डाकुआं दा मुंडा 3 (Dakuaan Da Munda 3) नाम की पंजाबी फिल्म को 13 जून 2025 से सिनेमाघर में रिलीज कर दिया गया है। इससे पहले भी डाकुआं दा मुंडा वन और डाकुआं दा मुंडा 2 रिलीज की जा चुकी है। 2018 में इसका पार्ट वन तो वहीं दूसरा पार्ट 2022 में रिलीज हुआ था।
डाकुओं दा मुंडा 3 का निर्देशन किया है हैप्पी रोडे ने और इसकी मुख्य भूमिका में देव खरौड़, बानी संधू, कबीर दोहन सिंह, दृष्टि तलवार जैसे और भी पंजाबी कलाकार देखने को मिलेंगे। आईए जानते हैं 2 घंटे 28 मिनट की यह फिल्म क्या आपके टाइम को डिजर्व करती है या नहीं।
रिव्यू
फिल्म के सभी कलाकारों की मेहनत ने इसे एक्शन फिल्म के साथ-साथ एक इमोशनल फिल्म भी बनाकर पेश किया है। देव खरौद यहां मुख्य भूमिका में दिखाई दे रहे हैं। देव खरौद के पिता भी डाकू रह चुके हैं और उनके दादा भी डाकू थे किन्ही कारणों वश यह अपने घरवालों से बिछड़ जाते हैं,

जिस वजह से इनका पालन पोषण अनाथ आश्रम में होता है देव खरौद के कुछ दोस्त भी यहां होते हैं बानी संधू और देव खरौद के बीच केमिस्ट्री है बानी संधू और देव खरौद दोनों को एक दूसरे से प्यार है। डाकुआं दा मुंडा 3 की कहानी सिर्फ देव खरौद की ही नहीं बल्कि बानी सिंधु पर भी फोकस करती है।
यहा नशे के खिलाफ भी एक बड़ी मुहिम छेड़ी गई है जिस तरह से पिछली फिल्मों की तुलना में इसकी कहानी को और बेहतर बनाया गया है वैसा ही इसका म्यूजिक भी निखरकर सामने आया है जहां पर ज्यादातर गाने सिद्धू मूसे वाला के ही देखने को मिलते है।फिल्म के अंत में सिद्धू मूसे वाला को ट्रिब्यूट भी दिया गया है।

देव खरौद जोकि बॉक्सर बनने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं यह अपने मां बाप का सपना पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं।इसमें बानी सिंधु जो कि इनका प्यार है वह पूरा साथ देती है। हर किसी की जिंदगी में एक ऐसी औरत होना चाहिए जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में उसका साथ दे बनी सिंधु के कैरेक्टर ने इस फिल्म में उस चीज को सत्य साबित कर दिया है।
बानी सिंधु के कैरेक्टर आपको खुद से पूरी तरह से जोड़ लेता है पर जब भी आप जुड़ाव महसूस करते हैं कुछ ही समय में यह फिल्म आपका दिल भी तोड़ देती है।डाकुआं दा मुंडा 3 मैं आगे क्या दिखाया जाता है यह सब आपको सिनेमाघर में जाकर ही देखना होगा।
पॉजिटिव और निगेटिव पॉइंट
पिछली फिल्मों की तुलना देव खरौद की एक्टिंग इस फिल्म में पहले से कहीं ज्यादा निखर कर सामने आई है क्योंकि अपनी पिछली 2 फिल्मों के बारे में देव खरौद ने कहा था कि मैं इन फिल्मों में उतना एनर्जेटिक नहीं दिख रहा हूं पर अब फाइनली देव खरौद डाकुआं दा मुंडा में पूरी एनर्जी के साथ वापसी की है।
कहानी की बात करें तो पहले हाफ में फिल्म काफी इंटरेस्टिंग है तो वहीं दूसरे हाफ तक पहुंचती पहुंचती यह थोड़ी डाउन दिखाई पड़ती है।फिर एक पॉइंट ऐसा भी आता है जहां पर आप इससे इमोशनली कनेक्ट भी हो जाते हैं। पूरी फिल्म नशे को दिखा कर एक दूसरे पर्सपेक्टिव से आगे बढ़ती है। रिलीज़ से पहले जिस तरह के बड़े एक्शन की प्रॉमिस की गई थी एक्शन तो था पर कुछ नया नहीं था। डायलॉग भी थोड़े और बेहतर लिखे जा सकते थे।
निष्कर्ष
डाकुओं दा मुंडा को दर्शकों और क्रिटिक्स की मिली जुली प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।फिल्म समाज को संदेश देती है।यह एक डीसेंट कहानी है जिसे आप अपनी पूरी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं यहां किसी भी तरह की वल्गैरिटी या एडल्ट सीन का इस्तेमाल नहीं किया गया है मेरी तरफ से इसे दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार की रेटिंग।
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