Bagman: राक्षस की कहानी,दादी मां की जुबानी, खूंखार दरिंदा।

bagman review in hindi

bagman review in hindi:हॉलीवुड की ओर से एक नई फिल्म रिलीज़ की गई है जिसका नाम ‘बैगमैन‘ है। बात करें इसके जॉनर की तो यह हॉरर और थ्रिलर की कैटेगरी में आता है। फिल्म की लेंथ तक़रीबन एक घंटा तैंतीस मिनट की है।

इसका डायरेक्शन ‘कोलम मैकार्थी‘ ने किया है जिन्होंने इससे पहले चर्चित टीवी शो ‘पिकी ब्लेंडर्स’ के ६ पार्ट का निर्देशन भी किया है। बात करें बैग मैन की कहानी की तो यह पैट्रिक फैमिली पर आधारित है।

कहानी- फ़िल्म की स्टोरी ‘पैट्रिक’ फैमिली के इर्द गिर्द बुनी गई है,जोकि हाल ही में अपने नए घर पर शिफ्ट हुए हैं। जहां पर ‘पैट्रिक’ उसकी वाइफ ‘करीना’ और ५साल का बेटा रहते हैं।


क्योंकि पैट्रिक ने अपने बचपन में दादी मां की दंत कथाओं में एक कहानी सुनी थी जो बैगमैंन नाम के एक दैत्य की थी जिसमें बताया जाता है यह एक दानव है जो रात के समय चोरी छुपे आता है और शरारती बच्चों को अपने बैग में भरकर ले जाता है।जिसपर इस फ़िल्म का नाम भी आधारित है।


इससे बचपन में पैट्रिक का सामना भी हुआ था लेकिन उस समय वह बैगमैन के चंगुल से भाग गया था। जिसके कारण अब जब वो एक बच्चे का बाप बन चुका है और बचपन के अपने उसी घर में रहने आया है , तब उसकी मुलाक़ात फिर उस खुखार दरिंदे से होती है जो आज भी पैट्रिक का इंतजार कर रहा है।


आगे कैसे पैट्रिक खुद को और अपनी फैमिली को इस राक्षस से बचाता है यह सब जानने के लिए आपको देखनी पड़ेगी यह फ़िल्म जोकि वीडियो ऑन डिमांड सर्विस के अंतर्गत यू ट्यूब पर उपलब्ध है ।

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PIC CREDIT IMDB

खामियां- फ़िल्म की सबसे बड़ी कमी इसका प्लॉट है जोकि काफी घिसा पीटा है,जिसमे न ही कोई डेप्थ देखने को मिलती है और न ही कोई क्रिपिनेस। मूवी पूरी तरह से फ्लैट है,कब शुरू होती और कब खत्म आपको पता ही नहीं चलता।


इसकी दूसरी सबसे बड़ी कमी हॉरर एलिमेंट्स का ना के बराबर होना है,फिल्म में कोई भी खतरनाक सीन नहीं है जिससे दर्शक अट्रैक्ट हो सकें। फिल्म की तीसरी कमी इसका ठंडा बैकग्राउंड म्यूजिक है जिससे आप बोरियत महसूस करने लग जाते हैं।

टेक्निकल एस्पेक्ट- फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है जिसके सभी दृश्य काफी कलरफुल दिखते हैं। कैमरा एंगल्स अच्छे हैं लेकिन फिल्म की कहानी में कुछ भी ऐसा था ही नहीं जिसमें कैमरामैन अपना जलवा दिखा सके।

फाइनल वर्डिक्ट- इस फिल्म को देख कर आप ठगा हुआ महसूस करेंगे क्यों कि इसमें न तो अच्छे से इमोशंस हैं और न ही हॉरर का तड़का।फिल्म पूरी तरह से सपाट है , यहां तक कि इसके एक्टर्स ने भी अपनी एक्टिंग से उस लेवल का एफर्ट नहीं दिया ,जो एक हॉरर जॉनर की फ़िल्म के लिए रिकमेंडेड था।

फिल्म के अंत तक आप वेट करते हैं कि अब कोई ऐसा सीन देखने को मिलेगा जो आपके सब्सक्रिप्शन फीस को अदा कर दे,हालाकि फिल्म खत्म हो जाती है और आप के हाथ सिर्फ निराशा ही लगती है।बात करें फिल्म की न्यूडिटी रेटिंग की तो इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी एडल्ट सीन नहीं है।

हमारी तरफ से इस फ़िल्म को दिए जाते हैं 5/2 ⭐.

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  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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