Undekhi Season 3 sony liv : बॉलीवुड में बहुत कम ही ऐसी फिल्मे बनाई गयी है जिसमे हमें 95 % निगेटिव करैक्टर देखने को मिलते हो। अनदेखी वेब सीरीज में भी आपको 95 % निगेटिव करेक्टर ही देखने को मिलते है। फिर चाहे वो मेल किरदार हो या फीमेल सब में आपको निगेटिव शेड में नज़र आते है।
बात करते है कोरोना की जब लोग अपने घरो से निकल नहीं पा रहे था सभी को लगने लगा था के अब सब मरने वाले है। उसी वक़्त अनदेखी वेब सीरीज हमें देखने को मिली जिसको सिर्फ इस लिए पसंद किया गया क्युकी इसमें हमारे सामने कुछ नया प्रजेंट किया गया था।
हिमाचल की खूबसूरत वादियों खून खराबा भला किसे अच्छा नहीं लगेगा। फिल्म की खूबसूरत लोकेशन देख कर दर्शक फिल्म से इस कदर जुड़ गए के बहुत से लोगो ने इस सीरीज को कई बार देख डाली। इस वेब सीरीज के सभी किरदार ने बहुत बेहतरीन एक्टिंग करी थी।
फिल्म के पहले पार्ट में हमें दिखाया गया था के एक डांसर लड़की का मर्डर हो जाता है उस कहानी को बहुत बेहतरीन तरीके से तीनो पार्ट तक समेट कर रक्खा गया है। लेखक की लिखाई में कहानी की पकड़ पर बहुत मज़बूती से कॉन्सेंट्रेट किया गया है।
फिल्म का तीसरा पार्ट भी पहले और दूसरे पार्ट की तरह ही आपको इंगेज करके रखता है कही से अपनी पकड़ को दर्शको से ढीले नहीं होने देती है।
कहानी के साथ ही फिल्म का स्क्रीन प्ले भी बहुत अच्छे से किया गया है। जिसको देख कर लगता है के इस फिल्म पर बहुत मेहनत की गयी है। फिल्म की बैकग्राउंड और म्यूज़िक अच्छी है।
अनदेखी के इस सीजन में भी हमें ग्रिपिंग स्क्रीन प्ले नज़र आता है जो इस सीरीज के 8 एपिसोड तक आपको फिल्म से कनेक्ट कर के रखता है।
इस फिल्म के सभी करेक्टर आपको निगेटिव शेड में ही नज़र आते है। दिवेन्दु भट्याचार्य ने इस बार भी बहुत अच्छी एक्टिंग की है एक बंगाली जो मर्डर के इन्वेस्टीगेशन के लिए हिमाचल आता है। मेकर का ये कॉन्सेप्ट ही दर्शको को उत्साहित कर देता है। दूसरे स्टेट में जाकर कितना भी बड़ा पुलिस वाला क्यों न हो वहा के लोकल गैंगेस्टर के सामने उसकी पावर थोड़ी कम हो ही जाती है।
ऐसे में लोमड़ी से भी ज्यादा चालाक dsp साहब का डर्ग्स माफिया से सीधा टक्कर लेना आपको थ्रिल से भर देता है दिवेन्दु भट्याचार्य के द्वारा निभाया गया ये किरदार अभी तक उनके द्वारा किये गए सभी किरदारों से थोड़ा अलग तरह से दिखाया गया है। बॉलीवुड में दो तरह के पुलिस दिखाए जाते है पहला वो करप्टेड होते और दूसरा वो जो फिल्म का हीरो होता है जैसे की सिंघम फिल्म का अजय देवगन।
सीरीज में दिवेन्दु भट्याचार्य किसी भी माफिया के सामने घुटने नहीं टेकते है। लीगल वे में जो उसे समझ आता है वो करता है और लास्ट में आते-आते वो अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर ही लेता है। भारतीय सिनेमा में अभी तक हमें इस तरह के करेक्टर देखने को नहीं मिले है। इस बार दिवेन्दु भट्याचार्य को आप कूल बॉय की तरह नहीं देखेंगे एक जगह पर उनको बहुत भयानक गुस्सा भी आता हुआ दिखाया गया है उसे देख कर ऐसा लगता है के हलवे में जैसे एक्सट्रा मिठास आगयी हो।
सूर्यकुमार को इस पार्ट में भी एक सनकी इंसान दिखाया गया है जो अपने मतलब के लिए किसी को भी गाजर मूली की तरह काट सकता है। जिसके अंदर एक पर्सेंट भी इमोशन देखने को हमे नहीं मिलते है। रिंकू के लिए बिजनेस से भी ज्यादा इम्पोर्टेन्ट इसकी फैमिली को दिखाया गया है।
अनदेखी को आप देख सकते है ये एक डिसेंट सीरीज है आपका अच्छा टाइम पास कर सकती है।