Govinda multiverse movies 90s:गोविंदा मल्टीवर्स फिल्में जैसे कुली नंबर 1, आंखें, और साजन चले ससुराल ने 90 के दशक के बॉलीवुड को फिर से परिभाषित किया। यहाँ उनके अनोखे यूनिवर्स को जानें।
हॉलीवुड हो या बॉलीवुड, हर इंडस्ट्री में ‘मल्टीवर्स’ का कॉन्सेप्ट काफी फेमस हो चुका है, जहाँ एक ही किरदार अलग-अलग दुनिया में अलग-अलग भूमिका निभाता है। पर क्या आप जानते हैं कि बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार “गोविंदा” ने इस मल्टीवर्स कांसेप्ट को 90 के दशक में ही अपनी फिल्मों से शुरू कर दिया था,
वह भी बिना किसी वीएफएक्स और सीजीआई इफेक्ट्स के। जिन्होंने पुराने समय में ‘गोविंदा‘ की फिल्में देखी हैं, वे सभी जानते होंगे कि गोविंदा मल्टीवर्स फिल्में अपने किरदारों से एक अलग ‘यूनिवर्स’ क्रिएट कर देती थीं। चाहे वह मजदूर बनकर लोगों को हंसाना हो या फिर दो बीवियों से एक साथ अफेयर चलाना हो।
गोविंदा की मजेदार किरदारों वाली फिल्में:
१- कुली नंबर 1 (1995)
गोविंदा की यह फिल्म उस समय की है जब कॉमेडी फिल्मों का ज्यादा बोलबाला नहीं हुआ करता था। इस बीच गोविंदा ने अपनी फिल्म कुली नंबर 1 के साथ सिनेमाघरों में एंट्री ली, जो गोविंदा मल्टीवर्स फिल्म का शानदार उदाहरण है। जिसमें उन्होंने एक बड़े बिजनेसमैन और मजदूर का किरदार एक साथ निभाया था। गोविंदा का यह किरदार दोहरी जिंदगी जीता हुआ दिखाई देता है, जैसे मानो मल्टीवर्स हो।
२- आंखें (1993)
खलनायक, डर और बाजीगर जैसी बड़ी फिल्मों के साथ इसी साल ‘गोविंदा’ की भी एक नई फिल्म आंखें देखने को मिली थी, जो गोविंदा की मल्टीवर्स फिल्म की सूची में शामिल है। जिसमें वह कभी एक नेत्रहीन इंसान बन जाते हैं, तो कभी चालाक और धोखेबाज भी। इस फिल्म में देखकर ऐसा लगता है मानो हर पल वे एक नया डाइमेंशन शिफ्ट कर रहे हों।
३- हसीना मान जाएगी (1999)
गोविंदा ने अपनी इस फिल्म में अपनी एक्टिंग का डंका बजाया था। क्योंकि बहुत सारे लोगों को ऐसा लगने लगा था कि ‘गोविंदा’ सिर्फ मजाकिया रोल में ही फिट बैठते हैं। इसे देखते हुए गोविंदा ने फिल्म हसीना मान जाएगी में एक मजाकिया इंसान होने के साथ-साथ प्यार करने वाले आशिक का भी रोल निभाया है, जो इसे गोविंदा की मल्टीवर्स फिल्म का हिस्सा बनाती है।
गोविंदा का स्टाइल: मल्टीवर्स का जादूगर
बेहतरीन एक्टिंग और अपनी कॉमेडी से फिल्मों के हर एक सीन में जान फूंक देने वाले कलाकार गोविंदा, इन सबके अलावा अपने डांस मूव्स के लिए भी काफी चर्चित रहे। “जिसमें आ देखें जरा किसमें कितना है दम” जैसे गाने ने बॉलीवुड को संगीत के एक नए आयाम तक पहुँचाया।
साथ ही ‘गोविंदा’ के वे डायलॉग “मैं तो रस्ते से जा रहा था” और “सरकारी बाबू गोरे लोग” जिस भी किरदार में वो शामिल होते, उसे अमर कर देते थे। यहाँ तक कि साल 1996 में आई फिल्म साजन चले ससुराल में भी गोविंदा ने काफी चुनौतीपूर्ण रोल निभाया था,
जिसमें वह एक साथ दो-दो शादीशुदा जिंदगियाँ जीते हुए दिखाई देते हैं। यह फिल्म भी गोविंदा मल्टीवर्स फिल्म का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसे देखकर दर्शकों को असली मल्टीवर्स फील होता है।
निष्कर्ष:
मार्वल और डीसी की तरह अगर पुराने समय में गोविंदा का भी एक मल्टीवर्स बनाया जाता, तो इसका नाम यकीनन “गोविंदा वर्स” ही रखा जाता। और गोविंदा के मल्टीवर्स में शामिल होने वाले अन्य हीरो हों या फिर विलन, सभी ने गोविंदा के साथ मिलकर इनकी हर एक फिल्म को जिया है। जिस तरह के व्यक्तित्व वाले इंसान गोविंदा हैं, वह हासिल करना किसी भी साधारण इंसान के बस की बात नहीं।