Prince Kanwaljit Sector 17 Review ott pletfarm:पंजाबी फिल्म के प्रिन्स कंवलजीत सिंह की सेक्टर 17 जोकि सिनेमाघर में 15 नवंबर से रिलीज कर दी गई है। क्या आप इस फिल्म को देखने जा सकते हैं और कितना ये फिल्म आपके टाइम को डिजर्व करती है ।
सेक्टर 17 के ट्रेलर के में जो कुछ भी हमें दिखाया गया है क्या वैसा ही कुछ हमें इस फिल्म में भी देखने को मिलता है या नहीं इन्हीं सब बातों के बारे में चर्चा करेंगे हम अपने इस आर्टिकल में।
ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही प्रिन्स कंवलजीत सिंह की सेक्टर 17 की हाइप बन गई थी। बहुत से क्रिटिक्स का यह मानना था कि जिस तरह से ट्रेलर में फिल्म को प्रेजेंट किया गया है।
शायद उस लेवल की ये फिल्म ना हो सके,पर प्रिन्स कंवलजीत सिंह ने इस फिल्म के माध्यम से एक ऐसा ट्रेंड सेट कर दिया है जिससे कि प्रिंस कंवलजीत सिंह को ट्रेंड चेंजर के नाम से जाना जाएगा।
सेक्टर 17 में प्रिन्स कंवलजीत सिंह के अपोजिट हॉबी धालीवाल को दिखाया गया है जिन्होंने अपने परफॉर्मेंस से हम सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।अगर देखा जाए तो फिल्म के सभी पात्रों ने अच्छी एक्टिंग करी है।
कहानी
कहानी की बात करें तो कहानी दो टाइम लाइन में चलती है। यह अपने पास्ट और प्रेजेंट को एक साथ लेकर चलती है जो कि इस समय बहुत सारी फिल्मों में इस तरह की कहानी देखने को मिल रही है। यह पास्ट और प्रेजेंट को एक साथ लेकर चलने वाला एंगल,फिल्म को और भी ज्यादा इंगेजिंग बनाकर दर्शकों के सामने पेश करता हैं
सेक्टर 17 फिल्म में प्रजेंट की स्टोरी को बहुत ज्यादा न दिखाते हुए शुरू के 5 मिनट और लास्ट के 3 से 4 मिनट तक ही सीमित किया गया है। इसके बाद फिल्म पूरी की पूरी पास्ट में ही दिखाई जाती है। प्रिंस कंवलजीत सिंह जब छोटे होते हैं तो उनके पिता बहुत मेहनत और स्ट्रगल कर के अपने बेटे को एक अच्छी पढ़ाई देकर अच्छा इंसान बनाना चाहते है।
कमलजीत के पिता जिनके पास काम करते हैं उनके काम से खुश होकर इन्हें जमीन का एक हिस्सा दे दिया जाता है हैं जिसका नाम होता है सेक्टर 17,अब यहां प्रिंस कंवलजीत सिंह की जमीन को किसी के द्वारा हड़प कर लिया जाता है और उनके पिता को मार दिया जाता है।
अब वह कौन है जो उनकी जमीन को हड़प करता है आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा यह सब कुछ तब हो रहा होता है जब प्रिन्स कंवलजीत सिंह छोटा होता है और जब यह बड़ा होता है तब ये अपने बाप की मौत का बदला और अपनी ज़मीन को वापस लेने के लिए बदला लेने का ठान लेता है।
सिनेमैटोग्राफी
फिल्म किसी नेमैटोग्राफी को बहुत अच्छे से हमारे सामने प्रेजेंट किया गया है फिल्म का जो सबसे हाइलाइटेड सीन है जिसे आपने ट्रेलर में भी देखा होगा टैंक वाला सीन सिनेमैटोग्राफी के जरिए इसे बहुत अच्छे से दिखाया गया है।
पर अगर इस सीम को थोड़ा और लंबा कर के दिखाया जाता तो ज्यादा अच्छा रहता यह सीन बहुत जल्दी ही परदे से गायब हो जाता है।
फिल्म में पंजाब के हमें जो भी विजुअल देखने को मिलते है वो सब हमें पुराने पंजाब की याद दिलाते है अगर आप इंडिया से बाहर रहते हैं तो फिल्म में दिखाए गए पंजाब को देखकर भावुक हो जाएंगे पुराने पंजाब की याद दिलाने वाले सभी सीन अच्छे से क्रिएट किये गए है
