यह एक क्राइम ड्रामा फिल्म है इसके साथ ही यहां इमोशनल सीन भी नज़र आते है। इस फिल्म का रिव्यु इतने समय के बाद इस लिए किया जा रहा है क्युकी अब इसे हिंदी डबिंग के साथ रिलीज़ किया गया है आइये पता लगाते है अब्सोल्यूशन देखने लायक है या नहीं।
कहानी
कहानी में एक बूढ़ा आदमी दिखाया गया है जो अपनी जवानी में एक बड़ा डॉन हुआ करता था। ऐसा नहीं है के इसने अब बुरे काम करना छोड़ दिए है अब भी यह इंसान खतरनाक कामो को अंजाम दे रहा होता है। कहानी अपना रुख तब बदलती है जब इस गैंगेस्टर को इस बात की जानकारी लगती है के इसे एक ऐसी बीमारी हुई है जिसका कोई इलाज नहीं और अब इस बीमारी से इसका मरना तय है।
मुशकिल से मुशकिल अब इस आदमी के पास दो सालो का टाइम है अब यह अपनी ज़िंदगी के आखिरी समय में बेटी और पोते के साथ अपने रिश्ते को सही करने में लग जाता है। बेटी अपने बाप को बिलकुल भी पसंद नहीं करती है।
यह बाप बेटी का रिश्ता खुद में काफी भावात्मक है। बाप बेटी के इमोशन को जिस तरह से फिल्म में पेश किया गया है वह बाप बेटी के रिश्ते को बहुत अच्छे से फील कराता है। यह आगे क्या ऐसा करता है के इसके और इसकी बेटी के रिश्तो में सुधार होता है यही सब आगे इस फिल्म में देखने को मिलती है।
फिल्म में क्या है ख़ास
यह फिल्म हमें एक बढ़िया एक्सपीरियंस देने वाली है जहा इमोशनल सीन शायद आपके दिल को छु जाए कहने को तो यह एक्शन थ्रीलर है पर मुझे ये फिल्म बाप बेटी के रिश्तो को भावात्मक रूप से प्रस्तुत करने वाली लगी।जब दुःख की घड़ी में आपके साथ आपकी फैमिली खड़ी हो तो बड़े से बड़ा दुःख भी कम लगने लगता है
यहां दिखाया गया है के परिवार की इम्पोर्टेंस क्या है।अगर आपको ऐसा लगता है के फिल्म में बहुत ज़ादा एक्शन थ्रीलर देखने को मिलेगा तो यहां डिसपॉइन्ट ही होना होगा। कमियों की बात की जाये तो स्क्रीन प्ले काफी स्लो है जो कही कही पर हमें बोर भी करता है।
निष्कर्ष
इसे परिवार के साथ नहीं देखा जा सकता क्युकी कहानी में एडल्ट सीन देखने को मिलते है यहां सभी एक्टर ने अच्छा परफॉर्म किया है साथ ही प्रोडक्शन वैलु काफी अच्छी है मेरी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते है पांच में से तीन स्टार की रेटिंग।
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