Aghathiyaa movie review in hindi:तमिल इंडस्ट्री के जाने माने चेहरे “जीवा” जिनकी नई फिल्म “अगथिया” आज सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई। जिसका डायरेक्शन “पीविजय” ने किया है, जोकि इससे पहले साल 2015 में आई फिल्म “स्ट्रॉबेरी” को भी डायरेक्ट कर चुके हैं।
फिल्म की लंबाई 2 घंटे 16 मिनट की है और इसके जॉनर की बात करें तो यह साइंस फिक्शन और हॉरर कैटेगरी के अंतर्गत आता है। जिसकी कहानी मुख्य रूप से दो टाइम लाइन के इर्द-गिर्द दिखाई गई है। जिनमें से पहली प्रजेंट की है, तो वहीं दूसरी पास्ट की। चलिए जानते हैं क्या है अगथिया की कहानी और करते हैं इसकी समीक्षा।
कास्ट:
जीव,अर्जुन सरजा,राशी खन्ना,एडवर्ड सोनेंब्लिक,जैकलीन पूविज़ी।
कहानी:भूत और भविष्य
फिल्म की प्रजेंट टाइमलाइन में ‘अघथिया’ (जीवा) आर्ट डायरेक्टर के रूप में नजर आते हैं, जिन्हें उनके एक प्रोजेक्ट के दौरान एक प्रोड्यूसर द्वारा धोखा मिला,जिससे काफी पैसों का नुकसान भी हुआ। और अब अगथिया अपने इसी नुकसान को रिकवर करने के लिए पुराने स्टूडियो को एक हॉरर थीम में कन्वर्ट करना चाहता हैं।
जिससे वह अपनी उस “पुरानी हवेली” से पैसे कमा सके और अपने लॉस को रिकवर कर सके,साथ ही वह “नंजिलान” नाम के एक स्वतंत्रता सेनानी के रोल में भी नजर आते हैं, जोकि उनके इस फिल्म में दो तरह के किरदारों को दर्शाता है।
तो वहीं पास्ट की स्टोरी में सिद्धाथन (अर्जुन सरजा) एक काफी सफल चिकित्सक के रूप में दिखाई देता है। जिसे 80 साल पहले के “पांडिचेरी” में एडविन डुप्लेक्स (एडवर्ड सोननब्लिक) की बहन (माटिल्डा) के इलाज करने के लिए बुलाया जाता है।
कहानी में डुप्लेक्स की भूमिका ठीक वैसी ही है,जैसे जर्मनी का तानाशाह हिटलर था। कुछ समय बाद सिद्धाथन डुप्लेक्स की बहन को अपने उपचार के बल पर पूरी तरह से ठीक कर देता है। आगे की कहानी में एक नया ट्विस्ट तब देखने को मिलता है
जब प्रेजेंट में रह रहे अघथिया की मां कैंसर जैसी बीमारी की चपेट में आ जाती हैं और इसी बीच “अघथिया” को इस बात का अंदेशा होता है, कि अगर उसे अपनी मां को इस संगीन बीमारी से बचाना है, तो सिद्धाथन की सहायता लेनी होगी।
क्योंकि वह चिकित्सा के क्षेत्र का महारथी है,पर अघथिया को सिद्धाथन से मिलने के लिए 80 साल पीछे जाना होगा जोकी कोई मामूली बात नहीं है। अब कैसे सिद्धाथन टाइम ट्रैवल को अंजाम देता है और कैसे अपनी मरती हुई मां की जिंदगी को सुरक्षित करता है यह सब जानने के लिए आपको देखनी होगी फिल्म।
टेक्निकल एस्पेक्ट:
अगथिया के मेकर्स ने फिल्म को भले ही पूरी तरह से हॉलीवुड टच देने की कोशिश की हो, पर कई बार वे अपनी इस कोशिश में नाकाम होते हुए नजर आते हैं।
मूवी की हिंदी डबिंग अच्छी है जिसमें एक राहत की बात यह है, कि सभी कलाकारों की ओरिजिनल डबिंग को हिंदी भाषा में नहीं डाला गया, जो की एक अच्छा फैसला रहा क्योंकि साउथ भाषा बोलने वाले कलाकार जब हिंदी डबिंग करते हैं तो वह सुनने में काफी खराब लगती है।
निगेटिव पॉइंट:
कमज़ोर डायरेक्शन:
मूवी के डायरेक्शन में बहुत सारी खामियां नजर आती हैं,जिन्हें आप फिल्म को देखते वक्त नजर अंदाज नहीं कर सकेंगे। जिनमें बेमतलब के बहुत सारे सीन्स का होना और नॉन ग्रिपिंग (फिसलती हुई) कहानी शामिल है।
फीका विएफएक्स:
क्योंकि यह फिल्म बहुत सारे दृश्यों के साथ साथ वीएफएक्स का भी इस्तेमाल करती हुई दिखाई देती है, जोकी ठीक-ठाक क्वालिटी के हैं, पर उतने भी अच्छे नहीं जिससे वे हॉलीवुड से टक्कर ले सकें।
पॉजिटिव प्वाइंट्स:
फिल्म का सबसे बड़ा पॉजिटिव प्वाइंट इसमें दो बड़े कलाकारों का होना है,जोकी जीवा और ध्रुवा सरजा हैं। इसकी कहानी भले ही डगमगाई हुई हो पर यह दोनों ही बड़े कलाकार इसे संभाल लेते हैं और सिनेमाघरों में दर्शकों को कुर्सी से उठने नहीं देते।
निष्कर्ष:
अगर आपको हॉरर और टाइम ट्रैवल, दोनों तरह के मिक्चर का आनंद लेना है, तब आप फिल्म “अगथिया” को सिनेमाघर में जाकर देख सकते हैं। जो पूरी तरह से पारिवारिक और फैमिली के साथ भी देखी जा सकती है। अपने वीएफएक्स और टाइम ट्रेवल वाले कॉन्सेप्ट के कारण बच्चों को भी यह जरूर इंगेज करने में कामयाब रहेगी।
फिल्मीड्रिप रेटिंग:3/5 ⭐ ⭐ ⭐