KANGUVA REVIEW HINDI:डायरेक्टर शिव और सूर्या की मच अवेटेड तमिल फिल्म कांगुआ रिलीज हो चुकी है 2 घंटे 34 मिनट की यह फिल्म क्या आपके टाइम को डिजर्व करती है।
तो करते है कंगुवा का रिव्यू, फिल्म के कुछ पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट्स हैं जो आप रिव्यु में विस्तार से जानेंगे।बॉबी देओल और सूर्या स्टारर फिल्म कंगुवा को आज सिनेमाघरों में साऊथ लेंग्वेज के साथ -साथ हिंदी में भी रिलीज किया गया है।
स्टोरी-
कगुआ की कहानी शुरू होती है फ्रांसिस के कैरेक्टर से जिसे सूर्या ने निभाया है। सूर्या की गर्लफ्रेंड के रूप में दिशा पटानी के साथ योगी बाबू भी नजर आए हैं। शुरुआती 20 मिनट के बाद फिल्म 1000 साल पीछे चली जाती है जहां पर कंगुआ और परवा की कहानी देखने को मिलती है।
इसके बाद से कहानी संभलती हुई दिखती है और फिल्म देख कर मजा आने लगता है। अब 1000 साल पीछे के ये लोग कौन है ये सब अपने पास्ट और प्रेजेंट से कैसे जुड़े हुए हैं , बॉबी देओल का रोल कैसा है ये सब फिल्म देख कर ही पता लगेगा।
हालांकि ट्रेलर में जो भी हमें दिखाया गया है वह ना के बराबर है इससे कहीं ज्यादा आपको कहानी में देखने को मिलेगा। फिल्म की टैगलाइन को 2 सेगमेंट में डिवाइड किया गया है जिसमें यह एक तरफ मॉडर्न सेटिंग में देखने को मिलती है।
वहीं दूसरी ओर ये प्रायोडीक सेटिंग में देखने को मिलती है यानी की ट्राइब वाला एंगल, जिसमें ‘फ्रांसिस’ यानी सूर्या के कैरेक्टर को एक बच्चा मिलता है जो एक विचित्र तरह का है। इस बच्चे का कुछ कनेक्शन फ्रांसिस के कैरेक्टर से होता है।
अब यह कनेक्शन क्या है और यह बच्चा कौन है और ये कंगुवा कौन है यह सब जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी ये फिल्म जो कि आपके नजदीकी सिनेमाघरों में आचुकी है।
हालांकि कुछ लोगों का यह भी मानना था कि यह बाहुबली फिल्म से अच्छी होगी और उससे भी ज्यादा बड़ा रिकॉर्ड कायम करेगी, फिल्म के डायरेक्टर शिव ने इस फिल्म पर 2019 से ही काम करना शुरू कर दिया था।
और कंगुवा को बनाने में लगभग 5 साल लगे यही वजह है फिल्म देखकर आपको डायरेक्टर का विजन देखने को मिलता है। कंगुवा के पहले हिस्से में कॉमेडी दिखाई गई है, इसके बाद जैसे ही डायरेक्टर को लगता है कॉमेडी से ऑडियंस थोड़ा ऊब रहे है तभी इंटरवल से पहले एक जोरदार ट्विस्ट देखने को मिलता है।
इसके बाद फिल्म जैसे ही अपने दूसरे हिस्से में एंटर होती है इस जोन को एक अलग तरह से ही दर्शाया गया है क्लाइमेक्स और प्री क्लाइमेक्स को देख आप अपना सर पकड़ लेंगे और बोनस के रूप में आपको इसमें कैमियो भी देखने को मिलेगा,
जिसकी आपने उम्मीद भी नहीं की होगी एक सिंपल स्टोरी को जिसमें हीरो अपनी सल्तनत के लिए लड़ता है डायरेक्टर ने जिस तरह से दर्शाया है इसके लिए हमें निर्देशक शिव का शुक्रिया अदा करना चाहिए।
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टेक्निकल एस्पेक्ट-
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी,सी जी आई और वीएफएक्स सभी बेहतर है क्योंकि यह सभी फिल्म के लिए बहुत इंपॉर्टेंट रोल निभाते हैं। इसके वीएफएक्स और सीजीआई को बहुत बारीकी से फिल्म में डाला गया है।
