johny lever:मुंबई की चोल में जन्मे जॉनी लिवर किसने सोचा था के इतने महान कलाकर बनेगे जॉनी लिवर बचपन में एक शराब की दुकान में काम किया करते थे।
और वही से उन्होंने शराब भी पीना शुरू कर दिया था। एक लम्बे स्ट्रगल के बाद जॉनी लिवर हर दूसरी फिल्मो में कॉमेडी करते हुए नज़र आने लगे थे और जल्द ही दुनिया भर में एक महान कॉमेडियन के रूप में पहचाने जाने लगे।
जॉनी लिवर के पिता हिंदुस्तान लिवर में नौकरी किया करते थे कुछ समय बाद इन्होने जॉनी की नौकरी हिंदुस्तान लिवर में लगवा दी थी इसलिए जॉनी लिवर ने अपने नाम के आगे लिवर लगा लिया अगर असली नाम की बात करे तो जॉनी लिवर का असली नाम जॉन प्रकास राव जनुमाला है।
जॉनी लिवर ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बताया के फिल्म इंडस्ट्री में सब नकली लोग है हर एक्टर नकली है एक्टर अपनी असल ज़िंदगी में भी एक्टिंग करने लग जाता है जिस तरह एक राजनितिक इंसान अपनी असल ज़िंदगी में अपने क़रीबी लोगो से राजनीती करने लग जाता है।
जॉनी लिवर ने बताया के किस तरह से पहले फ़िरोज़ खान की पार्टी हुआ करती है सब बड़े बड़े एक्टर एक साथ इकट्ठा हुआ करते थे जॉनी लिवर भी उन पार्टी में परफॉर्मेंस किया करते थे। जॉनी लिवर बताते है के शक्ति कपूर उन पार्टी में आया करते थे तब शक्ति कपूर को कोई भी नहीं जनता था एक बार शक्ति कपूर की एक अरबी के साथ तू तू मै मै हो गयी तब मैंने पूछा के ये बाँदा कौन है उसके बाद मुझे पता चला के ये शक्ति कपूर है।
धारावी की ज़िंन्दगी कैसी रही जॉनी लिवर की
जॉनी लिवर बताते है के धारावी में जब हम लोग स्कूल के लिए निकला करते थे तब आम बात थी के रस्ते में क़त्ल हुए लोगो का मिलना उस टाइम पर गैंग वार बहुत ज़ोरो पर थी जॉनी लिवर ने सात साल की उम्र में गैंग वार में मरे हुए लोगो को देखा था जॉनी लिवर बताते है के ये हमारे लिए कोई बड़ी बात नहीं थी ये सब कुछ उस टाइम पर एक आम बात हुआ करती थी।
उस समय धारावी में कर्णाटक और तमिलियन्स की हमेशा गैंग वार रहा करती थी जॉनी लिवर के फादर भी उस वक़्त के दादा हुआ करते थे जॉनी लिवर को ऐसा लगता था के जिस जगह पर वो रह रहे है वही असली दुनिया है पर जब वो परफॉर्मेंस के लिये बाहर आये तब उन्हें लगा के यहाँ तो एक अलग तरह की दुनिया है अलग तरह के लोग भी है।

जॉनी लिवर को सही से बात करना भी नहीं आता है
जॉनी लिवर बताते है के उनको सही से बात करना भी नहीं आता था उनको ये पता ही नहीं था के लोगो के सामने किस तरह से बात करना है बस वो मिमक्री करना ही जानते थे उनको हिंदी इंग्लिश उर्दू कुछ भी बोलना नहीं आती थी जॉनी लिवर जब परफॉर्मेस करने के लिए जाते थे तब उनको ऑर्गनाइजर पहले ही बता देता था के तुमको बात नहीं करनी है बस मिमिक्री करके निकल जाना है कुछ टाइम के बाद जॉनी लिवर ने धीरे-धीरे हिंदी सीखी और साथ ही उर्दू पर अपनी पकड़ बनाना शुरू किया।
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