म्यूजिक और बीजीएम
सेक्टर 17 का सबसे प्लस पॉइंट इसका म्यूजिक है जिसको प्रत्येक सीन पर बहुत अच्छे और बारीकी से ध्यान में रख डाला गया है फिल्म के म्यूजिक से ही डायलॉग आगे बढ़ते हैं और इसके साथ-साथ फिल्म भी आगे बढ़ती चली जाती है जिस तरह से फिल्म में म्यूज़िक और बीजीएम डाला गया है।
वो पूरी तरह से फिल्म के थीम और मूड से मेल खाते दिखाई देते है बीजीएम कहानी के साथ तालमेल खाते हुए स्टोरी लाइन को एक नई ऊर्जा देने का काम करता है। फिल्म के म्यूज़िक को हमारी तरफ से पांच में से पांच स्टार दिए जाते है।
फिल्म का प्रदर्शन
फिल्म उस तरह से अपना प्रदर्शन नहीं कर पा रही जिस तरह से करना चाहिए था। फिल्म के ट्रेलर के वक्त इसकी हाइप बहुत बन गयी थी पर उस हाइप को देखते हुए फिर भी लोग फिल्म देखने सिनेमा घरों तक नहीं जा रहे शायद शुरुआती ठंड इसकी एक वजह हो सकती है।
फिल्म के पॉजिटिव प्वाइंट
फिल्म में अच्छे संगीत के साथ दमदार एक्टिंग देखने को मिलता है, जिसे आप अपनी पूरी फैमिली के साथ बैठकर देख सकते हैं म्यूजिक के साथ-साथ बीजीएम को भी इस तरह से क्रिएट किया गया है।
जो फिल्म को और भी आकर्षित बनाता है इसकी प्रोडक्शन वैल्यू कम है पर जिस तरह से इतने कम बजट में फिल्म बनाई गई है वो काम सिर्फ मनीष भट्ट ही कर सकते थे।
आप इसे दो वजह से देख सकते हैं पहली वजह है इसका म्यूजिक और दूसरी वजह है इसकी स्टार कास्ट इन दोनों ही चीजों को इस फिल्म में बखूबी ढंग से हमारे सामने प्रेजेंट किया गया है।
फिल्म के नेगेटिव पॉइंट
फिल्म के नेगेटिव पॉइंट की अगर बात की जाए तो प्रिंस कंवलजीत को जिस तरह से रोमांस करते दिखाया गया है वह उन पर बिल्कुल भी सूट नहीं कर रहा है उनको सिर्फ एक्शन और कॉमेडी रोल में ही पसंद किया जाता है।
फिल्म में रोमांस का एंगल डालने की कोई भी जरूरत नहीं थी प्रिंस कवलजीत के साथ रोमांटिक रोल में वह इक्वेशन नहीं सेट होती जो की होना चाहिए।
जिस तरह से प्रिंस को एक ब्रूटल मार काट वाले कैरेक्टर में दिखाया गया है उसमें रोमांस को डालना जरूरी नहीं था फिल्म में सिर्फ एक गाने की जरूरत थी एक से अधिक गाना दिखाने की जरूरत नहीं थी।
निष्कर्ष
सेक्टर 17 एक अच्छी फिल्म है अगर आप पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को सपोर्ट करना चाहते हैं तो इस फिल्म को जरूर देखें इस तरह की फिल्म पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में आती रहना चाहिए क्योंकि ये पंजाबी सिनेमा की और फिल्मों से थोड़ा हटके है बस फिल्म में रोमांस को बेवजह ही दिखाया गया है।
जो थोड़ा डिसएप्वाइंट करता है रोमांटिक सीन को कुछ ज्यादा ही लंबा खींचा गया था,जिसे देखकर आपको यही लगेगा कि जल्दी-जल्दी सीन को खत्म कर दिया जाए और फिल्म आगे बढ़े हमारी तरफ से इस फिल्म को पांच में से तीन स्टार दिए जाते हैं।
प्रिंस कमलजीत सेक्टर 17 ओट रिलीज डेट
2 घंटे 17 मिनट की इस फिल्म का ओटीटी प्रीमियर आपको चौपाल टीवी के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखने को मिलेगा अभी इस फिल्म की ओटीटी रिलीज की डेट को कंफर्म नहीं किया गया है पर हमारे अनुमान के मुताबिक आप इसे 2025 के फरवरी के महीने में चौपाल टीवी के ओटीटी पर स्ट्रीम कर सकेंगे।