सिनेमाघरों में आज एक नई बॉलीवुड फिल्म रिलीज़ हुई है, जिसका नाम ‘जिगरा’ है, जिसकी रिलीज़ डेट आज 11 अक्टूबर 2024 है। इसका जॉनर एक्शन, थ्रिलर और ड्रामा है। फिल्म की लंबाई लगभग 2 घंटे 35 मिनट की है। इसका निर्देशन ‘वासन बाला’ ने किया है, जिन्होंने इससे पहले ‘रमन राघव 2.0’ और ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ जैसी फिल्मों में अपना निर्देशन दिखाया है। फिल्म की कहानी एक ऐसी बहन ‘आलिया भट्ट’ की है, जो अपने भाई को बचाने के लिए दुनिया से लड़ जाती है।
कहानी
फिल्म की कहानी भाई ‘अंकुर आनंद’ और बहन ‘सत्या आनंद’ की है, जिसमें उसका भाई एक गलत इल्ज़ाम में फंसने के कारण विदेशी जेल में सजा काट रहा है। उसे छुड़ाने के लिए उसकी बहन अपने कंधों पर इसका ज़िम्मा लेती है, इसी पर फिल्म की कहानी बुनी गई है।
फिल्म में आलिया भट्ट ने दमदार अभिनय किया है। सत्या के किरदार में नज़र आईं आलिया भट्ट के भाई यानी वेदांग रैना ने भी शानदार अभिनय किया है। यह भी कहा जा सकता है कि बॉलीवुड को एक बेहतरीन कलाकार इस फिल्म से मिल सकता है।
हालांकि, इस फिल्म में आलिया का किरदार उनकी पिछली फिल्मों जैसे ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ से अलग है। यह अलग किरदार निभाना आलिया के लिए एक बड़ी चुनौती थी, जिसे उन्होंने इस फिल्म में बखूबी निभाया है। यह फिल्म उन आलोचकों के मुँह पर एक जोरदार तमाचा है, जिन्होंने आलिया भट्ट की फिल्मों को हमेशा हल्के में लिया और सोचा कि वह केवल सॉफ्ट किरदार ही निभा सकती हैं।
फिल्म के बैकग्राउंड में एक गाना सुनाई देता है, जो पुरानी फिल्म से लिया गया है, जिसका टाइटल है ‘फूलों का तारों का सबका कहना है’। जब-जब यह गाना बैकग्राउंड में सुनाई देगा, तब-तब दर्शक रोमांचित महसूस करेंगे।
फिल्म का क्लाइमेक्स लगभग 20 से 25 मिनट का है, जिसमें आपको भरपूर एक्शन सीक्वेंस देखने को मिलेगा। यह फिल्म पूरी तरह से एक सफल श्रेणी में मानी जाएगी, जिसमें मुख्य किरदार के साथ-साथ सहायक कलाकारों का भी बड़ा योगदान है। ‘भाटिया साहब’ (मनोज पहवा) या फिर ‘मुथु’ (राहुल रविंद्रन), सभी ने अपने अभिनय से फिल्म में जान डाल दी है।
मूवी में अश्लीलता या नग्नता बिल्कुल भी नहीं है, जिसके कारण आप इसे अपनी पूरी फैमिली के साथ इंजॉय कर सकते हैं और अपनी दशहरे की छुट्टी का सही मायने में उपयोग कर सकते हैं।
टेक्निकल एस्पेक्ट
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक काफी उम्दा है, जो इसके हर सीन में जान डाल देता है। बात करें इसकी सिनेमैटोग्राफी की, तो यह भी दमदार है। फिर चाहे वह इसकी कलर ग्रेडिंग हो या फिर एक्शन सीक्वेंस, सभी मायनों में यह शानदार है।
खामियाँ
वैसे तो इस फिल्म में कोई खास कमी नहीं है, लेकिन अगर इसकी कमी की बात की जाए, तो वह है इसकी लंबाई, जिसे शायद थोड़ा कम किया जा सकता था। हालांकि, मूवी की कहानी इतनी आकर्षक है कि यह आपको बाँधे रखती है और किसी भी मोड़ पर बोरियत महसूस नहीं होती।
फाइनल वर्डिक्ट
अगर आप अपनी दशहरे की छुट्टियों का मज़ा सही मायनों में थिएटर जाकर उठाना चाहते हैं, तो आप ‘जिगरा’ फिल्म को चुन सकते हैं। यह फिल्म आपको बिल्कुल भी निराश नहीं करेगी, क्योंकि इसमें सभी तरह के तत्व देखने को मिलते हैं, फिर चाहे वह एक्शन हो या इमोशंस। इन सभी चीज़ों से यह फिल्म लबालब भरी हुई है।
इस फिल्म को मेरी तरफ से 4/5* की रेटिंग दी जाती है।
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