ओह माय कडवुले, ओरी देवुडा जैसी तमिल फिल्म बनाने वाले निर्देशक ‘अश्वथ मारीमुथु’ की फिल्म ड्रैगन 21 फरवरी 2025 को तमिल भाषा में रिलीज़ हुई थी। ड्रैगन 14 मार्च 2025 से ‘द रिटर्न ऑफ द ड्रैगन’ नाम से हिंदी डबिंग में रिलीज़ की गई।
इसके मुख्य कलाकारों में प्रदीप रंगनाथन, अनुपमा परमेश्वरन, कायडू लोहार हैं। प्रदीप रंगनाथन तमिल फिल्म इंडस्ट्री का वह मल्टीटैलेंटेड चेहरा हैं जिन्हें हर जनरेशन के लोग पसंद करते हैं, फिर वो चाहे बूढ़े हों या बच्चे ।
लगभग 35 से 37 करोड़ के बजट में बनी फिल्म ड्रैगन ने अब तक बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है, वहीं अगर विदेशी कलेक्शन की बात करें तो ‘Sacnilk’ के डेटा के अनुसार 146.97 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है।
ड्रैगन 2025 की तमिल की अभी तक सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। ड्रैगन के ओटीटी राइट्स नेटफ्लिक्स ने खरीदे और इसे तमिल, हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में 21 मार्च 2025 से स्ट्रीम कर दिया गया।अभी ड्रैगन नेटफ्लिक्स पर ट्रेंडिंग में चल रही है।
ड्रैगन फिल्म की हैरान करने वाली छिपी हुई बातें
फिल्म में दिखाया गया है कि कॉलेज का एक अच्छा स्टूडेंट ‘डी राघवन’ किस तरह से ड्रैगन में बदल जाता है। हर कोई अपनी पूरी ज़िंदगी में कभी न कभी तो झूठ बोलता ही है। डी राघवन उर्फ ड्रैगन भी झूठ का सहारा लेकर ज़िंदगी में आगे बढ़ता है।
पर जब इसे पता लगता है कि वो कितना गलत था,और इस बात का जब इसे अहसास होता है,कि इससे कितनी बड़ी गलती हुई है, ये वाला सीन आपकी आँखों से आँसू ला देगा। अगर आपने भी ड्रैगन फिल्म देख ली है तो अब जानिए फिल्म की कुछ छिपी हुई बातें।
1-ड्रैगन में दो फाइट सीन देखने को मिलते हैं। एक होता है शुरुआत में, वहीं दूसरा इंटरवल के बाद। इन दोनों सीन में एक समानता है कि इन एक्शन सीन में डी राघवन अग्निशामक (Fire Extinguisher) का इस्तेमाल करता है। इसके मुँह से धुआँ निकलते हुए भी दिखाया गया है, जो यहाँ पर इस बात को दर्शाता है कि हमारा हीरो ड्रैगन है। बहुत सी काल्पनिक कहानियों में ड्रैगन के मुँह से आग उगलने की बात कही गई है, ठीक वैसा ही कुछ “ड्रैगन हार्ट” और “गेम ऑफ थ्रोन्स” में ड्रैगन को आग उगलते हुए दिखाया गया है।

2-कॉलेज के डीन के जितने भी महत्वपूर्ण सीन हैं, वह सब कार में शूट किये गए हैं। इस कार में लिए गए प्रोफेसर के सभी सीन किसी न किसी तरह से डी राघवन (प्रदीप रंगनाथन) से जुड़े हैं।
फिर चाहे वह प्रोफेसर का इंट्रो कार वाला सीन हो, जब डी राघवन का अग्निशामक यंत्र प्रोफेसर की गाड़ी से टकराता है और गाड़ी का काँच टूटकर गिरता है, वहीं इंटरवल के बाद प्रोफेसर कार से जा रहा होता है, तभी डी राघवन इस पर गलती से सिगरेट फेंक देता है
और प्रोफेसर इसके पीछे पड़ जाता है। अंत के सीन में भी जब डी राघवन घर पर आता है और बोलता है कि बाहर कार कौन खड़ा कर गया, यहाँ पर निर्देशक इस बात को कार के माध्यम से दर्शाता है कि यह कार उन लोगों के लिए रौशनी का संकेत है जो भटके हुए हैं।

