The Diplomat:आज रिलीज हुई ‘द डिप्लोमैट’ जानें हिट है या फ्लॉप”

The diplomat review in hindi

The diplomat review in hindi: मद्रास कैफे,फोर्स और बटला हाउस जैसी स्पाई और एजेंट की दुनिया पर बनी फिल्मों में अपनी छाप छोड़ने वाले बेहतरीन कलाकार “जॉन अब्राहम” एक बार फिर इस जॉनर में वापसी कर रहे हैं लेकिन इस बार थोड़े अलग अंदाज के साथ। हम बात कर रहे हैं उनकी नई फिल्म “द डिप्लोमैट” की जो आज 14 मार्च 2025 के दिन सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।

यह फिल्म पिछले काफी समय से सुर्खियों में थी,क्योंकि इसकी कहानी एक सच्ची घटना से प्रेरित है। इसमें स्पाई एजेंट का किरदार तो है ही साथ ही जॉन अब्राहम जैसे बॉलिवुड के दमदार कलाकार की मौजूदगी इसे और खास बनाती है। फिल्म का निर्देशन “शिवम नायर” ने किया है। जिन्होंने इससे पहले 2015 में “भाग जॉनी” और टीवी सीरीज “स्पेशल ऑप्स” जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया है।

pic credit:imdb

पटकथा की जिम्मेदारी “रितेश शाह” ने संभाली है। तो चलिए जानते हैं,फिल्म की कहानी और करते हैं इसका पूरा रिव्यू।

फिल्म की कहानी मुख्य रूप से दो किरदारों के इर्द गिर्द बुनी गई है। पहला किरदार है ‘उजमा अहमद’ (सादिया खतीब) जो भारत में रहती है और दूसरा है ताहिर जो पाकिस्तान के “मुनीर” शहर का निवासी है इन दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया पर होती है। जिंदगी की छोटी छोटी बातें शेयर करते हुए यह दोनों कब एक दूसरे के करीब आ जाते हैं उन्हें पता ही नहीं चलता।

कहानी:

उनका प्यार इस कदर परवान चढ़ता है कि ताहिर उजमा को पाकिस्तान आने और उससे शादी करने के लिए मनाने लगता है। उजमा जो ताहिर के प्यार में पूरी तरह डूब चुकी है बिना ज्यादा सोचे समझे अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पहुंच जाती है।

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लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है,जब उजमा को वहां एक मुश्किल हालात का सामना करना पड़ता है। ताहिर का व्यवहार पूरी तरह से बदल जाता है। और उजमा खुद को एक बड़ी मुसीबत में फंसा पाती है। वह अपनी हिम्मत जुटाकर पाकिस्तान में मौजूद भारतीय दूतावास से संपर्क करने की कोशिश करती है।

इसी बीच भारतीय दूतावास के डेप्युटी हाई कमिश्नर जेपी सिंह (जॉन अब्राहम) उसकी कहानी का हिस्सा बनते हैं। हालाकि जेपी सिंह के सामने हर दिन ऐसे सैकड़ों मामले आते हैं जिनमें से ज्यादातर फर्जी होते हैं। क्योंकि कई लोग इसी बहाने से दूतावास की मदद लेने की कोशिश करते हैं जिससे वह पाकिस्तानी एजेंट बनकर भारत जा सकें। इसीलिए शुरुआत में जेपी सिंह को उजमा की बातों पर भरोसा नहीं होता।

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आगे की कहानी इसी विश्वास और संदेह के बीच आगे बढ़ती है। क्या उजमा अपनी मुश्किल से निकल पाएगी? क्या वह अपने देश भारत वापस लौट सकेगी? यह सब जानने के लिए आपको फिल्म “द डिप्लोमैट” देखनी होगी।

