साल 2020 से शुरू हुआ पंचायत वेब सीरीज का सफर अब अपने चौथे पड़ाव पर आ चुका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अमेज़न प्राइम वीडियो की बेहद फेमस वेब सीरीज “पंचायत सीजन 4” की। पंचायत सीजन 4 की रिलीज डेट और समय की बात करें तो इसे बीती रात, 24 जून 12 बजे IST को प्राइम वीडियो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर दिया गया है।
इस बार पंचायत सीजन 4 में कुल 8 एपिसोड हैं, जिनमें से प्रत्येक एपिसोड की अवधि 31 से 46 मिनट के बीच है। बात करें शो के पिछले सीजन, पंचायत सीजन 3 की तो यह साल 2024 में रिलीज हुआ था, और यह पहली बार है जब तकरीबन 13 महीने बाद ही इस वेब सीरीज के अगले सीजन को रिलीज कर दिया गया है। चलिए जानते हैं कि पंचायत सीजन 4 की कहानी क्या है और करते हैं इसका रिव्यू।
पंचायत सीजन 4 का रिव्यू (Panchayat Season 4 review)
एक अधूरा सवाल, जो पंचायत सीजन 3 देखने वाले हर दर्शक के लिए काफी अहम है, वह यह कि प्रधान जी को गोली किसने मारी? क्योंकि इसी अधूरे सवाल के साथ सीजन 3 को खत्म किया गया था, और पंचायत सीजन 4 की कहानी को वहीं से आगे बढ़ाया गया है।
शो का पहला एपिसोड शुरू होते ही दिखाया जाता है कि सचिव जी (जितेंद्र कुमार) जो अब अपना एग्जाम पूरा करके वापस फुलेरा आ गए हैं,और अब अपने उस एग्जाम के रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही, उन पर भूषण अर्थात् बनराकस द्वारा केस दायर कर दिया जाता है, क्योंकि सचिव जी ने बनराकस को एक जोरदार थप्पड़ मारा था।
वहीं दूसरी ओर, प्रधान जी (रघुबीर यादव) अपने घायल हाथ के साथ आराम कर रहे हैं। बात करें शो के अन्य मौजूद कलाकारों की, जिनमें उप-प्रधान प्रहलाद चाचा (फैसल मलिक) और सहायक सचिव विकास (चंदन रॉय), ये दोनों भी उस गोली हादसे को भूलने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि प्रधान जी द्वारा बनराकस और विधायक पर गोली चलवाने का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है,क्योंकि प्रधान जी को शक है कि उन पर गोली इन दोनों ने मिलकर चलवाई है।

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वहीं, जैसे-जैसे पंचायती चुनाव की तारीख नजदीक आने लगती है, जिसमें इस बार मंजू देवी (नीना गुप्ता) के खिलाफ बनराकस भी खड़ा होगा। हालांकि, बनराकस पर कोर्ट केस दर्ज होने के कारण वह चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकता। दूसरी ओर, सचिव जी पर बनराकस द्वारा किया गया कोर्ट केस, अगर हटाया नहीं गया, तो सचिव जी को भी सरकारी नौकरी कभी नहीं मिल सकेगी
इसी के चलते दोनों पक्षों में समझौता किया जाता है। भूषण द्वारा सचिव जी पर की गई FIR वापस ले ली जाती है और प्रधान जी भी भूषण पर की गई FIR वापस ले लेते हैं। इसके बाद दोनों ही पक्ष आने वाले चुनाव की तैयारी में जुट जाते हैं।
मंजू देवी का पहला कदम होता है सफाई अभियान वेब सीरीज का यह हिस्सा इतना ज्यादा कॉमेडी से भरा हुआ है कि इसकी कोई सीमा नहीं। जैसे जैसे सीरीज आगे बढ़ती है, कहानी में एक नया और काफी बड़ा ट्विस्ट देखने को मिलता है,जिसमें बिनोद (अशोक पाठक) प्रधान जी द्वारा दिया गया एक लड्डू खा लेता है। इसके बारे में किसी तरह बनराकस को पता चल जाता है, जिससे इन दोनों के बीच खटास और मनमुटाव पैदा हो जाता है।
इसका फायदा उठाने के लिए प्रधान जी और उनके साथियों द्वारा बिनोद को दावत पर बुलाया जाता है ताकि उसे अपनी पार्टी में शामिल किया जा सके। सीरीज का यह हिस्सा भी काफी मनोरंजक है, क्योंकि कहानी में यही एक ऐसा मोड़ है जब बिनोद, प्रधान जी पर चली गोली के बारे में सवाल उठाता है।
