Welcome to the Family 2025 Netflix Review:आज 12 मार्च 2025 के दिन नेटफ्लिक्स ने अपने नए शो “वेलकम टू द फैमिली” को रिलीज़ कर दिया है। जिसकी कहानी एक ऐसी सिंगल मॉम पर बुनी गई है जो बिना शादी के अपने बच्चे की परवरिश कर रही है।
यह शो टोटल 8 एपिसोडस के साथ आया है जिसमें हर एक एपिसोड की लंबाई 24 से 36 मिनट के बीच है। तो चलिए जानते हैं कि यह क्या खास लाया है और क्या यह आपकी वॉचलिस्ट में जगह बना पाएगा या नहीं।
कहानी:
शो की शुरुआत एक सुनहरी सुबह से होती है जब मॉर्निंग वॉक के दौरान क्रिस्टीना और लुसियाना नाम की दो महिलाएं आपस में टकराती हैं। लुसियाना जो क्रिस्टीना की सौतेली मां है बातचीत के दौरान क्रिस्टीना के हालात सुनती है।
क्रिस्टीना इस वक्त किराए के पैसे न होने की वजह से अपना घर छोड़ने की कगार पर है। एक सिंगल मॉम होने के नाते उसे न सिर्फ खुद का बल्कि अपने बच्चे का भी ख्याल रखना है ऐसे में बच्चे को लेकर इधर उधर भटकना उसके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा।
यह सब सुनकर लुसियाना भावुक हो उठती है और क्रिस्टीना को अपने घर पर रहने का न्यौता देती है,लेकिन कहानी में असली टविस्ट तब आता है जब क्रिस्टीना अपने सौतेली मां के घर शिफ्ट करने की तैयारी कर रही होती है। तभी अचानक उसके पिता की संदिग्ध हालत मे मौत हो जाती है।
यही से कहानी एक नया मोड़ लेती है पता चलता है कि क्रिस्टीना के पिता एक गैंगस्टर थे। और उनकी मौत सायद उनके दुश्मनों का काम हो सकती है। लेकिन असली मुसीबत यह है कि पिता ने घर के बदले एक भारी लोन ले रखा था। अगर लोन देने वाली कंपनी को उनकी मौत की खबर लगी तो यह घर भी उनके हाथ से चला जाएगा।
पहले से बेघर क्रिस्टीना और अब लुसियाना दोनों के सामने सड़क पर आने का खतरा मंडराने लगता है। काफी सोचने के बाद दोनों मिलकर एक प्लान बनाती हैं। वह पिता की लाश को ठिकाने लगा देती हैं, ताकि किसी को उनकी मौत का पता न चले।
इसके बाद दोनों ऐसी एक्टिंग करती हैं जैसे पिता अभी जिंदा हैं और कहीं चले गए हैं। लाश को ठिकाने लगाने की इस प्रक्रिया में उनकी दोस्ती गहरी होती जाती है। डर के मारे दोनों एक दूसरे के टच में रहती हैं और धीरे-धीरे एक दूसरे को समझने लगती हैं।
उन्हें एहसास होता है कि भले ही वह दोनों अलग किरदार हों लेकिन एक जैसी मुश्किलों ने उन्हें एक ही डोर से बांध दिया है। बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी हो या परिवार को मैनेज करने की चुनौती दोनों की जंग एक जैसी है।
शो का सेकंड हाफ और भी रोमांचक हो जाता है, लेकिन जैसे कहानी आगे बढ़ती है यह पूरी तरह कॉमेडी की राह पकड़ लेता है। कई ऐसे डायलॉग्स और सीन हैं जो आपकी हंसी रोक पाना मुश्किल कर देंगे। खासकर वह सीन,
जब क्रिस्टीना लाश को देखकर डर के मारे बेहोश हो जाती है आपको हंसते हंसते लोटपोट कर देगा।
इसकी कहानी मुख्य तौर से महिलाओं को अपनी और आकर्षित करेगी।
नेगेटिव पॉइंट्स:
शो की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे हिंदी भाषा में रिलीज़ नहीं किया गया है। फिलहाल आप इसे स्पेनिश,इंग्लिश,जर्मन,पोलिश और पुर्तगाली में ही देख सकते हैं। सबटाइटल्स भी हिंदी को छोड़कर बाकी सभी भाषाओं में उपलब्ध हैं।
यह हिंदी दर्शकों के लिए एक बड़ा ड्रॉबैक है क्योंकि इससे शो की रीच पर काफी असर पड़ेगा। हिंदी ऑडियंस इस शानदार कहानी से कनेक्ट नहीं कर पाएगी जो इसे और बेहतर बना सकता था।
पॉजिटिव पॉइंट्स:
शो की कहानी जिस तरह से दो माताओ की जद्दोजहद को दिखाती है वह देखने में बेहद मजेदार और फीलिंग्स से भरपूर लगती है। क्रिस्टीना और लुसियाना के किरदार में मेरीमर वेगा और एरिका ने शानदार एक्टिंग की है,दोनों की केमिस्ट्री स्क्रीन पर कमाल की लगती है।
वहीं सहायक कलाकारों में माफिया का किरदार निभाने वाले शम की मौजूदगी हर सीन में सनसनी पैदा करती है। जब भी वे स्क्रीन पर आते हैं तो एक अजीब सा सन्नाटा छा जाता है। सीरीज का बैकग्राउंड म्यूज़िक हो या फिर सिनेमैटोग्राफी सभी चीज कहानी को बेस प्रदान करती है।
एपिसोड्स के नाम और लंबाई:
इविक्शन (24 मिनट)
असेंबली (26 मिनट)
इंटस्टेट (28 मिनट)
कॉर्प्स डेज़िग्नेशन (30 मिनट)
बॉडी डबल (32 मिनट)
आईडेंटिटी थेफ्ट (34 मिनट)
कॉन्स्टेलेशंस (35 मिनट)
सक्सेशन (36 मिनट)
निष्कर्ष:
अगर आपको ठीक ठाक कॉमेडी और इमोशंस से भरा शो देखना पसंद है तो “वेलकम टू द फैमिली” आपके लिए एकदम परफेक्ट है।
यह कहानी पूरी तरह पारिवारिक है और आपको किसी भी तरह से निराश नहीं करेगी। लेकिन हिंदी दर्शकों को थोड़ी मायूसी जरूर होगी क्योंकि यह हिंदी में उपलब्ध नहीं है। लेकिन अगर आप इंग्लिश सबटाइटल्स के साथ इसे देख सकते हैं तब इसे बिल्कुल भी न मिस करें।
READ MORE
मुस्लिमों के बारे में थलापति विजय, संजय दत्त,अमिताभ बच्चन, नाना पाटेकर की राय