मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की ओर से एक धमाकेदार फिल्म “मार्को”, जो कि 20 दिसंबर 2024 को भारत के सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। 2 घंटे 25 मिनट की यह फिल्म एक्शन, थ्रिलर और क्रूरता से भरी हुई है।
जिसमें हमें उन्नी मुकुंदन, सिद्धीक, जगदीश और एंसन पॉल जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में देखने को मिलेंगे। आइए जानते हैं हनीफ अदन के निर्देशन में बनी इस फिल्म के बारे में।
मलयालम फिल्म मार्को फुल रिव्यू
मार्को फिल्म को मलयालम के साथ-साथ तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी में सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। 30 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म का बहुत ज्यादा प्रमोशन नहीं किया गया था, इसलिए लोगों को इसके बारे में पूर्ण रूप से जानकारी नहीं है।
फिल्म के मेकर्स से सबसे बड़ी शिकायत हमें यह है कि इसका प्रमोशन सही ढंग से क्यों नहीं किया गया। छोटे शहरों में तो इसको शो ही नहीं मिले हैं, जहां पर इसके मॉर्निंग शो चल रहे थे, वहां पर भी वे कैंसिल कर दिए गए क्योंकि ऑडियंस ही नहीं थी।
कहानी
फिल्म की कहानी सोने की तस्करी करने वाले एक ग्रुप पर आधारित है। हीरो का भाई इसी ग्रुप का एक सदस्य है, इसके भाई की कुछ लोगों के द्वारा हत्या कर दी जाती है। तब मार्को अपने भाई के कातिलों को ढूंढने के लिए निकलता है और इसके बाद जो कुछ होता है, वो देखने लायक है।
आपको मलयालम सिनेमा में अब तक इस तरह का एक्शन देखने को नहीं मिला है, जो एक्शन आपको मार्को में देखने को मिलने वाला है। पिछले कई सालों में हमने देखा है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री एक्शन फिल्मों से दूरी बनाए हुए थी, पर उसी दूरी को मार्को ने एक झटके में खत्म कर दिया। फिल्म के दूसरे हिस्से में एक सीन है, जहां पर विलेन आता है और मार्को की पूरी की पूरी फैमिली को शमशान में बदल देता है।
अगर आपको क्रूरता से भरी हुई फिल्में जैसे कि किल और एनिमल देखना पसंद है, तब आप मार्को को बिल्कुल भी मिस न करें। शुरुआती फिल्म में आपको बिल्कुल भी महसूस नहीं होता है कि आगे आपको क्या देखने को मिलेगा, पर इंटरवल के बाद जो आप देखते हैं, वह एक्शन क्रूरता से भरा हुआ रूह कंपाने वाला है।
मार्को देखने के बाद आप उन्नी मुकुंदन के फैन हो जाएंगे। अगर आपका दिल कमजोर है, तो प्लीज आप इस फिल्म से दूरी ही बना कर रखें। मार्को की प्रेजेंटेशन इतनी जबरदस्त और शानदार तरह से दिखाई गई है कि आप इस कैरेक्टर से जुड़ाव महसूस करेंगे।
मार्को एक ए रेटेड फिल्म है और इस फिल्म के बारे में जितना कहा जाए, उतना कम है।
मार्को पॉजिटिव पॉइंट
मार्को जो एक एक्शन सीक्वेंस फिल्म है। अगर आप थ्रिलर फिल्मों के फैन हैं, तो 2024 की बेस्ट थ्रिलर फिल्मों में मार्को को गिन सकते हैं। मार्को का हर एक सीन आपको ऊपर से नीचे तक हिला कर रख देता है। फिल्म के टीजर और ट्रेलर से हमें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि कहानी में क्या दिखाया जाने वाला है। कहानी देखकर आप पूरी तरह से अंदर से हिल जाएंगे और सोचेंगे कि क्या ऐसा भी कुछ हो सकता है?
निर्देशक हनीफ ने एक ऐसी फिल्म बनाई है, जो कि उन्नी मुकुंदन के करियर का मील का पत्थर साबित होने वाली है। एक आसान सी कहानी को हनीफ ने इस तरह से प्रस्तुत किया है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। फिल्म में दिखाया गया है कि जब बात किसी की फैमिली पर आ जाती है, तब एक आम आदमी कैसे इतना क्रूर बन सकता है। अभी हिंदी दर्शक मार्को के बारे में बहुत कम जानते हैं, जैसे-जैसे इसके रिव्यू सामने आएंगे, वैसे-वैसे लोगों को इसके बारे में पता चलेगा।
नेगेटिव पॉइंट
मार्को का नेगेटिव पॉइंट बस यही है कि इसका सही ढंग से प्रमोशन न किया जाना। अगर इसका प्रमोशन सही ढंग से किया जाता, तो इसे नॉर्थ में अच्छे शो काउंट मिल सकते थे, जो कि नहीं दिए गए। ज्यादा जगह पर ये फिल्म नहीं लगी है और जहां लगी भी है, तो लोगों को इसके बारे में पता न होने की वजह से शो कैंसिल किए जा रहे हैं।
टेक्निकल एस्पेक्ट
रवि बसरूर ने फिल्म में इस तरह का बीजीएम डाला है कि आप जिस कुर्सी पर बैठे होंगे, वह हिल जाएगी। एक अच्छा बीजीएम वह होता है, जो आपके कानों को न चुभे, वैसा ही कुछ बीजीएम आपको मार्को में सुनने को मिलेगा।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी, कलर ग्रेडिंग, एडिटिंग आउटस्टैंडिंग है और प्रोडक्शन क्वालिटी भी ठीक-ठाक है। बात की जाए अगर इसकी हिंदी डबिंग की, तो वह डीसेंट है।
डायरेक्शन
मार्को का निर्देशन हनीफ अदन ने किया है और उनकी इस फिल्म के लिए जितनी भी सराहना की जाए, उतनी कम है। हनीफ ने इससे पहले भी तीन फिल्मों का निर्देशन किया है, पर जिस तरह की प्रेजेंटेशन इन्होंने मार्को में दिखाई है, वह उनकी पिछली फिल्मों से कहीं ज्यादा रोमांचकारी है।
एक आसान सी स्टोरी, जिसमें एक लड़का अपनी फैमिली पर हुए अत्याचारों का बदला लेता है, उसे इस तरह से हनीफ ने क्रिएट किया है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।
निष्कर्ष
मार्को एक मस्ट वॉच फिल्म है, जिसे आप अपने नजदीकी सिनेमाघर में जरूर जाकर देखें। शुरुआती कहानी स्लो लग सकती है, पर जो बाद में आपको देखने को मिलेगा, वह एक अलग तरह का एक्सपीरियंस देकर जाएगा। क्योंकि यह फिल्म ए रेटेड है, तो 18 साल से कम आयु के लोग इसे देखने के लिए न जाएं।
सभी मलयालम फिल्में अपनी कहानी के दम पर चलती हैं, पर इस फिल्म में आपको कहानी के साथ-साथ जो क्रूरता से भरे हुए एक्शन सीक्वेंस दिखाए जाएंगे, वह एक डबल धमाका है।
कहानी को समझने में आपको ज्यादा दिमाग नहीं लगाना है। मार्को फिल्म को बच्चों को न दिखाएं। अगर बच्चों को ही फिल्म दिखानी है, तो मुफासा: द लायन किंग सिनेमाघरों में लगी हुई है, आप उसे दिखा सकते हैं। फिल्मी ड्रिप की तरफ से इसे दिए जाते हैं, पांच में से चार स्टार।
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