल करके चौहानों के सभी गलत धंधों पर धावा बोल देता है, जिससे उनका काफी नुकसान होता है। इस नुकसान से तिलमिलाकर चौहान कुलदीप पर हमला करवा देते हैं। हालांकि हमले में कुलदीप की जान बच जाती है। और अब शुरू होती है बदले की ऐसी जंग जो थामने का नाम नहीं लेती।
एपिसोड 15: कुछ बचना नहीं चाहिए
हमले की घटना से तिलमिलाकर कुलदीप के ससुर दादू चौहानों पर पुलिस केस दर्ज कर देते हैं, जिससे बचने के लिए चौहान भाई घर छोड़कर भाग जाते हैं।
क्योंकि अब चौहानों की पावर दद्दू और कुलदीप के सामने कम पड़ गई है। साथ ही कुलदीप चौहानों के घर पर छापा भी पड़वा देता है और इस एपिसोड के अंत होने से पहले कुलदीप और शान्विका का फिर से आमना-सामना होता है।
एपिसोड 16: घर का मालिक भाग चला
इस कड़ी में दोनों चौहान भाइयों को जेल में डाल दिया जाता है और पानी न मिलने के कारण चौहान भाइयों में से बड़े भाई की जान चली जाती है। हालांकि बड़े भैया की मौत के पीछे कुलदीप का हाथ नहीं होता, जिसकी सफाई देने के लिए वह शांति के पास भी जाता है।
एपिसोड 17: अब अपना रास्ता बदल लो
अब बचे हुए छोटे चौहान की बारी आती है, जिससे बदला लेने के लिए कुलदीप एक और FIR दर्ज करता है, जिसमें छोटे चौहान द्वारा कुलदीप को जान से मारने की धमकी दी जाती है। साथ ही शान्विका के पति को भी करप्शन के इल्जाम में सस्पेंड करवा देता है।
एपिसोड 18: सब कुछ खत्म हो गया
इस कड़ी में कुलदीप की सारी पुरानी यादें सामने आती हैं, जिसमें उसका कॉलेज दोस्त पिंटू उसे मिलने आता है और दोनों मिलकर पुराने दिनों को याद करते हैं।
एपिसोड 19: अब हमारी बारी
अपने पति और परिवार के साथ शान्विका इस एपिसोड में बदला लेने के लिए तैयार है, साथ ही यह एपिसोड इस वेब सीरीज के सीजन 1 का आखिरी एपिसोड भी है। जिसमें हमें यह देखने को भी मिलता है कि इस फसाद की जड़ यानी शान्विका ने शुरुआत में अपने पिता के सामने यह क्यों कहा था कि कुलदीप उसके पीछे पड़ा था।
जिसका खुलासा शान्विका की मौसी करती है, जिसे सुनने के बाद कुलदीप सदमे में चला जाता है। साथ ही कुलदीप को यह भी पता चलता है कि कुलदीप को पढ़ने के लिए जो भी मदद मौसी करती थी और जो भी पैसे भेजती थी, वह सभी पैसे उन्हें शान्विका से ही प्राप्त होते थे। और अंत में शान्विका का पति दरोगा भी मौत के घाट उतार दिया जाता है।
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