गुजराती फिल्म इंडस्ट्री की ओर से एक नई हॉरर फिल्म रिलीज की गई है जिसका नाम ‘दैत्य’ है। बात करें फिल्म के जॉनर की तो यह हॉरर और मिस्ट्री की कैटेगरी में आता है। फिल्म की लेंथ एक घंटा 42 मिनट की है।
जिसकी कहानी एक गांव की है जहां पर बहुत सारी रहस्यमई चीजें घट रही हैं जिनके ऊपर से पर्दा उठाने के लिए प्रोफेशनल इन्वेस्टिगेटर का सहारा लिया जाता है। फ़िल्म का डायरेक्शन ‘मितुल गुप्ते’ ने किया है जिन्होंने इससे पहले साल 2012 में आई फ़िल्म ‘बॉस’ का भी निर्देशन किया था।
कहानी
फ़िल्म की स्टोरी ‘मीरा’ (अनुराधा रुद्रप्रिया) और ‘लाली’ (किन्नरी पंक्ति) दो दोस्त जोकि पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर हैं इन्हीं पर फिल्म की कहानी रची गई है।जो कि अपने गांव घूमने जाते हैं जहां पर कुछ पैरालौकिक घटनाएं घट रही थीं।जैसा कि मीरा और लाली जो कि इन सब चीजों पर भरोसा नहीं करतीं और सभी को साइंस से जोड़ती हैं।
वह इन सभी घटनाओं के ऊपर से पर्दा उठाने के लिए जुट जाती हैं जहां पर इनकी मुलाकात ‘देवी’ (रूबी ठक्कर) से होती है जो कि एक गांव की प्रसिद्ध ओझा हैं जिन्हें देखते ही ये दोनों इन्वेस्टिगेटर लड़कियां काफी प्रभावित होती हैं और बहुत सी चीजों पर भरोसा करने लग जाती हैं।
जैसे-जैसे दोनों गांव में हो रही घटनाओं का इन्वेस्टिगेशन करती हैं पता चलता है कि यह क्यों हो रही हैं और इनके पीछे कौन है।क्या गांव का ही कोई इन सब के पीछे है या फिर कोई आत्मा सच में इस गांव में मौजूद है, यह सभी सवालों का जवाब तो आपको फिल्म देखने पर ही पता लगेगा जिसके लिए आपको देखनी होगी यह मूवी जो कि फिलहाल आपके नजदीकी सिनेमा घरों में उपलब्ध है।
खामियां
फ़िल्म की एक बड़ी कमी इसकी लेंथ है जिसे थोड़ा और बढ़ाया जा सकता था जिससे कहानी थोड़ी लंबी हो जाती और इंगेजमेंट बनी रहती।
अच्छाइयां
फ़िल्म को देख कर यह पूरी तरह से हॉरर फील कराने में कामयाब होती है।कलाकारों की एक्टिंग और पूजा वाले सभी सीन एक अलग छाप छोड़ जाते हैं जिन्हें देख कर पूरा भूतिया माहौल क्रिएट हो जाता है। बात करें इसकी सिनेमैटोग्राफी और म्यूजिक की तो जैसा कि आप जानते हैं किसी भी हॉरर फिल्म के लिए उसका बैकग्राउंड म्यूजिक इसके पिलर के समान होता है।
जो कि दर्शकों को फिल्म से जोड़े रखता है तो हम आपको बता दें इस फिल्म का भी म्यूजिक काफी दमदार है। चाहे फिल्म की वो डार्क थीम हो या फिर वह हॉन्टेड गांव हर एक फैक्टर पर यह मूवी खरी उतरी है।फिल्म का डायरेक्शन मितुल गुप्ते ने किया है जो कि काबिले तारीफ है क्योंकि इतनी कम प्रोडक्शन कॉस्ट के साथ अच्छी फिल्म बनाना काफी मुश्किल काम है जिसे मितुल ने बखूबी कर दिखाया है।
फाइनल वर्डिक्ट
अगर आपको गांव के थीम पर बनी डार्क हॉरर फिल्में देखना पसंद हैं तो आप इस फिल्म को बिल्कुल भी मिस न करें। जो कि आपके मजे को दुगुना करने की और रातों की नींद उड़ाने के लिए काफी है। फ़िल्म में बहुत से जंप स्केयर मोमेंट भी हैं जिन्हें आप खूब इंजॉय करेंगे।
हमारी ओर से इस फ़िल्म को दिए जाते हैं 3.5/5 ⭐।
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