कहानी को और मजबूत बनाने के लिए फिल्म में उस समय की विदेश मंत्री (स्वर्गीय) सुषमा स्वराज जी की झलकियां भी दिखाई गई हैं। क्योंकि यह एक सच्ची घटना पर आधारित है। इसके अलावा सहायक किरदारों में “शारिब हाशमी” और “कुमुद मिश्रा” जैसे शानदार कलाकार भी शामिल हैं जो इसकी कहानी को और भी ज्यादा स्ट्रांग बना देते हैं।

फिल्म के पॉजिटिव पॉइंट्स:

“द डिप्लोमैट” की कहानी उन तमाम फिल्मों से अलग है जो सिर्फ पाकिस्तान की बुराई दिखाकर दर्शकों का ध्यान खींचने की कोशिश करती हैं। इस फिल्म में किसी भी तरह से पाकिस्तान को ओवर ड्रामेटिक ढंग से नीचा नहीं दिखाया गया है। यह बात साफ करती है कि भारतीय सिनेमा अब बदल रहा है। क्योंकि सही तथ्यों के साथ अच्छी कहानी ही फिल्म को हिट बनाती है। फिल्म की एक और बड़ी खूबी है जॉन अब्राहम का किरदार।

उनकी पिछली फिल्मों में जहां वह अपनी बॉडी और मारधाड़ के लिए जाने जाते थे। वहीं इस फिल्म में वह अपने चेहरे के भावों से ही दर्शकों का दिल जीत लेते हैं। उनका स्पाई लुक बढ़िया है पूरी फिल्म में वह सूट में नजर आते हैं और अपनी शांत लेकिन दमदार मौजूदगी से कमाल कर देते हैं। सादिया खतीब ने भी उजमा के किरदार को बखूबी निभाया है खासकर उसकी भावनाओं को स्क्रीन पर दिखाने में वह काफी हदतक सफल रही हैं।

फिल्म की खामियां:

“द डिप्लोमैट” की कहानी भले ही थोड़ी अलग हो, लेकिन इसमें स्पाई और पाकिस्तान एंगल जैसी चीजें वही पुरानी हैं जो हम पहले भी कई बार देख चुके हैं। इस वजह से कहानी में नयापन होने के बावजूद यह कही कहीं बासी सी लगती है। फिल्म का पहला हाफ थोड़ा धीमा है,के और कुछ सीन को और कसकर एडिट किया जा सकता था। इसके अलावा जेपी सिंह के परिवार की कहानी को अधूरा सा छोड़ दिया गया है जो थोड़ा खलता है।

निष्कर्ष:

अगर आप स्पाई थ्रिलर और सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्में देखना पसंद करते हैं तो “द डिप्लोमैट” आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है। यह फिल्म आपको जॉन अब्राहम का एक नया रूप दिखाएगी। जहां वह एक्शन हीरो से हटकर एक शांत लेकिन प्रभावशाली डिप्लोमैट की भूमिका में नजर आते हैं। कहानी का सेकंड हाफ रोमांचक है और क्लाइमेक्स आपको बांधे रखता है।

फिल्मीड्रिप रेटिंग:३/५

डिस्क्लेमर: यह रिव्यू लेखक की व्यक्तिगत राय पर आधारित है और इसमें फिल्म से संबंधित कुछ स्पॉइलर हो सकते हैं। कृपया इसे अपने विवेक से पढ़ें।

Author

  • movie reviewer

    हेलो दोस्तों मेरा नाम अरसलान खान है मैने अपनी ब्लॉगिंग की शुरवात न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला लखनऊ से की थी अभी के टाइम पर मै कई मीडिया संस्थानों के साथ जुड़ा हुआ हूँ और अपनी सेवाएं उन्हें प्रदान कर रहा हूँ उनमे से एक फिल्मीड्रीप है मै हिंदी इंग्लिश तमिल तेलगु मलयालम फिल्मो का रिव्यु लिखता हूँ । आशा करता हूँ के मेरे द्वारा दिए गए रिव्यु से आप सभी लोग संतुष्ट होते होंगे धन्यवाद।

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