Be happy review in hindi:क्या होता है जब दो अलग अलग विचारधाराओं वाले लोग एक दूसरे से टकराते हैं? एक ओर हैं अभिषेक बच्चन,जिन्होंने फिल्म में ‘शिव रस्तोगी’ नाम के एक खडूस बैंकर का किरदार निभाया है। तो वहीं दूसरी ओर है मैगी,एक टैलेंटेड डांस टीचर जो अपनी डांस अकादमी चलाती है।
हम बात कर रहे हैं आज 14 मार्च 2025 के दिन रिलीज़ हुई फिल्म “बी हैप्पी” (Be Happy) की। जिसे “अमेज़न प्राइम वीडियो” पर रिलीज़ कर दिया गया है। यह फिल्म मात्र 1 घंटा 48 मिनट की है और “अभिषेक बच्चन” की उन चुनिंदा फिल्मों में शामिल हो गई है,जो अपने अनोखे अंदाज़ के लिए जानी जाएँगी।
फिल्म का डायरेक्शन “रेमो डिसूज़ा” ने किया है। जो इससे पहले “स्ट्रीट डांसर” और “एबीसीडी” जैसी डांसिंग फॉर्मेट की शानदार फिल्में बना चुके हैं। आइए जानते हैं कि रेमो की यह नई क्रिएशन कैसी है और करते हैं इसका पूरा रिव्यू।
कास्ट:
अभिषेक बच्चन, इनायत वर्मा, नासिर, नोरा फतेही, जॉनी लीवर और अन्य।
कहानी:
फिल्म शुरू होती है “ऊटी शहर” से जहाँ छोटी बच्ची “तारा रस्तोगी” (इनायत वर्मा) और उसके ताता (दादा) “शिव रस्तोगी” (नस्सर) की मजेदार नोंक झोंक दर्शकों का दिल जीत लेती है। इसी सीन में अभिषेक बच्चन की एंट्री होती है, जो “शिव रस्तोगी” का किरदार निभा रहे हैं।
शिव पेशे से एक बैंकर है जो “आरडीई” बैंक में काम करता है। उसकी शादी उसी बैंक के मैनेजर की बेटी “हरलीन सेठी” से हुई थी,जो अब इस दुनिया में नहीं है। हरलीन अपने पीछे शिव के लिए ढेर सारी यादें और अपनी नन्ही बेटी तारा को छोड़ गई है। जो अब शिव की जिंदगी का मुख्य हिस्सा है। शिव का पूरा ध्यान अपनी बेटी की परवरिश और उसकी हर ख़्वाहिश को पूरा करने पर रहता है।

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कहानी में आगे बढ़ते हुए कई नए किरदार सामने आते हैं। जिनमें 90 के दशक के मशहूर कॉमेडियन जॉनी लीवर भी शामिल हैं,जॉनी ने “गोपी” नाम के सिक्योरिटी गार्ड का रोल निभाया है और अपनी अतरंगी कॉमेडी से दर्शकों को हँसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कहानी तब रफ्तार पकड़ती है जब तारा के स्कूल में एक डांस कंपटीशन होता है।
यहीं उसकी मुलाक़ात अपनी प्रेरणा “मैगी” से होती है। जिसे वह पहले सिर्फ रील्स और शॉर्ट वीडियोज़ में देखा करती थी। “मैगी” का किरदार “नोरा फतेही” ने निभाया है। कंपटीशन खत्म होते ही तारा जीत जाती है और उसका डांस देखकर मैगी उसे अपनी मुंबई की डांस अकादमी में शामिल होने के लिए कहती है।
मैगी बताती है कि उसकी अकादमी में ट्रेनिंग लेकर तारा “इंडिया सुपरस्टार डांसर” जैसे टीवी शो में हिस्सा ले सकती है।यह सुनकर “शिव की हँसी छूट जाती है”।
वह सोचता है कि अपना शहर छोड़कर मुंबई कैसे जा सकता है। लेकिन बेटी की जिद और ससुर के समझाने के बाद उसे मुंबई जाना पड़ता है। यहाँ कहानी में मज़ेदार मोड़ आता है। शिव, जिसे डांस से सख्त नफरत है, अपनी बेटी के प्यार में “इंडिया सुपरस्टार डांसर” शो में उसके साथ हिस्सा ले लेता है। लेकिन कहानी तब अचानक गंभीर हो जाती है,
जब डांस कंपटीशन के दौरान तारा बेहोश हो जाती है। अब क्या तारा इस शो को जीत पाएगी? और उसकी जिंदगी का यह बड़ा मोड़ क्या है? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