वहीं दूसरी ओर बनराकस भी चुनाव में खड़ा होने वाला है, जिसके लिए वह अपने प्रचार को गांव वालों के सामने जोर शोर से कर रहा है। इसी दौरान गांव का ट्रांसफॉर्मर खराब हो जाता है। तब भूषण, गांव वालों का चुनाव में समर्थन पाने के लिए दो जनरेटर का इंतजाम करता है। जैसे ही प्रधान जी की टीम को यह बात पता चलती है, वे दो जनरेटर की जगह चार जनरेटर का इंतजाम कर देते हैं।

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सीरीज में पंचायत सीजन 3 में दिखाए गए किरदार बम बहादुर को भी दिखाया गया है, जो एक बार फिर Panchayat Season 4 की कहानी में अहम भूमिका निभाते हैं। स्टोरी में एक ऐसा मोड़ तब आता है, जब विधायक द्वारा प्रधान जी और उनके साथियों के घरों पर इनकम टैक्स का छापा पड़वाया जाता है। इसका मुख्य कारण होता है गांव की वह 6 बिघा जमीन, जिसे विकास द्वारा 35 लाख रुपये में खरीदा गया था। क्योंकि यह जमीन खरीदने के बाद विकास के पास 6 लाख रुपये बचे हुए थे, जो घर में रखे थे। इसी दौरान इनकम टैक्स का छापा पड़ जाता है।
हालांकि बाद में बम बहादुर की मदद से इस मामले को संभालने की कोशिश की जाती है और इस सीरीज का यह हिस्सा भी काफी दमदार और कॉमेडी से भरा हुआ है। इसी बीच बनरक्ष की पत्नी क्रांति देवी (सुनीता राजवार) द्वारा विकास की पत्नी खुशबू (तृप्ति साहू) पर काफी गंभीर इल्ज़ाम भी लगाए जाते हैं, जो 6000 रुपये प्रतिमाह कमाने वाले पंचायत सचिव के सहायक “विकास” के पास इतने सारे रुपये को लेकर हैं। यह क्षण काफी इमोशनल कर देने वाला है, क्योंकि इस सीन में खुशबू और विकास के साथ साथ उप प्रधान प्रहलाद चाचा भी काफी इमोशनल हो जाते हैं।
जैसे ही Panchayat Season 4 अपने सेकंड हाफ तक पहुंचती है, कहानी में एक और बड़ा ट्विस्ट आता है, जिसमें अब विधायक चंद्रकिशोर सिंह (पंकज झा) को पार्टी से निकाल दिया गया है। इसके पीछे विधायक के ही बड़े भाई का हाथ है, जो सांसद हैं। यही इस वेब सीरीज का काफी दिलचस्प मोड़ है, जब सांसद जी द्वारा प्रहलाद चाचा को विधायक का चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया जाता है। यह इस वेब सीरीज का एक ऐसा मोड़ है, जब प्रधान जी और उनकी टीम को एक काफी अहम फैसला लेना है, जो उनकी प्रधानी के आने वाले चुनाव में जीत और हार को डिसाइड करेगा।

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हालांकि, इसी सीन में सांसद जी के एक पालतू मुर्गे को भी दिखाया गया है, जिसका नाम “ड्रैगन” है। जिस तरह से प्रधान जी और उनकी टीम द्वारा सांसद के मुर्गे की तारीफें की जाती हैं, उसे देखकर दर्शक लोटपोट हो जाएंगे।
उधर, गांव में जोर शोर से चुनाव का प्रचार-प्रसार चल रहा था। वहीं दूसरी ओर, फुलेरा गांव में एंट्री होती है प्रधान जी के ससुर यानी मंजू देवी के पिताजी “हरपाल सिंह” की। उनकी एंट्री पर कैसे सचिव जी द्वारा उन्हें साइकिल पर बिठाकर घर तक ले जाया जाता है यह सीन भी काफी गजब का है, जिसमें दर्शक खुद को हंसने से नहीं रोक पाएंगे।
अब आगे क्या होगा? आने वाले इस प्रधानी के चुनाव का रिजल्ट क्या होगा? जीत होगी मंजू देवी के चुनाव निशान “लौकी” की, या फिर बनराकस का चुनाव निशान “कुकर” फुलेरा को एक नया प्रधान बनराकस के रूप में देगा? साथ ही, एक सबसे बड़े सवाल का भी खुलासा होगा कि प्रधान जी पर गोली किसने चलाई? यह सब जानने के लिए आपको देखना होगा पंचायत सीजन 4।
कैसी है किरदारों की एक्टिंग:
