fateh review hindi:करोना महामारी के वक्त लोगों की भरपूर मदद करने वाले अभिनेता ‘सोनू सूद’ की नई फिल्म फतेह ने आज 10 जनवरी 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। जिसका पहला शो अभी अभी हमारे फिल्म समीक्षा एक्सपर्ट अरसलान ने देख कर खत्म किया और अपना एक्सपीरियंस साझा किया।
सोनू की फिल्म फतेह की लंबाई मात्र 2 घंटा 10 मिनट की है, जिसका जॉनर एक्शन ड्रामा और रियल क्राइम की कैटेगरी में आता है,जिसका डायरेक्शन खुद सोनू सूद ने ही किया है,जो उनके करियर की पहली निर्देशित फिल्म है।फिल्म की कहानी मुख्य रूप असल जिंदगी में चल रहे ‘साइबर क्राइम’ जैसे अपराध पर फोकस करती है।
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कास्ट-
सोनू सूद, नसीरुद्दीन शाह, जैकलिन फर्नांडीज, दिब्येंदु भट्टाचार्य, विजय राज, शिव ज्योति राजपूत, शीबा आकाशदीप।
कहानी का विवरण-
फिल्म की कहानी एक एक्स स्पेशल ऑफिसर ‘फतेह’ (सोनू सूद) पर बुनी गई है, जो फिलहाल अपने पद से रिटायर ले चुके हैं पर हालात कुछ ऐसे बनते हैं जिससे फतेह को दोबारा अपनी पुरानी जिंदगी में लौटना पड़ता है,जिसका मुख्य कारण ‘निमरित कौर’ (शिव ज्योति राजपूत) है जोकि फतेह की पड़ोसी है और साथ ही मुंह बोली बहन भी,पर एक दिन वह अचानक कहीं गायब हो जाती है।
जिसे ढूंढने के लिए और इस मामले से निपटने के लिए फिर से, फतेह अपने वही पुराने स्पेशल ऑफिसर वाले अवतार में वापस लौटता है। जिसमें वह अपनी दोस्त ‘खुशी’ (जैकलिन फर्नांडीज) की सहायता लेता है,जो उसकी टीम का हिस्सा रह चुकी है और उसकी दोस्त होने के साथ-साथ खुशी एक ‘पेशेवर हैकर’ भी है। जिससे फतेह वह पूरी प्रक्रिया सीखता है, जिसे इस्तेमाल करके यह साइबर ठग अपने प्लान को अनजान देते हैं।
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इन साइबर ठगों को पकड़ने के रास्ते में फतेह की मुलाकात ‘विजय राज’ (सत्य प्रकाश) से होती है,जो इस साइबर क्राइम के काले धंधे का एक प्यादा है। फिल्म के मुख्य विलेन के रूप में ‘नसीरुद्दीन शाह’ (रज़ा) नजर आते है जो इस ठगी गैंग के मास्टरमाइंड है। साथ ही इनके तार चीन से भी जुड़े हुए दिखाएं गए हैं।आगे की कहानी जानने के लिए आपको देखनी होगी ये दिलचस्प फिल्म जो कि देश भर के सिनेमाघर में आज रिलीज कर दी गई है।
तकनीकी पहलू-
क्योंकि यह फिल्म एक्शन से भरपूर है जिस कारण आपको ऐसे-ऐसे अनोखे दृश्य देखने को मिलेंगे जिन्हें आपने इससे पहले बहुत ही कम फिल्मों में देखा होगा। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी ‘विन्सेन्ज़ो कोंडोरेल्ली’ ने की है जोकि अदभुद है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक ‘जॉन स्टीवर्ट एडुरी’ ने दिया है। जिसमें हनी सिंह और शब्बीर अहमद के गाने चार चाँद लगते हैं।
फिल्म की अच्छी चीजें-
मूवी में जिस तरह से असल जिंदगी में चल रहे साइबर क्राइम के काफी संगीन अपराध को दर्शाने की कोशिश की गई है, वह काफी सराहनीय है। जिसे इससे पहले सिर्फ हॉलीवुड और कोरियन फिल्मों में ही दिखाया जाता रहा था। सोनू सूद काफी लंबे समय के बाद स्क्रीन पर नजर आए हैं और देखने में इनका स्क्रीन प्रेजेंस काफी अच्छा लगता है। फिल्म में विजय राज की एक्टिंग भी काफी लाजवाब है,भले ही वे शॉर्ट रोल में नजर आए है पर फिर भी उनका काम अच्छा है।
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कमज़ोर कड़ियां-
फिल्म में जिस तरह से कहानी के मुख्य विलेन रज़ा के रोल को दिखाया गया, वह उतना प्रभावशाली नहीं दिखाई देता, जितना उसे होना चाहिए था।
एक्शन है फिल्म की जान-
फिल्म मैं दिखाए गए सभी फाइटिंग सीन इसकी कहानी को एक अलग आयाम देता हैं। जिस तरह से सलमान खान की 2017 में आई फिल्म टाइगर जिंदा है के एक इटली वाले एक्शन सीक्वेंस को फिल्माया गया था। उससे भी ज्यादा ब्रूटल फतेह की एक सीन में दिखाया गया है।
खून से टमैटो सॉस को मर्ज करने वाला सीन-
फिल्म के सेकंड हाफ में एक दृश्य को दिखाया गया है जिसमें बहुत सारे मरे हुए लोग एक साथ फ्लोर पर दिखाए जाते हैं वहीं दूसरी तरफ फर्श पर खून ही खून नजर आता है और अगले ही पल उस शॉट को सॉस खाने वाले सीन से मर्ज कर दिया जाता है।
इसी तरह के अनगिनत दृश्य को दिखाकर क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है। जो साफ इस बात को दर्शाता है के अब बॉलीवुड भी हॉलीवुड फिल्मों से हर मामले में टक्कर ले सकता है।
निष्कर्ष-
अगर आप एनिमल और मार्को जैसी फिल्में देखना पसंद करते हैं तो इस वीकेंड आप फतेह को रिकमेंड कर सकते हैं। हालांकि फिल्म पूरी तरह से ब्रूटल एक्शन से भरी हुई है,जिसे भले ही ए सर्टिफिकेट नहीं दिया गया हो, पर इसे बच्चों की बहुच से दूर ही रखें तो ज्यादा बेहतर होगा। फोल्मी ड्रिप की ओर से दिए जाते है इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार।
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