Santosh Movie Review hindi:संध्या श्री के डायरेक्शन में बनी ‘संतोष’ फिल्म को 20 मई 2024 में 77 वे कान फिल्म फेस्टिवल में रिलीज़ किया गया था। यह एक सस्पेंस क्राईम ड्रामा थ्रिलर फिल्मों की श्रेणी में आती है।
हमारे हिंदी सिनेमा में कुछ ऐसी फिल्में बनती है जो पूरी तरह से आपका ध्यान अपनी ओर केंद्रित करती हैं। जिनको देखते वक्त आपका ध्यान किसी और तरफ नहीं जाता बस इसी तरह से है ‘संतोष’ । अब इस फिल्म को बिना किसी प्रमोशन के ओटीटी पर रिलीज कर दिया गया है तो आइये जानते हैं कैसी है ‘संतोष’ ।
कहानी
कहानी ‘संतोष’ नाम के एक कैरेक्टर पर बेस है जो की एक हाउसवाइफ है जिनका पति कांस्टेबल था पर किसी कारणवश उसकी मौत हो जाती है। जिसकी वजह से पुलिस की नौकरी संतोष को मिलती है। संतोष अब एक ऐसे केस पर काम कर रही है जहां पर एक छोटी लड़की के साथ रेप करके उसका मर्डर कर दिया गया है। अब इसकी इन्वेस्टिगेशन संतोष कर रही है कि उस लड़की का मर्डर क्यों किया गया और किन लोगों ने किया ।
कहानी जितनी सिंपल लग रही है ये उतनी है नहीं। क्या संतोष क्रिमिनल को ढूंढने में कामयाब रहती है या नहीं यह जानने के लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी।
पॉजिटिव ओर नेगेटिव पॉइंट
अपराधी के पकड़े जाने के बाद आपको लगता है कि कहानी खत्म हो गई है पर नहीं फिल्म वहां से शुरू होती है और यही इस फिल्म का प्लस पॉइंट है फिल्म के हर एक सीन को बहुत ही सिंपल तरीके से प्रेजेंट किया गया है। जिसे देखकर ऐसा लगता है कि सच में यह किसी असल गांव की घटना है जो हमारे सामने हो रही है और यही सब कुछ इस को और भी इंटरेस्टिंग और इंगेजिंग बनाता है।
फिल्म का सबसे बड़ा ड्रॉ बैक, इसकी कहानी थोड़ी स्लो है जो की धीरे-धीरे आगे बढ़ती है। फिल्म को जिस तरह से खत्म किया गया है शायद आप उसे देख संतुष्ट न हो। अगर आपको स्लो फिल्में देखना पसंद नहीं है तब आप इस फिल्म से दूरी बनाए रखें तो अच्छा है। 2 घंटे 2 मिनट की इस फिल्म को imdb की तरफ से 7. 2 की रेटिंग दी गई है।
कहानी में कास्ट सिस्टम को दर्शाया गया है जैसे कि हमारे समाज में जिस तरह से छोटे कास्ट के लोगों को एक अलग नज़ीरिये से देखा जाता है।हमारे समाज में महिलाओं के सामने क्या-क्या परेशानी आती हैं वह सब हमें इसमें देखने को मिलेगा।
टेक्निकल एक्स्पेक्ट
फिल्म में बीजीएम बहुत ज्यादा नहीं है इसकी सिनेमैटोग्राफी,प्रेजेंटेशन,कलर ग्रेडिंग सब कुछ ठीक-ठाक है संध्या श्री ने इसका डायरेक्शन बखूबी किया है लुइसा गेर्स्टीन का डीसेंट म्यूजिक है अगर इसे थोड़ा और फास्ट फेस में रखा जाता तो यह और भी अच्छी बन सकती थी। क्योंकि फिल्म को देखने के लिए आपको बहुत पेशेंस की जरूरत पड़ती है और अगर यह पेशेंस आपके अंदर नहीं है तब यह फिल्म आप नहीं देख सकते।
निष्कर्ष
अगर आप मांस मसाला एंटरटेनमेंट जैसी फिल्में देखना पसंद करते हैं तब यह आपको पसंद नहीं आने वाली कहानी को असल तरह से पेश किया गया है जो सभी कैरेक्टर को जीवंत करता है। इस तरह की फिल्में आपने पहले भी कई बार देख रखी होगी क्योंकि इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए ऐसी ही फिल्में क्रिएट की जाती है।
यह फैमली के साथ देखने लायक नहीं है क्योंकि इसमें बहुत सारी गाली गलौज सुनने को मिलेगी। संतोष फिल्म “मूवी” के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम की जा सकती हैं फिल्मीड्रिप की ओर से इस फिल्म को दिए जाते हैं पांच में से ढाई स्टार।
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