पंचायत सीजन 4 में किरदारों की एक्टिंग की बात करें तो इस बार भी शो में नजर आए नकारात्मक किरदार हों या फिर सकारात्मक, सभी ने अपने-अपने रोल पूरी शिद्दत से निभाए हैं। फिर चाहे वह सचिव जी द्वारा सरकारी नौकरी पाने के लिए फ्रस्ट्रेशन हो, या फिर बनराकस द्वारा मंजू देवी को प्रधानी के पद से हटाने के षड्यंत्र, कहानी में हर एक चीज काफी सटीक दिखाई देती है।
हालांकि, इस बार पंचायत सीजन 4 Panchayat Season 4 में इसके पिछले सीजन्स के मुकाबले बिनोद को थोड़ा भावुक दिखाया गया है। क्योंकि सीरीज को देखते वक्त दर्शकों के मन में हमेशा यह सवाल बना रहता है कि कहीं कहानी में बिनोद, बनराकस की पार्टी छोड़कर प्रधान जी की पार्टी में न चला जाए।
धीमी आंच पर पकाई गई सीजन 4 की स्टोरी:
वेब सीरीज पंचायत टीवीएफ TVF प्रोडक्शन हाउस द्वारा निर्मित की जाती है, जो टीवीएफ की अब तक की सबसे सफल वेब सीरीज में शामिल है। हालांकि, इस बार सीरीज के मेकर्स ने Panchayat Season 4 की कहानी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया है। पहले एपिसोड में टेंशन भरा माहौल क्रिएट किया जाता है, जिससे दर्शकों को इंगेज रखा जा सके। वहीं जब कहानी आगे बढ़ती है, यह अपनी उसी रफ्तार को पकड़ लेती है, जो इसके पिछले सीजन्स में दिखाई दी थी।
Just finished watching #PanchayatSeason4. Phulera politics has fully taken over the vibe. Lauki vs pressure cooker, samose diplomacy, and full desi-style election tamasha.
— Yash Tiwari (@DrYashTiwari) June 24, 2025
The charm of old seasons is there… but only in flashes. Kabhi hasi aayi, kabhi laga yeh thoda zyada… pic.twitter.com/5Bmy5ueDN9
कैसी है प्रोडक्शन क्वालिटी:
वैसे तो पंचायत वेब सीरीज को गांव-देहात जैसे माहौल पर ही सेट किया गया है, जिसमें ज्यादा से ज्यादा गांव से जुड़ी चीजों और गांव की परेशानियों को इसकी कहानी में दिखाया जाता है। हालांकि इस बार पंचायत सीजन 4 को देखते हुए एक बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस फुलेरा गांव को दिखाया गया है,वह सीजन 1 के मुकाबले सीजन 4 आते-आते रियल लाइफ में भी कॉफी डेवलप हो गया है। जहां पहले सीजन में कच्ची सड़कें और देहात का माहौल दिखाई देता था, वहीं अब सीजन 4 में फुलेरा की हालत बदली बदली सी दिखाई दे रही है।
निष्कर्ष:
पंचायत सीजन 4 में आज भी वही मनोरंजन बना हुआ है, जो इसके पहले सीजन में था। इससे एक बात का अंदाजा साफ लगाया जा सकता है कि टीवीएफ प्रोडक्शन द्वारा आज भी इस वेब सीरीज की क्वालिटी से समझौता नहीं किया गया है। भले ही सीजन 4 को 1 साल के भीतर ही रिलीज कर दिया गया हो, लेकिन सीज़न ४ भी दर्शकों को वही इंटरटेनमेंट देने में सफल रहता है, जो साल 2020 में आई इस फ्रेंचाइजी के पहले सीजन ने दिया था।
सीजन 4 में दर्शक जान सकेंगे कि प्रधान जी का फेमस डायलॉग “ई ससुर” जब वह अपने असली ससुर के सामने बोलते हैं तब क्या होता है। Panchayat Season 4 सिर्फ एक वेब सीरीज नहीं है, बल्कि समाज का वह आइना है, जो पॉलिटिशियन्स द्वारा सत्ता हासिल करने की चालाकियों और छल कपट को दिखाता है। खासकर सीरीज का वह सीन, जब प्रधान जी द्वारा उप प्रधान को चुनाव में खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और वह मना कर देते हैं,तब प्रधान जी द्वारा जो डायलॉग बोला जाता है,वह हमारी असल दुनिया में भी काफी मायने रखता है।
पंचायत सीज़न ४ कई चीजों को दिखाने की कोशिश करती है, जिनमें दोस्ती, दुश्मनी, और पॉलिटिक्स का दल-दल शामिल है, जिसमें न चाहते हुए भी प्रहलाद चाचा को उतरना होगा। FilmyDrip की ओर से इस पंचायत सीजन 4 को दिए जाते हैं 4/5 स्टार।
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