Sabdham Movie Review: सबधाम का कप वाला सीन जो कपकपी ला दें

Sabdham Movie Review hindi

तमिल भाषा की सबधाम तमिल भाषा की हॉरर थ्रिलर फ़िल्म है जिसे अरिवाझगन वेंकटचलम के द्वारा निर्देशित किया गया है। 10 से 15 करोड़ के बजट में तैयार की गयी इस फिल्म को मैथ्री मूवी मेकर्स के द्वारा वितरित किया गया है।

इसकी शूटिंग मुन्नार,चेन्नई,मुंबई में हुई है। फिल्म का म्यूज़िक एस थमन का है और सिनमैटोग्राफी अरुण बाथमनबन ने की है। मुख्य भूमिका में हमें आदी पिनिसेट्टी,लक्ष्मी मेनन जैसे कलाकार देखने को मिलते है।

सबधाम रिव्यु

ज़ी स्टूडियो की ओर से ये बताया गया था के इसे तमिल के साथ ही हिंदी में भी रिलीज़ किया जाना है।हिंदी ट्रेलर पहले ही यूट्यूब पर आगया था पर अभी इसे सिर्फ और सिर्फ तमिल भाषा के साथ ही रिलीज़ किया गया।

आने वाले टाइम में एक दो हफ्ते के बाद शायद इसे एक छोटा मोटा रिलीज़ दिया जाए। यह फिल्म देखने बाद हमारी टीम के लिए एक अलग तरह का एक्सपीरियंस रहा सबधाम अपने कॉन्सेप्ट की वजह से एक कामयाब फिल्म बन सकती है।

सबधाम अपने दूसरे में हिस्से काफी सुस्त सी लगने लगती है। पर वही अपने नये कंटेंट की वजह से इसे एक बार देखा जा सकता है। पूरी फिल्म शुरू से आखिर तक इंगेज कर के रखती है। कहानी का पहला हिस्सा बहुत अच्छा है। यहां आपके मन में कुछ सवाल आते है के ऐसा क्या हो रहा है क्यों हो रहा है। जिससे कहानी अपना इंट्रेस्ट पूरी तरह से डेवलप्ड कर लेती है।

बीजीएम

सबधाम का बीजीएम काफी अच्छा है जो हर एक सीन को और भी प्रभावी बनाने का काम करता है। इसके एक सीन में देखने को कुछ नहीं मिलता बस साउंड सुनने को मिलता है। बहुत सी जगहों पर साउंड डिजाइनिंग की वजह से बिना बोले ही बहुत सी चीज़े समझ आजाती है।

इंटरवल के बाद का एक कप वाला सीन , वहा पर जैसे साऊंड डिजाइनिंग की गयी है। अगर आप सिनमा घर में इसे देखेंगे तो जिस तरह से इस सेन में कान के करीब से एक आवाज़ निकल कर जाती है शायद ही आपने इस तरह का साउंड पहले किसी फिल्म में अनुभव किया होगा।

इसी एक सीन में जिस तरह से भगवान और शैतान को साउंड की मदद से दिखाया जाता है वह देखना और भी इंट्रेस्टिंग रहता है।

इमोशन की कमी

फिल्म के दूसरे हिस्से में जिस तरह के कॉन्सेप्ट को फिल्म लेकर आगे बढ़ रही है वो ओवर स्टफिंग जैसी होती जाती है। जिससे कहानी में इमोशनली डेवलोपमेन्ट की कमी आती है।

यही वजह है के जब इन सब को लेकर टेंशन और थ्रिल को यहाँ बनाने की कोशिश की जाती है। तब वो टेंशन और थ्रिल उतना महसूस नहीं होता,जितना की होना चाहिए था।

निष्कर्ष

इंटरवल से पहले लाइब्रेरी वाले सीन में थ्रिल महसूस किया जाता है। बाकी होरर जैसा यहाँ पर कुछ भी देखने को नहीं मिलता।सबधाम एक फ्रेश कंटेंट के रूप में हमारे सामने प्रजेंट की गयी है।शुरू से आखिर तक यह आपका टाइम बिलकुल भी वेस्ट नहीं करती। यह एक बार जरूर देखी जा सकती है। फ़िल्मी ड्रिप की ओर से इसे दिए जाते है 3/5 की रेटिंग।

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  • Amir Khan

    हाय! मैं आमिर खान, FilmyDrip के लिए लेखक और सिनेमा का दीवाना हूँ। बॉलीवुड की चमक, फिल्मों की कहानियाँ और सितारों का जलवा मुझे बहुत पसंद है। मैं अपने लेखों में लेटेस्ट फिल्म रिव्यू, मनोरंजन की खबरें और मजेदार विश्लेषण लाता हूँ। चाहे ब्लॉकबस्टर मूवी हो या नए सितारों की कहानी, मैं हर लेख को रोचक और सच्चा बनाने की कोशिश करता हूँ। FilmyDrip के साथ, मेरा मकसद है सिनेमा प्रेमियों को मनोरंजन की दुनिया से जोड़े रखना। मेरे लेख पढ़ें और बॉलीवुड के मज़ेदार सफर का हिस्सा बनें!

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