आमिर खान की सुपरहिट फिल्म 3 इडियट्स में विरू साहस्ट्रबुद्धे (वायरस) का किरदार निभाने वाले अनुभवी एक्टर बोमन ईरानी की नई फिल्म “द मेहता बॉयज़” का आज 7 फरवरी 2025 के दिन ओटीटी प्रीमियर कर दिया गया है।
जिसे आप अमेज़न प्राइम वीडियो पर हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलुगू और मलयालम जैसी भाषाओं में देख सकते हैं। फिल्म की लंबाई टोटल 1 घंटा 56 मिनट की है,जिसका जॉनर ड्रामा की कैटेगरी के अंतर्गत आता है। मूवी का डायरेक्शन खुद बोमन ईरानी ने किया है जो उनके करियर की पहली डायरेक्शनल फिल्म है।
मुख्य किरदारों में बोमन’ जिन्होंने फिल्म में 71 साल के पिता का किरदार निभाया है और उनके साथ-साथ अविनाश तिवारी भी हैं। जिन्हें आपने फिल्म मुंबई मेरी जान,सिकंदर का मुकद्दर,लैला मजनू में देखा होगा, जिनका साथ निभाने के लिए श्रेया चौधरी नज़र आती हैं जो इससे पहले बंदिश बैंडिट्स जैसी वेब सीरीज़ में काम कर चुकी हैं।आइए जानते हैं क्या है फिल्म की कहानी और करते हैं इसका फुल रिव्यू।
द मेहता बॉयज़ स्टोरी संक्षिप्त में
फिल्म की कहानी बाप और बेटे के रिश्ते पर फोकस करती है। जिसके मुख्य किरदारों में अविनाश तिवारी (अमय) श्रेया चौधरी (ज़ारा) के रोल में दिखाई देती है, श्रेया जोकि अमय की गर्लफ्रेंड हैं। अमय जोकि एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी में मुंबई में रह कर जॉब करता है और पेशे से यह एक सीनियर आर्किटेक्ट है,जिसकी अपने पिता (बोमन ईरानी) से बिल्कुल भी नहीं बनती।
पर एक दिन अचानक अमय की माँ इस दुनिया से अलविदा कह जाती हैं। जिसके कारण अमय को कुछ दिन अपने पिता के साथ पुराने घर में रहना पड़ता है। हालाँकि अमय की एक छोटी बहन पूजा सरूप (अनु) भी है,जिसने अपनी माँ से पहले ही तय कर लिया था कि अगर माँ या बाप में से कोई भी मरेगा तो जो बचा हुआ है वह उसके साथ अमेरिका जाएगा।
जिसके चलते अनु अपने पिता को अपने साथ ले जाने की तैयारी करती है, पर परिस्थितियाँ कुछ यूं बनती हैं कि पिता का टिकट कैंसल हो जाता है। जिस कारण बोमन को अब कुछ दिन अपने बेटे अमय के साथ रहना पड़ता है। और यहीं से कहानी में ट्विस्ट आता है क्योंकि अमय और उनके पिता की आपस में बिल्कुल भी नहीं बनती। इस पिता और बेटे की नोक-झोंक भरी स्टोरी को पूरा जानने के लिए आपको देखनी होगी यह फिल्म।
मूवी के निगेटिव पॉइंट
द मेहता बॉयज़ हर तरह के दर्शकों के लिए बिल्कुल भी नहीं बनी है,क्योंकि यह आर्ट मूवी की कैटेगरी के अंतर्गत आती है। जिस कारण सभी वर्ग के लोगों के लिए यह सूटेबल नहीं साबित होती।
साथ ही मूवी के कुछ सीन में किरदारों द्वारा ओवर एक्टिंग की गई है:इसमें अनु का वह एयरपोर्ट वाला दृश्य शामिल है जिसमे वह अपने पिता को अकेला छोड़ कर अमेरिका जा रही होती है।
मूवी के पॉज़िटिव पॉइंट्स
फिल्म की अच्छी चीज़ों की बात करें तो बहुत सारी हैं,”जैसे पिता और बेटे का वह सीन जब वे टूटी हुई छत को ढकने के लिए तिरपाल डाल रहे होते हैं और अचानक तेज़ हवा आ जाती है, इसके द्वारा यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि बड़ी से बड़ी मुसीबत में एक बाप अपने बेटे के साथ हमेशा खड़ा रहता है”।
फिल्म में इसी तरह के और भी अनगिनत सीन हैं जिन्हें देख कर आपकी आँखों में आँसू आ जाएँगे। क्यों कि जिस तरह से बोमन जी ने अपने डायरेक्शन के ज़रिए कहानी में समा बाँधा है वह लाजवाब है।
निष्कर्ष
फिल्मीड्रिप की ओर से इस फिल्म को पूरे जोर रिकमंड किया जाता है क्योंकि हम सभी एंटरटेनमेंट फिल्में तो हमेशा देखते हैं,पर कभी-कभी उन फिल्मों को भी ज़रूर देखना चाहिए जो आपके रिश्तों को सही और मज़बूत करने में कारगर साबित हो सकती हैं।
ठीक ऐसी ही फिल्म है द मेहता बॉयज़,क्योंकि अधिकतर बच्चों की अपने पिताजी से नहीं बनती है,फिर चाहे उनकी उम्र कम हो या फिर ज़्यादा।
फिल्मीड्रिप रेटिंग:5/3 ⭐ ⭐ ⭐
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