Megalopolis movie review in hindi:हॉलिवुड की ओर से एक नई फिल्म रिलीज़ की गई है जिसका नाम मेगालोपोलिस है इसके जॉनर की बात करें तो यह साइंस फिक्शन और एपिक कैटेगरी में आता है।फिल्म की लेंथ तक़रीबन २ घंटे १८ मिनट की है।
जिसका डायरेक्शन फ्रांसिस फोर्ड कोपोला ने किया है जिन्होंने इससे पहले साल २०२१ में आई फिल्म फ्रेडा को प्रोड्यूस भी किया था।बात करें मेगालोपोलिस फिल्म की कहानी की तो यह रोम के विस्तार पर आधारित है जिसमें अमेरिका की छवि दिखाई है कि कैसे वह राजनैतिक चीजों में लिप्त होकर काफी पिछड़ा देश बन सकता था।
फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की फिल्म “मेगालोपोलिस” एक महंगी और बहुत ज्यादा खींची हुई है, जो लगभग 50 सालों के प्रयास और 100 मिलियन डॉलर से अधिक का बजट खर्च करने के बावजूद निराश करती है। यह फिल्म एक अच्छी फिल्म नहीं है, लेकिन कोपोला के इस क्रिएशन में उनकी लगन और जुनून की सराहना की जा सकती है।
स्टोरी-
इस फिल्म की स्टोरी को आपके सामने रिव्यू करना काफी मुश्किल कार्य है,क्योंकि यह इतनी उलझी हुई है जिसे सुलझा पाना घास में सुई ढूंढने के बराबर है।
मेगापोलिस एक पुरानी अमेरिकी कथा है जोकि मैनहैटन शहर के इर्द गिर्द बुनी गई है। जिसमें राजनीतिक हलचल को दिखाया गया है। फिल्म के मुख्य किरदार में ‘सीजर कैटिलिना’ (एडम ड्राइवर) नज़र आते है जिनके पास कुछ खास शक्तियां है जिससे वे समय को रोक सकते हैं।
फिल्म का मेन प्लॉट ओल्ड रोम को नए रोम के जैसा होता दिखा रहा है। जोकि अपने राजनीतिक फायदों के कारण बर्बाद हो गया था उसी तरह न्यू अमेरिका जोकि रोम दिखाया गया है वह भी बर्बादी के कगार पर है।
फिल्म एक अलग दुनिया में स्थित है, जहां रोमन गणराज्य में एक नया न्यूयॉर्क शहर है।
मुख्य पात्र सीज़र एक बड़े सोच वाले व्यक्ति हैं, जो एक नए शहर को बनाना चाहते हैं।आगे की कहानी जानने के लिए आपको देखनी होगी यह फिल्म जोकि आपके नज़दीकी सिनेमाघरों में हिंदी में उपलब्ध है।
फिल्म की अच्छाइयां:
कपोला ने इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की है जोकि शायद कुछ ज्यादा ही हो गई जिसके कारण यह एक खराब फिल्म के रूप में हमारे सामने निकल कर आई है।
फिल्म को बहुत बड़े बड़े सेट्स पर शूट किया गया है जो देखने में काफी अट्रैक्टिव लगता है।
फिल्म की बुरी बातें: फिल्म की पटकथा काफी कमज़ोर है जिसे देख कर आप अपना सिर पकड़कर बैठ जाते है।
मूवी को बनाने में बहुत अधिक लगत का उपयोग किया गया है जिसकी कोई भी जरूरत नहीं थी इसे कम बजट के साथ भी पेश किया जा सकता था।
फिल्म में कई फालतू के सीन्स को डाला गया है जिससे यह काफी खींची हुई नजर आती है।बात करें इसकी सिनेमेटोग्राफी की तो यह काफी अच्छी है जिसका साथ बैकग्राउंड म्यूजिक भी बखूबी देता है।
फाइनल वर्डिक्ट-
यदि आप कोपोला की इस काफी मेहनत से बनाई फिल्म में उनके जुनून की सराहना करते हैं, तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं। लेकिन यदि आप एक अच्छी फिल्म देखना चाहते हैं, तो आपको अन्य फिल्मों के बारे में सोचना चाहिए और इस फिल्म को देखने से परहेज़ करना चाहिए।फिल्म में किसी भी प्रकार के एडल्ट सीन नहीं है जिसके कारण आप इसे अपनी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।
हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/⭐.