Mission Grey House: सस्पेंस और थ्रिलर की धज्जियां उड़ाती फ़िल्म मिशन ग्रे हाउस।

Mission Grey House review in hindi

Mission Grey House review in hindi:बीते शुक्रवार 17 जनवरी को सिनेमाघरों में बहुत सारी फिल्में रिलीज हुईं, इन्हीं में से एक फ़िल्म ‘मिशन ग्रे हाउस‘ भी है। जिससे दो नए कलाकारों ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में डेब्यू किया है, जिनमें अबीर खान और पूजा शर्मा शामिल हैं।

फिल्म की लेंथ तकरीबन एक घंटा 49 मिनट की है जिसका जॉनर क्राइम मिस्ट्री कैटेगरी के अंतर्गत आता है,जिसका डायरेक्शन ‘नौशाद सिद्दीकी’ ने किया है जिन्होंने इसकी पटकथा भी लिखी है।

एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में अबीर ने बताया कि इससे पहले वह फिल्मों के संपादन और कैमरे के पीछे काम कर चुके हैं, साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया फिल्म मिशन ग्रे हाउस उन्हीं के ‘इन हाउस’ प्रोडक्शन के अंतर्गत बनाई गई है।

Mission Grey House review in hindi

PIC CREDIT X

कहानी-

फिल्म की कहानी मुख्य रूप से ग्रे हाउस नाम के एक बंगले के इर्द-गेट घूमती है, जिसके मालिक विक्रांत राणा (किरण कुमार) हाल ही में विदेश से इंडिया में सेटल हुए हैं, पर एक-एक करके घर के सभी मेंबर्स और उस घर के खरीदार अपनी जान गवाते जा रहे हैं।

जिसकी तफ़्तीश के लिए पुलिस आईजी यशपाल सिंह (राजेश शर्मा) की ओर से एक जाबाज़ योद्धा कबीर राठौर (अबीर खान) को भेजा जाता है। हालांकि पेशे से वह इंस्पेक्टर नहीं होता साथ ही कियारा (पूजा शर्मा) को भी अबीर के साथ भेजा जाता है।

पर जैसे-जैसे वे इस केस की परतों को खोलते जाते हैं कहानी में बहुत सारे नए ट्विस्ट और टर्न देखने को मिलते हैं। अब क्या अबीर इस मिस्ट्री किलर का पर्दा फाश कर पाता है, यह सब जानने के लिए आपको देखनी होगी यह फिल्म।

फिल्म के वीक पॉइंट-

मूवी में बहुत सारी खामियां हैं फिर चाहे वह इसके निर्देशन को लेकर हो, पटकथा को लेकर हो या फिर फिल्म में एक्टर्स की एक्टिंग को लेकर।
हर एक एस्पेक्ट में यह फिल्म पूरी तरह से धराशाई हो जाती है,जिनमें कुछ बिंदु निम्नलिखित हैं-

1- खराब डायरेक्शन

फिल्म का डायरेक्शन नौशाद ने किया है जो की बेहद निंदनीय है, जोकि आपको इस फिल्म के हर एक सीन को देखने के बाद फील होगा।

2-कमज़ोर स्क्रीनप्ले-

फिल्म की कहानी इस तरह से लिखी गई है जैसे 90s की फिल्मों मैं हुआ करती थी। कहानी का ना ही सर है और ना ही पैर।

3-किरदारों की ओवर एक्टिंग-

फिल्म के मुख्य किरदार अबीर खान हों या फिर किरण कुमार या रज़ा मुराद,राजेश शर्मा सभी ने काफी खराब एक्टिंग का प्रदर्शन किया है। या फिर यूं कहें की ज्यादा अच्छी एक्टिंग करने के चक्कर में सभी ने ओवरएक्टिंग कर डाली।

4-भद्दी एडिटिंग

मूवी के बहुत सारे दृश्यों को देखकर साफ पता चलता है कि इसकी एडिटिंग बिल्कुल भी अच्छे से नहीं की गई।

5- खराब एक्शन सीक्वेंस-

फिल्म में जिस तरह से एक्शन सीन्स को दिखाया गया है वह देखने में काफी बचकाना सा लगता है, भले ही किसी फिल्म का बजट कम हो, पर जिस तरह के खराब एक्शन सीक्वेंस को इस फिल्म में दिखाया गया है फोर श्योर उन्हें आपने से पहले कभी नहीं देखा होगा।

फिल्म की अच्छाइयां-

इसकी अच्छाइयों को लेकर ऐसा कुछ भी नहीं जिसकी बात की जाए।

निष्कर्ष-
सीधी तरह से अगर बात की जाए तो फिल्म मिशन ग्रे हाउस एक बी ग्रेड मूवी है, अगर आप इस तरह की फिल्में देखना पसंद करते हैं तो इसे सिनेमाघर में जाकर देख सकते हैं। हालांकि फिल्म में देखने लायक कुछ भी नहीं। पर अगर आप इसे देखने में अपना कीमती समय देते हैं तो सिर्फ निराशा ही आपके हाथ लगेगी।

फिल्मीड्रिप की ओर से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/⭐.

READ MORE

Sugar baby:18 साल के वयस्कों के लिए एक बेहतर फिल्म।

Monica bedi birthday:50 साल की हुई मोनिका बेदी गैंगस्टर अबू सलीम के साथ जाना पढ़ा था जेल

Author

  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

    View all posts
Social Share

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment