Black warrant web series review in hindi:नेटफ्लिक्स ने नए साल का अपना पहला शो आज 10 जनवरी को रिलीज कर दिया, जिसका नाम ‘ब्लैक वारंट‘ है। जिसके मुख्य किरदार में ज़हान कपूर नजर आते हैं।
जिन्होंने साल 2023 में आई फिल्म फ़राज़ में काम किया था। सीरीज में हमे टोटल 7 पार्ट देखने को मिलते हैं जिनमें से हर एक की लंबाई तकरीबन 50 से 55 मिनट की है।
शो का जॉनर क्राइम और जेल ड्रामा है,जिसका निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी और सत्यांशु सिंह ने किया है। सीरीज की कहानी पूरी तरह से जेल के भीतर की काली दुनिया पर रची गई है ,जोकि एक नोवेल पर बेस्ड है।
कहानी-
शो की स्टोरी साल 1980 के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जिसका मुख्य किरदार सुनील कुमार गुप्ता है। जिस पर इस फिल्म की पूरी रूपरेखा रची गई है। जोकि एक काफी साधारण फैमिली से आता है, जिसे नौकरी की सख्त जरूरत थी,इंटरव्यू के दौरान जब सुनील से पूछा जाता है कि “तुम्हें यह जॉब क्यों दी जाए” तब वह अपनी परेशानियों को इंटरव्यूअर के समक्ष रखता है।
जैसे उसके पिताजी ने आंख की परेशानी के कारण अर्ली रिटायरमेंट ले रखी है, तो वहीं दूसरी ओर उनकी मां भी रेलवे अस्पताल में मिडवाइफ का काम करती हैं। जिससे इस उम्र में उन्हें देर सवेर अस्पताल जाना पड़ता है। हालांकि यह सब सुनने के बाद उसे यह नौकरी मिल जाती है, लेकिन जेलर की नौकरी पक्की होने से पहले उसे कुछ समय ट्रायल पर रखा जाता है।
यहीं से कहानी में ट्विस्ट देखने को मिलता है क्योंकि सुनील काफी सरल स्वभाव का इंसान था जो की जेल के माहौल के हिसाब से बिल्कुल भी सूटेबल नहीं था अब कैसे वह जेल में रहकर अपने ट्रायल पीरियड को कंप्लीट करता है और कैसे जेलर की पक्की नौकरी पाता है इसी जर्नी पर शो की कहानी चलती है। आगे की स्टोरी जानने के लिए आपको देखनी होगी यह वेब सीरीज जोकी नेटफ्लिक्स पर हिंदी में उपलब्ध है।
सीरीज की कमियां-
शो में सिर्फ जेल की भीतरी दुनिया को उजागर किया गया है, जिसमें जेल के बाहरी दुनिया के दृश्य ना के बराबर है। जिससे कई बार शो को देखते वक्त आप बोरियत महसूस कर सकते हैं।
कहानी के मुख्य किरदार के अलावा बाकी सभी किरदारों की पकड़ कहानी पर थोड़ी कम दिखाई देती है। क्योंकि यह वेब सीरीज एक नोवेल पर बेस्ड है जिस कारण से इसमें ज्यादा मनोरंजक तथ्यों को जोड़ना संभव नहीं हो सका।
शो की अच्छी चीजें-
सिरीज़ में जिस तरह से जेल की काली दुनिया की सच्चाई को दिखाया गया है, वह देखने में काफी रियल फील होता है। इसके मुख्य किरदार फ़राज़ ने अपने रोल को बेहतरीन तरीके से निभाया है
जिन्हें देखकर आप मंत्र मुक्त हो जाएंगे,जैसे मानो सच में उनकी पोस्टिंग जेल में हुई हो। कहानी को ज्यादा खींचा नहीं गया है सिर्फ 7 पार्ट में ही खत्म कर दिया गया,जोकि एक अच्छा फैसला है।
निष्कर्ष-
अगर आपको भारत की सबसे सुरक्षित जेल” तिहाड़ के भीतर की दुनिया को जानना है या फिर रियल इंसिडेंट से इंस्पायर फ़िल्में और वेब सीरीज देखना पसंद है। तो आप इस शो को रिकमेंड कर सकते हैं।
फिल्मीड्रिप की ओर से इसे दिए जाते हैं 5/⭐ ⭐ ✨.