3-ड्रैगन के अंत में एक लड़की दिखाई गई है, जो प्रोफेसर की बेटी है। प्रोफेसर इसकी शादी डी राघवन से करना चाहता है।वह लड़की कोई और नहीं बल्कि इवाना है, जो प्रदीप रंगनाथन के साथ लव टुडे में काम कर चुकी है।

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4-फिल्म के निर्देशक अश्वथ मारीमुथु और प्रदीप रंगनाथन दोनों ही श्री शिवसुब्रमण्य नादर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (Sri Sivasubramaniya Nadar College of Engineering, SSNCE) से पढ़े हुए हैं।
फिल्म के एक सीन में जब प्रदीप रंगनाथन से कंसल्टेंट पूछता है कि तुम्हें इतने बड़े कॉलेज में दाखिला कैसे मिला, तब प्रदीप रंगनाथन बोलता है कि उसके 12वीं क्लास में 96% मार्क्स आए थे। शायद आपको नहीं पता होगा, पर प्रदीप रंगनाथन के असल ज़िंदगी में भी 12वीं क्लास में 96% मार्क्स आए हैं।

5-फिल्म में निर्देशक अश्वथ मारीमुथु के भी कुछ सीन हैं। ड्रैगन को जो कंसल्टेंसी के बारे में बताता है, वो कोई और नहीं बल्कि ड्रैगन के निर्देशक अश्वथ मारीमुथु ही होते हैं। फिल्म में दिखाए गए प्रदीप रंगनाथन के माता-पिता के कैरेक्टर को निर्देशक अश्वथ मारीमुथु ने बिलकुल अपने माता-पिता के जैसा ही दिखाने की कोशिश की है ।

अश्वथ मारीमुथु के पिता ने भी असल ज़िंदगी में इनका बहुत साथ दिया है ठीक वैसा ही ड्रेगन फिल्म में भी प्रदीप का उसके पिता ने बहुत साथ दिया है । जिस तरह से ड्रैगन में प्रदीप रंगनाथन के पिता अपने साथ एक बैग लेकर चलते हैं, असल ज़िंदगी में बिल्कुल वैसे ही निर्देशक अश्वथ मारीमुथु के पिता भी अपने साथ एक बैग लेकर चलते हैं।


6-ड्रैगन के एक शुरुआती सीन में प्रदीप अपने माता-पिता के साथ खाना खा रहे होते हैं। पीछे टीवी पर न्यूज़ चल रही है, जहाँ यह बताया जा रहा है कि एक नई 20 मंज़िला बिल्डिंग अचानक से टूट गई है। तभी प्रदीप के पिता बोलते हैं कि बिल्डिंग छोटी हो या बड़ी, पर इसकी नींव मज़बूत होनी चाहिए।

अगर नींव कमज़ोर होगी तो इमारत ढह जाती है। यहाँ पर मेकर के द्वारा पढ़ाई की अहमियत को समझाया गया है। वही आगे चलकर प्रदीप के साथ भी होता दिखाया गया है, प्रदीप की नींव कमज़ोर थी, जिस कारण इसका पूरा करियर समाप्त हो जाता है।
7-ड्रैगन को शुरुआत में ही टिकटॉक के वीडियो बनाते दिखाया गया था। यही एक वजह थी कि उसने आसानी से फर्ज़ी इंटरव्यू पास कर लिया, सिर्फ अपने होंठों को हिलाकर।
8-फिल्म के कई सीन में यह दर्शाया गया है कि हमारी सफलता छिपी है ईमानदारी और हार्ड वर्क में। ईमानदारी एक ऐसा गुण है जिसका कोई जवाब नहीं है, मतलब ईमानदारी से ऊपर कुछ नहीं।

9-शुरुआत में प्रदीप के पिता, प्रदीप के घर से जाने पर बोलते हैं कि बेटा हेलमेट पहनकर जाओ, पर प्रदीप बिना हेलमेट पहने ही घर से निकलता है,और इसका एक्सीडेंट हो जाता है। वहीं अंत के सीन में जब प्रदीप फूड डिलीवरी का काम करता दिखाया गया है, तब वह हेलमेट पहने हुए है। यहाँ पर फिल्म के माध्यम से यह दिखाया गया है कि हेलमेट पहनना कितना ज़रूरी है।
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