भारतीय सिनेमा के जाने-माने फ़िल्म निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक सुभाष घई भारतीय सिनेमा की कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। इनका जन्म 24 जनवरी 1945 को नागपुर में हुआ था। सुभाष घई एक ऐसे फ़िल्म निर्देशक हैं, जिन्होंने फ़िल्म इंडस्ट्री में आये बहुत से नए चेहरों को सुपरस्टार बना दिया। फिल्म इंडस्ट्री में हमेशा चर्चा में रहने वाले सुभाष घई कभी अपनी सफलताओं को लेकर लाइमलाइट में रहे, तो कहीं विवादों को लेकर चर्चाओं में बने रहे।
एक्टर बनने का था सपना
सुभाष घई का जन्म भले ही नागपुर में हुआ हो, पर उन्होंने अपना बचपन दिल्ली में बिताया। उनके पिता दिल्ली में एक डेंटिस्ट थे। दिल्ली में अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे जाने का फैसला किया। वे बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे और फिल्म इंडस्ट्री में जाना चाहते थे।
इसलिए उन्होंने पुणे के फ़िल्म एंड टेलीविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से एक्टिंग सीखना शुरू किया और इसके बाद वह मुंबई आ गए। पर मुंबई आकर काफी स्ट्रगल के बाद उन्हें सिर्फ 5-6 फिल्मों में एक्टिंग करने का मौका मिला, जिसमें तक़दीर, आराधना जैसी फिल्में शामिल हैं।
किस्मत को कुछ और मंज़ूर था
सुभाष घई मुंबई तो एक्टर बनने आए थे, पर एक्टिंग में जब कुछ खास बात नहीं बनी, तो उन्होंने स्टोरी राइटिंग की तरफ रुख किया। किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था। रमेश सिप्पी साहब ने उनकी एक कहानी को अपनी फ़िल्म में लिया।
हालांकि इस कहानी को दो-तीन प्रोड्यूसर रिजेक्ट कर चुके थे, पर सिप्पी साहब को कहानी पसंद आई और फ़िल्म का नाम था ‘कालीचरण’, जो 1976 में आई और हिट साबित हुई। इसके बाद उन्होंने विधाता, मेरी जंग, हीरो, सौदागर, क़र्ज़, राम लखन, परदेस और ताल जैसी कई सुपरहिट फिल्मों का डायरेक्शन दिया।
अवार्ड से किए गए सम्मानित
सुभाष घई ने बतौर डायरेक्टर अपनी फिल्मों से सबका दिल जीत लिया था। उन्होंने कुछ समय के लिए निर्देशन करना बंद कर दिया और फिल्मों को प्रोड्यूस करने लगे, जिसमें इक़बाल, 36 चाइना टाउन जैसी फिल्में शामिल हैं।
उन्हें इक़बाल फ़िल्म के लिए नेशनल फ़िल्म अवार्ड फॉर बेस्ट प्रोड्यूसर मिला। फ़िल्म सौदागर के लिए बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिला। बेस्ट स्क्रीनप्ले राइटर का अवार्ड फ़िल्म कालीचरण के लिए मिला और 2015 में उन्हें भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए आईफा अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
गर्लफ्रेंड को किया था वादा
सुभाष घई ने जब फिल्मों में कदम रखा, तब उनकी पहले से एक गर्लफ्रेंड थी, जिनका नाम रेहाना था। उन्होंने रेहाना से वादा किया था कि पहले कुछ बन जाऊंगा, उसके बाद ही शादी करूंगा। जब वह फिल्मों में बतौर डायरेक्टर स्थापित होने लगे, तब उन्होंने रेहाना से शादी की। रेहाना ने अपना नाम बदलकर मुक्ता रख लिया था। इनके दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी का नाम मेघना है और छोटी बेटी का नाम मुस्कान है।
विवादों में रहे
सुभाष घई अपनी प्रोफेशनल लाइफ में एक तरफ ऊंचाइयों को छू रहे थे, तो वहीं दूसरी तरफ वह अपनी निजी जिंदगी को लेकर विवादों में बने रहते थे। शादीशुदा होने के बावजूद उनका कई बड़ी अभिनेत्रियों के साथ नाम जोड़ा गया, जिसमें ऐश्वर्या राय, महिमा चौधरी और माधुरी दीक्षित जैसी अभिनेत्रियों के नाम शामिल हैं। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई थी, यह कहा नहीं जा सकता।
इसके अलावा सुभाष और माधुरी दीक्षित के बीच किसी बात को लेकर विवाद भी हुआ और वो इतना बढ़ गया था कि जब उन्होंने माधुरी को परदेस फ़िल्म ऑफर की, तो उन्होंने इंकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने अपनी फिल्म परदेस के लिए महिमा चौधरी को चुना।
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