हॉलीवुड की ओर से एक नई फिल्म रिलीज़ की गई है, जिसका नाम मेगालोपोलिस है। फिल्म की लंबाई तकरीबन 2 घंटे 18 मिनट की है।
जिसका निर्देशन फ्रांसिस फोर्ड कोपोला ने किया है, जिन्होंने इससे पहले कई प्रसिद्ध फिल्में बनाई हैं। बात करें मेगालोपोलिस फिल्म की कहानी की, तो यह रोम के विस्तार पर आधारित है, जिसमें अमेरिका की छवि दिखाई गई है कि कैसे वह राजनीतिक चीजों में लिप्त होकर एक पिछड़ा देश बन सकता था।
फ्रांसिस फोर्ड कोपोला की फिल्म “मेगालोपोलिस” एक महंगी और बहुत ज्यादा खींची हुई है, जो लगभग 50 सालों के प्रयास और 120 मिलियन डॉलर से अधिक का बजट खर्च करने के बावजूद निराश करती है। यह फिल्म एक अच्छी फिल्म नहीं है, लेकिन कोपोला के इस क्रिएशन में उनकी लगन और जुनून की सराहना की जा सकती है।
स्टोरी
इस फिल्म की स्टोरी को आपके सामने रिव्यू करना काफी मुश्किल कार्य है, क्योंकि यह इतनी उलझी हुई है, जिसे सुलझा पाना घास में सुई ढूंढने के बराबर है।
मेगालोपोलिस एक काल्पनिक अमेरिकी कथा है, जो मैनहट्टन शहर के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जिसमें राजनीतिक हलचल को दिखाया गया है। फिल्म के मुख्य किरदार में ‘सीज़र कैटिलिना’ (एडम ड्राइवर) नज़र आते हैं, जिनके पास कुछ खास शक्तियां हैं, जिससे वे समय को रोक सकते हैं।
फिल्म का मुख्य प्लॉट पुराने रोम को नए रोम के जैसा होता दिखा रहा है, जो अपने राजनीतिक फायदों के कारण बर्बाद हो गया था। उसी तरह न्यू अमेरिका, जो रोम के रूप में दिखाया गया है, वह भी बर्बादी के कगार पर है। फिल्म एक अलग दुनिया में स्थित है, जहां रोमन गणराज्य में एक नया न्यूयॉर्क शहर है।
मुख्य पात्र सीज़र एक बड़े सोच वाले व्यक्ति हैं, जो एक नए शहर को बनाना चाहते हैं। आगे की कहानी जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी, जो आपके नज़दीकी सिनेमाघरों में हिंदी में उपलब्ध है।
फिल्म की अच्छाइयाँ
कोपोला ने इस फिल्म को बनाने में काफी मेहनत की है, जो शायद कुछ ज्यादा ही हो गई, जिसके कारण यह एक खराब फिल्म के रूप में हमारे सामने निकल कर आई है। फिल्म को बहुत बड़े-बड़े सेट्स पर शूट किया गया है, जो देखने में काफी आकर्षक लगता है।
फिल्म की कमियाँ
फिल्म की पटकथा काफी कमज़ोर है, जिसे देखकर आप अपना सिर पकड़कर बैठ जाते हैं। मूवी को बनाने में बहुत अधिक लागत का उपयोग किया गया है, जिसकी कोई जरूरत नहीं थी। इसे कम बजट के साथ भी पेश किया जा सकता था।
फिल्म में कई फालतू के सीन डाले गए हैं, जिससे यह काफी खींची हुई नज़र आती है। बात करें इसकी सिनेमैटोग्राफी की, तो यह काफी अच्छी है, जिसका साथ बैकग्राउंड म्यूज़िक भी बखूबी देता है।
फाइनल वर्डिक्ट
यदि आप कोपोला की इस काफी मेहनत से बनाई फिल्म में उनके जुनून की सराहना करते हैं, तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं। लेकिन यदि आप एक अच्छी फिल्म देखना चाहते हैं, तो आपको अन्य फिल्मों के बारे में सोचना चाहिए और इस फिल्म को देखने से परहेज़ करना चाहिए। फिल्म में किसी भी प्रकार के एडल्ट सीन नहीं हैं, जिसके कारण आप इसे अपनी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।
हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/⭐.
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