Censor board scissors used on Punjab 95 film:कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी के विवादों में घिरे रहने के बाद अब पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ की नई फिल्म ‘पंजाब 95‘ भी सेंसर बोर्ड के शिकंजे में फस गई है।
फिल्म की कहानी में दिलजीत ‘जसवंत सिंह खालडा’ के रोल में हमें नजर आएंगे बात करें इसके प्रोडक्शन वर्क की तो यह ‘रोनी स्क्रू वाला’ के अंतर्गत है।
पंजाबी इंडस्ट्री से यह दिल तोड़ने वाली खबर निकल कर सामने आ रही है इसमें बताया गया है कि दिलजीत की आने वाली फिल्म पर सेंसर बोर्ड ने लगभग 120 सीन्स को कट करने का आदेश दिया है।
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पंजाब 95 फिल्म के नए बदलाव- जैसे कि आप जानते हैं या फिल्म जसवंत सिंह खालडा की सच्ची कहानी पर आधारित है जिन्हें पंजाब में काफी सम्मान से जाना जाता है क्योंकि वे यादगार शख्सियत होने के साथ एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे।
इसी कारण से सेंसर बोर्ड नहीं या आदेश दिया है की फिल्म में उनके नाम को बदलकर दिखाया जाए जिस पर फिल्म के मेकर्स ने भारी विरोध दर्ज कराया है और उनका कहना है कि यह फिल्म जसवंत जी की ज़िंदगी पर आधारित है इसके करेक्टर का नाम चेंज कर देने से फिल्म पर काफी नेगेटिव इंपैक्ट पड़ेगा।
पंजाब 95 का नया टाइटल- मेकर्स ने फिल्म का नाम इसके सच्चे किरदार की मौत के साल पर रखा था जिसके कारण फिल्म का नाम फिलहाल पंजाब 95 रखा गया था लेकिन सेंसर बोर्ड की नई गाइडलाइन के अनुसार फिल्म के नाम को भी चेंज करना होगा। जिस पर सेंसर बोर्ड ने यह हवाला दिया है
कि इस नाम का इस्तेमाल किए जाने पर पंजाबी ऑडियंस की भावनाएं आहत हो सकती है, जिसे रोकने के लिए इसका नाम बदलना होगा, फिल्म का नया नाम ‘सतलुज’ होगा।
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गुरबानी सीन्स में बड़ा बदलाव- फिल्म का नया नाम पंजाब की एक फेमस नदी के नाम पर रखा गया जिसका नाम सतलुज है। कहानी में जितने भी गुरबानी के सीन को दिखाया गया है सभी को सेंसर बोर्ड ने बदलने के आदेश दिए हैं
जिस पर उन्होंने सफाई दिया और बताया है,क्योंकि फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसके कारण बहुत लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं कहानी में जितनी भी चीजे सच्ची घटना से कनेक्ट है सभी को बदलना होगा।
जसवंत सिंह खालड़ा कौन थे- जसवंत जी पंजाब की एक बहुत फेमस बैंक के डायरेक्टर पद पर थे। क्योंकि वे एक एक्टिविस्ट फैमिली से थे जिसके कारण बहुत सारी सामाजिक समस्याओं के निदान करने में भी सहयोग करते थे। जसवंत सिंह ने पंजाब के विद्रोह के दौरान सिख लोगों की हत्याओं का पर्दा फाश किया था।
जसवंत सिंह जी की मौत भी काफी रहस्यमई तरीके से हुई थी जिसमें उन्हें साल 1995 में किडनैप कर लिया गया था जिसके बाद शुरुआती जांच में कुछ खास सबूत नहीं मिले लेकिन बहुत समय के बाद उनकी हत्या के पक्के सबूत पाए गए जिसमें 6 पुलिस ऑफिसर द्वारा उनकी हत्या की जाने की बात पता चली।
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