सिद्धार्थ विश्वनाथ के डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म सोरगावासल, जिसमें आपको मुख्य भूमिका में आर जे बालाजी और सेल्वाराघवन जैसे बेहतरीन कलाकार नज़र आएंगे। तमिल लैंग्वेज में बनी ये एक जेल ड्रामा फिल्म है जिसमें आपको दिखाया गया है कि, क्या वास्तव में जेल लोगों के सुधार का काम करती हैं या कुछ और…
कब और कहां हुई थी इनिशियल रिलीज
तमिल लैंग्वेज में बनी इस फिल्म की कहानी जेल में कैद एक बेगुनाह पर आधारित है। एडवेंचर से भरी इस फिल्म की इनिशियल रिलीज 29 नवंबर 2024 को थिएटर्स में की गई थी। थिएटर में यह फिल्म तमिल लैंग्वेज में देखने को मिली थी।
एक बेहतरीन और सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म के हिंदी डब रिलीज का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। अभी इस फिल्म को हिंदी डब में तो नहीं रिलीज किया गया है लेकिन तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ लैंग्वेज में आपको यह फिल्म इंग्लिश सबटाइटल के साथ देखने को मिल जाएगी। फैन्स का इंतजार अब खत्म हो चुका है, मोस्ट अवेटेड इस फिल्म को ओटीटी पर रिलीज कर दिया गया है।
क्या है सोरगावासल की कहानी?
बात करें अगर इस फिल्म की कहानी की तो यह एक प्रिजन ड्रामा है जिसमें आपको पार्थी नाम के एक कैदी की कहानी देखने को मिलेगी। कहानी शुरू होती है 1999 के मद्रास सेंट्रल जेल में हुए बहुत बड़े दंगे के साथ।
इस दंगे में बड़ी तादाद में लोग मरे हैं, बहुत से लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं और कुछ लोग इस दंगे के बाद गायब भी हैं। जैसा फिल्म में दिखाया गया है उसके अकॉर्डिंग इन सब के पीछे पार्थी का हाथ है लेकिन ये पार्थी कौन है और जेल में कैसे आया, किस तरह के इल्ज़ाम पार्थी पर लगे हुए हैं यह सब जानने के लिए आपको इस फिल्म को देखना होगा।
प्रिजन ड्रामा लेकिन लुभावनी लव स्टोरी
फिल्म का पोस्टर या फिर ट्रेलर देख कर शायद आपको लगे कि ये सिर्फ एक एक्शन थ्रिलर और राजनीति से भरी हुई कहानी है लेकिन जब आप इस फिल्म को देखेंगे तो आपको एक बहुत ही बड़ा सरप्राइज मिलने वाला है और वह है इस फिल्म के हीरो की प्रेम कहानी। फिल्म के लीड रोल कैरक्टर और हीरोइन के बीच जिस तरह की केमिस्ट्री दिखाई गई है आप इस फिल्म के दीवाने हो जाएंगे।
सोरगावासल ओटीटी प्लेटफॉर्म
ये फिल्म आपको नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखने को मिल जाएगी जिसे तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ भाषा में रिलीज किया गया है। फिल्म की टोटल लेंथ है 2 घंटा 14 मिनट। फिल्म का रिव्यू अगर एक शब्द में करना चाहे तो इसे कहा जा सकता है “गुड मूवी”।
कई फिल्मों की याद दिलाती हुई एक फिल्म
फिल्म की कहानी ऐसी बनाई गई है जिसे देख कर आपको और भी कई फिल्मों की याद आने वाली है। कई ऐसी फिल्में जिसमें एक सीधा-साधा बंदा जिसने कोई गुनाह नहीं किया है लेकिन फिर भी उस गुनाह की सजा काट रहा होता है। फिल्म इंडस्ट्री में इस तरह की कई फिल्में बनी हैं।
फिल्म की मेन थीम
इस फिल्म में मुख्य रूप से जिस टॉपिक को दिखाया गया है वह जेल से जुड़ा हुआ है। मेकर्स ने एक बहुत ही बेहतरीन फिल्म बनाकर तैयार की है, बेहतरीन कॉन्सेप्ट के साथ। फिल्म में हमें दिखाया गया है कि जेल जहां लोगों को उनकी गलतियों की सजा देने के लिए और गलतियों को सुधारने के लिए प्रेरित किया जाता है। क्या जेल वास्तव में सुधारक होती हैं या फिर लोगों के अंदर की हिंसा और उग्रता को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए प्रेरित करती हैं।
निष्कर्ष
इस फिल्म के सभी कलाकारों ने अपना बेस्ट दिया है चाहे वह एक्टिंग हो या फिर फिल्म की कहानी, हर चीज को बहुत ही बारीकी के साथ रिप्रेजेंट किया गया है जिसकी वजह से यह फिल्म मस्ट वॉच की कैटेगरी में आती है। फिल्म को आईएमडीबी पर 7 स्टार की रेटिंग मिली है और मेरी तरफ से इस फिल्म को पांच में से साढ़े तीन स्टार की रेटिंग दी जाती है।
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