जियो सिनेमा एक के बाद एक अपने नए-नए एपिसोड को हमारे सामने लेकर आ रहा है। यह जियो सिनेमा की एक क्राइम कॉमेडी सीरीज़ है। जिसमें आपको टोटल 10 एपिसोड देखने को मिलते हैं।
आईएमडीबी की तरफ से शो को 7.8 की रेटिंग दी गई है और इसके एपिसोड की टाइम ड्यूरेशन 30 से 35 मिनट के बीच ही है। यह सीरीज़ आपको हिंदी के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, कन्नड़ भाषा में भी देखने को मिलेगी। आइए करते हैं शो के सभी एपिसोड का फुल रिव्यू।
मूनवॉक रिव्यू
बहुत ज़्यादा एक्सपेक्टेशन के साथ आपको यह सीरीज़ नहीं देखनी है। इस पूरी सीरीज़ को आपको अपना बिना दिमाग़ लगाए देखना है। यह सीरीज़ आपको जियो सिनेमा पर देखने को मिल जाएगी, जिसमें टोटल 10 एपिसोड हैं। मूनवॉक के पहले सीज़न में कहानी को पूरी तरह से ख़त्म नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि इसका सीज़न 2 भी हमें देखने को मिलेगा। सीरीज़ के कुछ हिस्सों को अगर छोड़ दें तो यह पूरा शो आपको एंटरटेन करता है।
कहानी
शो की कहानी को आप एक अनार दो बीमार जैसे उदाहरण से समझ सकते हैं, जहाँ दो चोर की कहानी को दिखाया गया है। और इन दोनों चोर को एक ही लड़की से प्यार हो जाता है। अब लड़की कन्फ्यूज़ हो जाती है और कहती है, जो 6 महीने के अंदर सबसे बड़ी चोरी करेगा, वह उसका हो जाएगा।
इन दोनों में से कौन सबसे बड़ी चोरी करता है, क्या यह करते भी हैं या नहीं, इसमें मूनवॉक का क्या रोल है। यह सब आपको सीरीज़ में देखने को मिलेगा। शो का कंटेंट इतना अच्छा नहीं है, पर फिर भी आप इससे जुड़े रहते हैं। इसे हम एक एवरेज शो की कैटेगरी में डाल सकते हैं।
बहुत आउटस्टैंडिंग न होते हुए भी शो में बहुत सी चीज़ें इस तरह से दिखाई गई हैं, जो कि देखकर मज़ा आता है। इसको कॉमेडी क्राइम की तरह पेश किया गया है, पर कहीं-कहीं पर कॉमेडी थोड़ी फीकी नज़र आती है। बहुत जगह पर आपको इसमें इमोशंस भी देखने को मिलेंगे, पर वही कहीं पर यह शो हाई रहता है, तो कहीं पर बहुत फीका हो जाता है।
पॉज़िटिव और नेगेटिव पॉइंट
सीरीज़ का सबसे बड़ा नेगेटिव पॉइंट ये है, कुछ एपिसोड में शो अच्छे से इंटरटेन करता है, वहीं अगले शो में यह निराशा दे जाता है। सीरीज़ अपना बैलेंस बनाने में कहीं खो जाती है, जिससे दर्शकों को निराशा हासिल होती है। अगर आपको क्राइम के साथ-साथ ड्रामा कॉमेडी देखना पसंद है,
तब एक बार टाइम पास के लिए आप इस शो को देख सकते हैं। एक्टर की परफॉर्मेंस आपको इंगेज करके रखता है, पर शो पूरी तरह से प्रिडिक्टेबल है, जिससे यह ख़ुद को पूरी तरह से होल्ड करके नहीं रखता।
गीतांजलि कुलकर्णी, शीबा चड्ढा, नेहा चौहान, समीर कोचर, सभी ने अच्छा काम किया। सीरीज़ में जो पास्ट परजेंट की चीज़ें दिखाई गई हैं, वह अपना इम्पैक्ट पूरी तरह से नहीं छोड़ता।
निष्कर्ष
शो को अपनी फैमिली के साथ बैठकर न देखें। अगर आपके पास इस वीकेंड देखने को कुछ नहीं है, तब आप इसको एक बार ट्राई कर सकते हैं। फिल्मी ड्रिप की तरफ से इसे दिए जाते हैं 5 में से दो स्टार।
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