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टेक्निकल एस्पेक्ट:
“बी हैप्पी” की कहानी पूरी तरह से डांस और ड्रामे पर आधारित है। इसकी सिनेमैटोग्राफी रेमो डिसूज़ा की पुरानी फिल्मों “एबीसीडी” और “स्ट्रीट डांसर” की याद दिलाती है। रंग-बिरंगे दृश्य और मनमोहक लोकेशंस फिल्म को देखने में मज़ा देती हैं। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत ही क्रिस्पी और जोशीला है, जो डांसिंग थीम को और मज़बूत बनाता है। डांस सीक्वेंस को इतने शानदार तरीके से फिल्माया गया है कि आप स्क्रीन से नज़र नहीं हटा पाएँगे।
फिल्म के नेगेटिव पॉइंट्स:
सिर्फ सॉफ्ट ड्रामे के शौकीनों के लिए:
“बी हैप्पी” उन दर्शकों के लिए बिल्कुल भी नहीं बनी, जो मसाला,थ्रिलर या एक्शन फिल्में पसंद करते हैं। यह एक साधारण कहानी को पर्दे पर उतारने की कोशिश है,जिसमें न तो कोई बड़ा थ्रिलर है और न ही कुछ ऐसा एक्स्ट्राऑर्डिनरी जो आपने पहले न देखा हो। अगर आप बड़े धमाकों की उम्मीद कर रहे हैं तो यह फिल्म आपको निराश कर सकती है।
प्रमोशन में कमी:
अभिषेक बच्चन की पिछली फिल्म “आई वांट टू टॉक” की तरह ही “बी हैप्पी” के साथ भी प्रमोशन की कमी साफ दिखती है। अमेज़न प्राइम वीडियो ने इस फिल्म को रिलीज़ से पहले ठीक ढंग से प्रमोट नहीं किया।
यह एक गलत रणनीति है, जो न सिर्फ अभिषेक के करियर को प्रभावित कर सकती है, बल्कि फिल्म की पहुंच को भी कम कर सकती है। जब तक दर्शकों को पता चलेगा कि अभिषेक की ऐसी कोई फिल्म आई है तब तक इसका क्रेज़ खत्म हो चुका होगा।
फिल्म के पॉजिटिव पॉइंट्स:
“आई वांट टू टॉक” की हल्की झलक:
साल 2024 में रिलीज़ हुई अभिषेक की फिल्म “आई वांट टू टॉक” भी अमेज़न प्राइम वीडियो पर आई थी। “बी हैप्पी” में भी उस फिल्म की हल्की सी झलक देखने को मिलती है। हालाँकि कहानी पूरी तरह से अलग है,लेकिन भावनात्मक गहराई और पारिवारिक रिश्तों का ताना बाना दोनों फिल्मों में समान नज़र आता है।
बाप और बेटी का भावुक रिश्ता:
फिल्म के पहले हाफ में शिव और मैगी का आमना-सामना होता है। शिव का मानना है, “डांस सिर्फ पैसे कमाने का नाम है,” जबकि मैगी कहती है, “डांस एक स्किल से पहले एक इमोशन है एक एक्सप्रेशन है, और जिसमें यह होता है,वही एक कम्प्लीट डांसर होता है” सेकंड हाफ तक शिव अपनी बेटी के लिए खुद को बदल देता है।यह बदलाव स्क्रीन पर इतना खूबसूरत लगता है कि आपकी आँखें नम हो सकती हैं। अभिषेक और तारा की केमिस्ट्री दिल को छू लेती है।
निष्कर्ष:
अगर आप सॉफ्ट हार्टेड इंसान हैं और ड्रामा व आर्ट फिल्मों के शौकीन हैं तो “बी हैप्पी” को ज़रूर रिकमेंड कर सकते हैं। इसे अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ किया गया है। जहाँ आप इसे हिंदी के साथ साथ इंग्लिश सबटाइटल्स में भी देख सकते हैं।
यह फिल्म भले ही आपको किसी अलग दुनिया में न ले जाए। लेकिन इसकी भावुक कहानी आपको ज़िंदगी को मस्ती से जीने की सीख देती है। यह एक हल्की फुल्की और दिल को ठंडक देने वाली फिल्म है,जो परिवार और रिश्तों की अहमियत को बखूबी दिखाती है।
फिल्मीड्रिप रेटिंग: ३/५
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