Amar Singh Chamkila review by filmydrip:अमर सिंह चमकीला पर एक फिल्म आयी है नेटफिलिक्स पर इस फिल्म को बनाने वाले है मशहूर टैलेंटेड डायरेक्टर इम्तियाज़ अली जिन्होंने जब वी मेट और रॉकस्टार जैसी फिल्मे देकर सिनेमा को एक नया आयाम दिया था। फिल्म की सबसे अच्छी बात ये है के इस फिल्म में दिलजीत दोसांझ ने ज़बरदस्त एक्टिंग की है इनको देख कर आपको ऐसा अहसास होगा के आपके सामने अमर सिंह चमकीला ही खड़ा है।
उनका बात करने का अंदाज़ चलने की स्टाइल सब कुछ एक दम अमर सिंह चमकीला के जैसा ही था। खबरों की माने तो दिलजीत ने बहुत मेहनत की है इस रोल में खुद को ट्रांसफार्म करने में।
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फिल्म देख कर आप को ऐसा मालूम पड़ने वाला है के फिल्म के डायरेक्टर इम्तियाज़ अली और दिलजीत दोसांझ दोनों ने मिलकर अमर सिंह चमकीला की ज़िंदगी के बारे में काफी डीप रिसर्च करके फिल्म का निर्माण किया है इन्होने चमकीला की हर एक छोटी -छोटी चीज़ो को ध्यान मे रक्खा है। इस फिल्म को आप दिलजीत दोसांझ के लिए एक बार देख सकते है।
चमकीला फिल्म कोई मास मसाला इंटरटेनमेंट फिल्म नहीं है ये एक तरह की बायोग्राफिकल ड्रामा फिल्म है जो की पंजाब के एक सिंगर अमर सिंह चमकीला की ज़िंदगी के ऊपर बनाई गयी है। पूरी फिल्म में आपको पास्ट और फ्यूचर की झलक देखने को मिलती है। के किस तरह चमकीला को मारा गया था और क्या वजह रही थी उस टाइम पर जो इनको इतनी कम उम्र में ही मार दिया गया था चमकीला वो शख्स थे के उनके गाने हर वर्ग में बहुत फेमस हो गए थे बस प्रॉब्लम थी तो गाने में थोड़े वल्गर एडल्ट भाषा का प्रयोग किया जाता था।
फिल्म में एक छोटी सी कमी देखने को मिलती है वो ये है के फिल्म थोड़ी से स्लो वर्क करती है अगर डायरेक्टर साहब चाहते तो थोड़ा फ़ास्ट भी दिखा सकते थे फिल्म स्लो होने की वजह से कही -कही पर बोर भी करने लगती है मन करता है के थोड़ा सा निकाल कर देखा जाए।
फिल्म के कलाइमेक्स के जो आखिर के 45 मिनट दिखाए गए है वो बहुत ही एंगेजिंग है जो पूरी तरह से आपको फिल्म से जोड़ कर रखता है एक पल नज़रे नहीं झपका पाएंगे इन आखिर के ४५ मिनट में। एक बार इस फिल्म को आप देख सकते है अगर आपके पास टाइम है।
कौन था चमकीला
चमकीला पंजाब के लुधियाना जिले के दुगरी गांव में रहा करता था चमकीला का नाम धनी राम था धनी राम गरीबी की वजह से बचपन से ही काम में लग गए थे और काम करना शुरू कर दिया था पर उस काम के बीच में धनीराम कभी-कभी गाने भी लिख लिया करता था। कुछ समय के बाद धनी राम ने अपने लिखे हुए गाने को गाना शुरू किया फिर क्या था धनी राम को खुद भी नहीं पता चला के वो कब पंजाब का मशहूर सिंगर बन गया।
कैसे धनी राम अमर सिंह चमकीला बन गया
1988 की बात है जब चमकीला को गोलियों से भून दिया गया था चमकीला उस टाइम पर बहुत फेमस हो गया था इसे देश के साथ विदेशो में भी सुना जाने लगा था। चमकीला की वाईफ अमर जीत कौर चमकीला के साथ ही गाने गाया करती थी।
बात करे अगर धनी राम के घर की तो इनके घर में इनके माता पिता के साथ-साथ दो बड़े भाई और दो बहने भी थी परिवार आर्थिक रूप से कमज़ोर था। यही वजह थी के धनी राम बचपन से ही काम करने लगा था।
धनी राम के उस्ताद ने धनी राम से खुश होकर इनका नाम अमर सिंह चमकीला रख दिया था। चमकीला की पहली अल्बम ने उसे सुपर स्टार बना दिया था
इसके बाद वो रोज़ाना अखाड़ों ( पंजाबी स्टेज शो ) में बिज़ी होते गए साल भर पंजाब में इनके अखाड़े लगे रहते थे चमकीला के अखाड़ों में हज़ारो लोग गाना सुनने आया करते थे।
पंजाब में एक दौर की शुरुवात हो चुकी थी दौर का नाम था अलगाव वाद ये लोग चाहते थे के चमकीला अश्लील गाने न गाए इस पर चमकीला ने अलगाव वादियों से माफ़ी भी मांगी थी इसके बाद से ही चमकीला ने धार्मिक गाने गाना शुरू कर दिए थे।
कुछ वक़्त बीत जाने के बाद चमकीला को फिरौती की चिट्ठी आने लगी जिनसे वो काफी डर भी गए थे उनको कई बार फिरौती न देने की वजह से मारने की भी धमकी मिलने लगी थी।
एक दिन चमकीला और इनकी पत्नी शो करने के लिए एक गांव में गए थे तभी कुछ लोग आये और ak 47 से गोलिया चलाकर चमकीला और उसकी पत्नी के साथ इसके दो साथियो को मौत के घाट उतार दिया। आज तक ये पता नहीं लगा के चमकीला को मारा किसने पुलिस अपनी अलग-अलग थियोरी बताती रही है।
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