निर्देशक “साजिद ए.” द्वारा बनाई गई फिल्म “वदक्कन” (Vadakkan) को 7 मार्च 2025 के दिन सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया है। यह फिल्म ‘मलयालम’ सिनेमा की ओर से एक नई पेशकश है जिसमें हॉरर और थ्रिलर का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है।
इसके मुख्य किरदारों में श्रुति मेनन,किशोर कुमार और ग्रीष्मा एलेक्स जैसे कलाकार नजर आते हैं। फिल्म की कहानी एक भूतिया रियलिटी शो पर बुनी गई है। जहां लोग पैसों के लालच में अपनी जान जोखिम में डालते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि यह खेल उनकी जिंदगी का आखिरी खेल होने वाला है। तो चलिए जानते हैं इस फिल्म की कहानी और करते हैं इसका पूरा रिव्यू।
कहानी
“वदक्कन” की शुरुआत होती है ‘ब्रह्मगिरी’ की पुरानी और सुनसान पहाड़ियों से जहां एक रियलिटी शो के लिए छह लोग पहुंचते हैं। इस शो की खास बात यह है कि यह पहाड़ी पूरी तरह से भूतिया है। यहां एक पुराने बंगले में यह खेल होता है ।
जिसमें नियम साफ है जो भी अंत तक बिना डरे टिका रहेगा वह भारी इनामी राशि का हकदार होगा। लेकिन कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट तब आता है,जब इन छह लोगों में शामिल एक डायरेक्टर रवि वर्मन की अचानक संदिग्ध हालत में मौत हो जाती है। इस घटना के बाद पुलिस जांच शुरू करती है लेकिन डायरेक्टर की पत्नी मेघा (श्रुति मेनन) इस जांच से सहमत नहीं होती। उन्हें लगता है कि उनके पति की हत्या हुई है और यह कोई साधारण मौत नही है।

इसके चलते मेघा एक मशहूर पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर को बुलाने का फैसला करती है जो इस रहस्य को सुलझा सके। तभी कहानी में एंट्री होती है रमन पेरूमालयन (किशोर कुमार) की जो अपनी पार्टनर अन्ना (ग्रीष्मा एलेक्स) के साथ इस केस को सुलझाने ब्रह्मगिरी की भूतिया पहाड़ियों में कदम रखते है। जैसे ही वे इस जगह पर पहुंचते हैं उन्हें बहुत सारी अजीब चीजें महसूस होने लगती हैं।
जितनी वे इस मामले की परतें खोलते हैं उतने ही चौंकाने वाले सच सबके सामने आते हैं। यह पता चलता है कि रवि की मौत किसी इंसान का काम नहीं बल्कि आत्माओं का खेल है। अब सवाल यह है कि क्या रमन और अन्ना इस रहस्य का पर्दाफाश कर पाएंगे या फिर इस भूतिया जगह पर वे खुद ही फंस जाएंगे। यह सब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
नेगेटिव पॉइंट्स:
फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी रोमांचक और डरावना है जो दर्शकों को अपनी सीट से बांधे रखता है। लेकिन सेकंड हाफ में आने के बाद “वदक्कन” की कहानी पटरी से उतरती नजर आती है। जहां पहले डर का माहौल था वहां अब लंबे डायलॉग और अंधेरे सीन ले लेते हैं,जिनमें बैकग्राउंड म्यूजिक के अलावा कुछ खास दिखाई नहीं देता। फिल्म की लंबाई भी थोड़ी ज्यादा लगती है जिसे एडिटिंग के दौरान थोड़ा कम किया जा सकता था। कुछ सीन ऐसे भी हैं जो कहानी को आगे बढ़ाने की बजाय उसे खींचते हुए महसूस होते हैं।

पॉजिटिव पॉइंट्स:
फिल्म का सेकंड हाफ भले ही कमजोर पड़ता हो लेकिन जिस तरह से “ब्रह्मगिरी की पहाड़ियों” और जंगल की लोकेशन को फिल्माया गया है वह देखने में बेहद भयानक है। इसकी सिनेमैटोग्राफी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।
उत्तर मालाबार की दंतकथाओं पर आधारित यह कहानी अपने तथ्यों से और भी मजबूत बनती है जोकि इसे एक अलग पहचान देती है। डायरेक्टर साजिद ए. का निर्देशन भी ठीक ठाक सा है खासकर पहले हाफ में उन्होंने जो डर और रहस्य का माहौल बखूबी बनाया है।
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक इसकी एक और मजबूत कड़ी है जो कई सीन में जान डाल देता है और डर को बढ़ाने में मदद करता है। किशोर कुमार और श्रुति मेनन की एक्टिंग भी कहानी को सपोर्ट करती है।
निष्कर्ष
7 मार्च 2025 को सिनेमाघरों में कई हॉरर फिल्मे रिलीज हुई हैं खासकर तमिल सिनेमा की ओर से। लेकिन “वदक्कन” जिस तरह से अपनी कहानी को दर्शकों के सामने पेश करती है वह इसे बाकियों से थोड़ा ऊपर ले जाती है। अगर आप इस वीकेंड कुछ डरावना और रहस्यमयी देखने का प्लान बना रहे हैं,
तो इसे रिकमेंड कर सकते हैं। यह फिल्म भले ही परफेक्ट न हो पर इसके पहले हाफ का रोमांच और सिनेमैटोग्राफी इसे देखने लायक बनाती है। फिलहाल इसे सिर्फ मलयालम भाषा में ही रिलीज किया गया है पर अनुमान के मुताबिक जल्द ही यह हिंदी भाषा मे ओटीटी पर भी देखने को मिल सकेगी।
फिल्मीड्रिप रेटिंग 5/2.5
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