Miya Biwi Raazi Ki Karange Paaji review in hindi:मियां बीबी राजी तो क्या करेंगे काज़ी इस डायलॉग को आपने सैकड़ो बार सुना होगा लेकिन इसी लाइन को थोड़ा तोड़ मरोड़ कर पंजाबी इंडस्ट्री की फिल्म ‘मियां बीवी राज़ी की करेंगे पाजी’ नाम की फिल्म 29 नवंबर को सिनेमाघरों में रिलीज की गई है, जिसकी लेंथ 2 घंटे 31 मिनट की है।
और इसका जोनर कॉमेडी कैटेगरी में आता है। फिल्म की कहानी दो अनजान लोगों के मिलने से शुरू होती है और कैसे वे अंत तक शादी का सफर तय करते हैं इसी पर फिल्म की कहानी को बुना गया है। फिल्म का डायरेक्शन ‘हैरी मेहता’ ने किया है।
जिन्होंने फिल्म लाइन में इस फिल्म से डायरेक्टर इंडस्ट्री में डेब्यू किया है। फिल्म के मुख्य किरदार में ‘युवराज हंस’ दिखाई देते हैं जिन्होंने साल 2014 में आई फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसएस’ और साल 2020 में आई फिल्म ‘जींद मारिए’ में भी मुख्य किरदार निभाया है।
कहानी-
फिल्म की स्टोरी युवराज (युवराज हंस) के कैरेक्टर से शुरू होती है झुकी एक स्टूडेंट है और उसने अपनी कॉलेज लाइफ में हालही में कदम रखा है। इसी कॉलेज में युवराज के मुलाकात सिमरन से होती है दोनों को आंखों ही आंखों में प्यार हो जाता है।
और एक दूसरे को दिल दे बैठते हैं। क्योंकि यह एक पंजाबी फिल्म है जिसके कारण इसमें आपको भर भर के कॉमेडी भी देखने को मिलेगी और जैसे कि पंजाबी फिल्में अपने खुशनुमा माहौल के कारण जानी जाती हैं उसी तरह से यह फिल्म भी हमें हंसाती है रुलाती है और काफी सारा इमोशन भी फील कराती है।
आगे की कहानी में जब युवराज और सिमरन एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं तब कहानी में छुपा हुआ ट्विस्ट निकल कर सामने आता है।यही से एंट्री होती है सिमरन के चाचा जयदीप पाजी ‘परमवीर सिंह’ की जो इन दोनों के रिश्ते को सिरे से नकार देते हैं क्योंकि वह अपने दोस्त के बेटे से सिमरन की शादी करना चाहते हैं।
और वह ऐसा क्यों चाहते हैं इसमें भी एक ट्विस्ट छुपा हुआ है जो आपको फिल्म देखने पर ही पता चलेगा। अब कैसे युवराज और सिमरन अपने चाचा जी को शादी के लिए मनाते हैं।
फिल्म की कहानी इसी पर चलती है जिसमें बहुत सारा टेंशन का माहौल कॉमेडी में मिक्स दिखाई देता है जो कि आपका मनोरंजन करने के लिए पर्याप्त है। आगे की कहानी जानने के लिए आपको देखनी होगी यह फिल्म जो कि आपके नजदीकी सिनेमाघरों में पंजाबी लैंग्वेज में उपलब्ध है।
फिल्म की कमियां-
फिल्म की पहली बड़ी कमी इसकी स्टोरी लाइन है जो की काफी प्रिडिक्टेबल है बल्कि यूं कहा जाए की कहानी के नाम पर सिर्फ चन्द लाइंस हैं। डायरेक्टर हरि मेहता के डायरेक्शन में बनी या पहली फिल्म है जिस कारण से इसे देखते वक्त कहानी में बहुत सारे लूप होल नजर आते हैं।
फिल्म में कॉमेडी का तड़का लगाने के लिए बहुत सारे कलाकारों को भी लिया गया है, हालांकि फिर भी वह उतने कारगर नजर नहीं आते जितना उन्हें होना चाहिए था।
फिल्म की अच्छी चीजें-
इस फिल्म को हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है भले ही इसकी कहानी घिसी पिटी सी हो फिर भी आप इससे इंगेज कर पाते है। हालांकि कुछ मोमेंट्स में कहानी इधर-उधर भी बिखरती हुई नजर आती है, लेकिन कलाकारों के परफॉर्मेंस इसे फिर से पटरी पर ला कर खड़ा करती है।
अभिनय-
फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग की बात की जाए तो इसके मुख्य किरदार में नजर आए युवराज हंस ने अपने रोल को अच्छे से निभाया है उनकी एक्टिंग में डेप्थ दिखाई देता है जो एक मंजे हुए कलाकार से एक्सपेक्ट किया जाता है। जिस तरह से हुए हर तरह के माहौल में खुद को ढालते हुए नज़र आते हैं
वह काबिले तारीफ है। वहीं दूसरी तरफ सिमरन के चाचा के रोल में नजर आए परमवीर सिंह ने भी अपने रोल को ईमानदारी से निभाया है और फिल्म में डर का माहौल क्रिएट करने में कामयाब रहे हैं।
साउंड-
फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक की बात करें तो यह काफी लाउड है जो कि टिपिकल पंजाबी फिल्मों की तरह ही सुनाई देता है जो की जोश से भरा हुआ है।
कैमरा वर्क-
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी काफी फोकस होकर की गई है जिसमें कोई भी इधर-उधर का फालतू सीन नहीं दिखाई पड़ता।
निष्कर्ष-
इस हॉलिडे पर अगर थिएटर में पंजाबी फिल्म देखने का प्लान कर रहे हैं तो यह फिल्म आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन के रूप में निकलकर सामने आती है जो की पूरी तरह से पारिवारिक और कॉमेडी से भरी हुई है। फिल्म आपको गुदगुदाती है जिसे देखकर अपने परिवार के साथ आनंदमई दुनिया में खो जाएंगे।
फिल्मीड्रिप की ओर से इस फिल्म को दिए जाते हैं 5/2 ⭐ ⭐.
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