जिस वजह से फिल्म में वीएफएक्स किसी भी तरह से वीक होता हुआ नजर नहीं आया, कोई भी लूप होल्स इसके वीएफएक्स में देखने को नहीं मिलता। फिर वह चाहे इंट्रो वाला सीन हो या फिर प्री क्लाइमैक्स या फिर क्लाइमेक्स ही क्यों न हो।
अगर फिल्म के फाइट सींस की बात करी जाए तो इसे बाहुबली से थोड़ा ज्यादा बेहतर माना जाएगा। फिल्म के कॉस्ट्यूम और सेट्स दोनो ही काफी पावरफुल है।
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प्रदर्शन-
फ्रांसिस और कंगवा के कैरेक्टर को जिस तरह से सूर्या ने निभाया है उसे देखकर लगता है कि इस इंसान को सीधे जाकर गले से लगा ले। सूर्या एक्टिंग के जादूगर हैं जो किसी भी कैरेक्टर में आसानी से ढल जाते हैं।
जहां फ्रांसिस के कैरेक्टर में सूर्या चुलबुल पांडे सलमान खान के जैसे नजर आते हैं वही कंगवा के कैरेक्टर में वह एक अलग जोन में दिखाई देते हैं। सूर्या अपने कैरेक्टर के साथ बहुत अच्छे से खेलते हैं। वहीं दूसरी तरफ बॉबी देओल के काम को देख कर आप एनिमल के कैरेक्टर अबरार हक को भूल जाएंगे।
बॉबी देओल और सूर्य को जिस तरह से फिल्म में प्रेजेंट किया गया है वो खुद में शानदार है। दिशा पटानी – एंजेलिना के रोल को अच्छे से निभाया है। बॉबी देओल के कैरेक्टर को बहुत ज्यादा इंपोर्टेंस दी गई है जो फिल्म में बहुत ज्यादा इंपैक्ट छोड़ता है।
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बजट-
फिल्म का बजट 300 से 350 करोड़ के बीच का है जो इस फिल्म को देखकर लगता भी है। जिस तरह से फिल्म की शूटिंग चेन्नई,गोवा,केरल और राजमुंदरी में हुई है यहां फिल्म के बड़े-बड़े सेट्स में काफी लागत आई होगी।
फिल्म ने तमिल के 2D वर्जन में डेढ़ करोड़ की एडवांस बुकिंग कर ली थी, तमिल के 3d वर्जन में 5 करोड़ की एडवांस बुकिंग की। इसका एवरेज टिकट प्राइस ₹200 का है। तो वही हिंदी 3D वर्जन में इस फिल्म की एडवांस बुकिंग 45 लाख की हुई है, हिंदी में इसका एवरेज प्राइस ₹250 का है 3D में इसे लगभग 3000 शो दिए गए हैं।
इसने 2D में 27 लाख की एडवांस बुकिंग की है, टोटल अगर देखे तो इसने हिंदी से ही 75 से 80 लाख का एडवांस बुकिंग कर लिया है। हमारे अनुसार इस फिल्म के पहले दिन की हिंदी की कमाई लगभग ढाई से 3 करोड रुपए के बीच में होना चाहिए, हालाकि अगर फिल्म के अच्छे रिव्यू आए तो इसकी कमाई में वृद्धि भी देखने को मिल सकती है।
म्यूजिक-
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक देवी श्री प्रसाद “डीएसपी” द्वारा दिया गया है जोकि इस फिल्म की जान है। अगर फिल्म का अच्छा एक्सपीरियंस लेना है तब आप इसे सिर्फ 3D में जाकर देखें तो ज्यादा बेहतर होगा। फिल्म में जो विजुअल एक्शन और कहानी देखने को मिल रही थी इसके साथ-साथ जो इसका बीजीएम चलता है।
डीएसपी ने यह साबित कर दिया है कि जब वह कुछ क्रिएटिव करके देते हैं तब इनके द्वारा किया गया काम लाजवाब होता है। बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के हर एक सेगमेंट को इतना शानदार बनाता है जिससे यह फिल्म अपनी पकड़ को कहीं पर भी ढीली नहीं करती।
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खामियां-
कांगवा में बहुत ज्यादा वीएफएक्स का इस्तेमाल किया गया है क्योंकि अगर एक जंगल को नॉर्मल तरह से दिखाया जाए तो भी वह एक जंगल ही लगेगा इसमें बहुत ज्यादा वीएफएक्स ऐड करने की जरूरत नहीं थी, जो की फिल्म करती हुई नजर आई।
क्योंकि हर फिल्म में वीएफएक्स का ज्यादा इस्तेमाल करने से फिल्म की प्रोडक्शन कॉस्ट तो बढ़ती ही बढ़ती है, साथ ही सीन में रियलिस्टिक रियलिटी भी नजर नहीं आती।
क्योंकि ओवर वीएफएक्स से फिल्म स्क्रीन पर काफी कार्टूनिस्ट दिखाई पड़ती है। अगर आपकी स्टोरी में लड़की का कैरेक्टर नहीं फिट हो रहा होता है तो फिल्म में गानों और हीरोइन की कोई जरूरत नहीं है, जरूरी नहीं है।
की फिल्म में गाने और हीरोइन होना ही चाहिए तब आपकी फिल्म सक्सेस होगी क्योंकि फिल्म की सक्सेस डिपेंड करती है आपके कंटेंट पर। फिल्म फर्स्ट हाफ में थोड़ी डल और स्लो है किसी भी फिल्म को देखते वक्त जो वाओ मूवमेंट आता है वह इसमें मिसिंग है।
अच्छाइयां-
सिनेमैटिक एक्सपीरियंस की अगर बात की जाए जंगल के साथ फिल्म में जो पीरियड वाला एंगल दिखाया गया है वह आपको देखने में अच्छा लगेगा। फिल्म का क्लाइमेक्स आपको फिल्म की पिछली गलतियों को भुलाने पर मजबूर कर देता है फिल्म के पार्ट 2 के लिए मेकर्स ने विंडो ओपन किया है।
जिसमें हमें एक पावरफुल एक्टर देखने को मिलेंगे। जिस एक्टर को हिंदी दर्शक तो उतना नहीं जानते हैं पर अगर आप साउथ फिल्में देखते हैं तो इन्हे जरुर जानते होंगे। फिल्में बहुत सारे ट्विस्ट एंड टर्न देखने को मिलते हैं जो आपको इससे जोड़े रखते हैं। इस फिल्म में आपको एपिक लेवल की चीजें भी देखने को मिलती हैं।
पर जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है यह थोड़ी प्रिडिक्टबल होने लगती है जो कहीं ना कहीं दर्शकों के लिए ठीक नहीं। दो वजह है जिनके लिए आप इस फिल्म को थिएटर में जाकर देख सकते हैं अगर आप सूर्या के फैन है तो आप उनकी परफॉर्मेस को देखने के लिए जा सकते हैं।
जिस तरह से सूर्या ने दोनों कैरेक्टर्स के बीच की ट्रांजिस्शंस को दिखाया वह देखकर आपको काफी अच्छा लगेगा। हालांकि सूर्य ने फ्रांसिस के कैरेक्टर से अच्छा कांगवा का रोल प्ले किया है। अगर आपको फैंटसी और एडवेंचर फिल्में देखना पसंद है जिसमें पावरफुल विजुअल भी दिखाए गए हो तब आप इस फिल्म को डेफिनेटली सिनेमा घर में जाकर एक्सपीरियंस करें ।
निष्कर्ष-
यह एक पैसा वसूल फ़िल्म है जिसे अगर आप हिंदी में देखना चाहे तो हिंदी में देख सकते हैं अगर सबटाइटल के साथ आप देखना चाहते हैं तो इसे ओरिजिनल लैंग्वेज तमिल में देखें क्योंकि यहाँ आप फिल्म को और अच्छे से एक्सपीरीयन्स कर सकेंगे ।
फिल्म के विजुअल और सूर्य के कैरेक्टर यह दो वजह है जिनकी लिए आप इस फिल्म को देख सकते हैं। अगर आपने बहुत ज्यादा आशा बांध रक्खी है फिल्म से तो कहीं ना कहीं यह फिल्म आपको निराश भी दे सकती है।डेफिनेटली फिल्म जरूर देखें लेकिन बहुत सी आशाओं को साथ लेकर नहीं क्योंकि फिल्म में कहीं ना कहीं मांस मोमेंट मिसिंग है।
हमारी तरफ से फिल्म को पांच में से 5/3⭐ स्टार दिये जाते है।