निर्देशक धीरज सरना और एकता कपूर की नई फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ का आज प्रीमियर कर दिया गया है, जो कि 15 नवंबर को भारत के सभी सिनेमाघरों में रिलीज की जा रही है। क्या इस फिल्म को आप अपना कीमती वक्त दे सकते हैं? पढ़िए हमारा रिव्यू, जिससे आपको यह फैसला करने में आसानी होगी कि आप इस फिल्म को देखें या न देखें।
फिल्म में दिखाई गई कहानी बहुत ज्यादा विवादों से भरी हुई है। जब इस फिल्म की सबसे पहले घोषणा की गई थी और इसके टीजर को रिलीज किया गया, तब इस फिल्म पर बहुत सारी पाबंदियां लगाई गई थीं और इसे रिलीज नहीं किया जा रहा था।
फिलहाल अब फिल्म को देखने के बाद यह समझ आएगा कि इस फिल्म को क्यों नहीं रिलीज किया जा रहा था और अब वह क्या वजह रही हैं, जब इस फिल्म को रिलीज करने की अनुमति मिल गई।
स्टोरी
फिल्म की कहानी सन 2002 में हुए “गोधरा कांड” पर आधारित है, जब गुजरात के गोधरा में स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की बोगी में आग लगा दी गई थी। जिस हादसे में तकरीबन 59 लोग मारे गए थे, तब कुछ सूत्रों से यह खबर निकलकर सामने आई थी कि गोधरा कांड को एक साजिश के तहत किया गया था, एक समुदाय को निशाना बनाकर।
इस घटना के बाद दो समुदायों के बीच दंगे शुरू हो गए थे और इन दंगों ने बहुत से लोगों की जान ले ली थी। मीडिया के मुताबिक इसे एक राजनीतिक एंगल बताया जा रहा था। फिल्म की कहानी में दिखाया गया है कि विक्रांत मैसी को रिपोर्टर बनने का शौक है और वह मीडिया में काम करना चाहते हैं, पर उनके साथ एक सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि उन्हें अंग्रेजी बोलना नहीं आता।
उस समय अंग्रेजी मीडिया चैनल बहुत तेजी के साथ बढ़ रहे थे। और यह सभी अंग्रेजी मीडिया इस साबरमती के हादसे का सच छुपाकर इसे सिर्फ एक हादसे का रूप दे रहे थे।
आज के समय में ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि मीडिया बिक चुकी है। अब यह समझ नहीं आता कि मीडिया सन 2002 से ही बिकी हुई थी या अब बिकी है, क्योंकि उस समय इस हादसे को पूरी तरह से छुपाने की कोशिश मीडिया द्वारा की गई थी।
फिल्म को बहुत सारी अटकलों के बाद अब साबरमती रिपोर्ट को सिर्फ इसलिए रिलीज किया गया है कि फिल्म में किसी एक समुदाय को बहुत ऊपर रखकर दिखाया गया।
फिल्म में विक्रांत मैसी को मीडिया के पीछे पड़ते दिखाया गया है कि मीडिया सच्चाई को सामने क्यों नहीं ला रही। विक्रांत का मानना था कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से किया गया था, जिसकी सच्चाई दुनिया के सामने आनी चाहिए।
फिल्म में जब राशि खन्ना की एंट्री होती है, तब राशि खन्ना इस केस की जांच में लग जाती हैं और वह एक-एक करके लोगों से मिलती हैं। तब जो चीज निकलकर सामने आती है, वह आपके रोंगटे खड़े कर देगी।
फिल्म एक गंभीर टोन को लेकर आगे बढ़ती है, जिसमें विक्रांत मैसी को एक निराश मीडिया कर्मी के तौर पर दिखाया गया है, जिन्हें मीडिया पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं। वह सिर्फ सच जानना चाहता है, हालांकि इस सच को जानने के लिए उनके सामने बहुत सारी समस्याएं आ रही होती हैं।
पर फिल्म में राशि खन्ना के आने के बाद बहुत सारी चीजें बदलती हुई नजर आती हैं। फिल्म का क्लाइमेक्स बहुत ज्यादा अनुमानित है, जिसका अंदाजा पहले से ही लग जाता है कि आगे क्या दिखाया जाने वाला है।
विक्रांत मैसी ने अपने इस किरदार को इस तरह से निभाया है, जिसे देखकर आपको यह लगेगा कि उनके अलावा इस रोल को इतना बेहतर और कोई नहीं निभा सकता था। साथ ही राशि खन्ना ने भी अपने रोल को बहुत बढ़िया निभाया है, जो कि एक पत्रकार के रूप में दिखाई दी हैं। फिल्म की कास्टिंग हर तरह से परफेक्ट है।
रिद्धि डोगरा ने भी अपने रोल को अच्छे से निभाया है। फिल्म में जो भी घटना को दिखाने की कोशिश की जा रही है और जो भी चीज हमारे सामने लाई जा रही हैं, वो सब इस गोधरा कांड को एक नई रोशनी के साथ हमारे सामने रखना चाहती हैं कि असल में उस दिन क्या हुआ था। इस पूरे घटनाक्रम के तथ्यों को जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी, जो कि आपके नजदीकी सिनेमाघर में आज 15 नवंबर को रिलीज कर दी गई है।
प्रदर्शन
धीरज सरना का डायरेक्शन बहुत अच्छा है, जिन्होंने फिल्म की लंबी कहानी को बहुत ज्यादा न खींचकर सिर्फ दो घंटे सात मिनट में ही खत्म कर दिया है। फिल्म का बजट 50 करोड़ बताया जा रहा है, जो कि फिल्म को देखने से बिल्कुल भी नहीं लगता। अगर इसका बजट सिर्फ 50 करोड़ है, तब यह फिल्म अपने बजट के अनुरूप नहीं बनाई गई है।
फिल्म के प्रोडक्शन वैल्यू 50 करोड़ जैसी नहीं लगती। इतना बड़ा बजट होने के बावजूद भी इस फिल्म का प्रमोशन आखिर क्यों नहीं किया गया। छोटे शहरों में तो इस फिल्म को स्क्रीन ही नहीं दी गई हैं, हालांकि हमें तो फिल्म ठीक-ठाक लगी है। पर हमारे अनुमान के अनुसार यह फिल्म लोगों को दो तरह से प्रभावित कर सकती है, या तो सकारात्मक तरीके से या फिर नकारात्मक में।
अगर यह फिल्म सकारात्मक तरीके से हिट होगी, तो लोगों के बीच इसका वर्ड ऑफ माउथ बढ़ेगा, जिससे फिल्म को देखने और भी दर्शक आ सकेंगे। पर अगर इसके उलट यह फिल्म अगर नकारात्मक तरीके से जाएगी, तो इस फिल्म की कहीं बात ही नहीं होगी और बाकी फिल्मों की तरह ही यह भी कहीं गायब हो जाएगी।
क्योंकि इससे पहले केरल स्टोरी का भी यही विषय था, जिसमें खास समुदाय को निशाना किया गया था। अगर केरल स्टोरी की तरह इस फिल्म ने भी अपनी जगह दर्शकों के बीच बना ली, तो यह फिल्म भी आग की तरह फैल जाएगी। आप इस फिल्म को अपनी पूरी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं, क्योंकि इसमें किसी भी तरह की अश्लीलता या अभद्रता नहीं दिखाई गई है।
हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं 2.5/5 ⭐.
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