भूत, पिशाच और इल्युमिनाटी जैसी चीजें आज भी हम इंसानों के लिए एक रहस्य ही हैं। इसी विषय को लेकर ‘लुईस मांडिलोर’ हमारे सामने एक नई फिल्म लेकर आए हैं, जिसमें वैंपायर जैसी चीजों को हमारे समक्ष प्रस्तुत किया गया है।
हालांकि यह कोई नया विषय नहीं है। इससे पहले भी वैंपायर यूनिवर्स पर कई फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें से ‘ड्रैकुला’ और ‘वैन हेलसिंग’ जैसी कुछ प्रसिद्ध फिल्में शामिल हैं।
लुईस की इस नई फिल्म का नाम ‘ऑपरेशन ब्लड हंट’ है। इसकी अवधि 1 घंटा 33 मिनट है।
डायरेक्टर लुईस ने इससे पहले भी कई फिल्में निर्देशित की हैं, जिनमें साल 2023 में आई फिल्म ‘द फ्लड’ शामिल है। इसमें एक अलग तरह के प्राणी के बारे में दिखाया गया था, जिससे यह पक्का हो जाता है कि लुईस को इस तरह की फिल्में बनाने का अच्छा अनुभव है। आइए, अब रिव्यू की ओर बढ़ते हैं।
स्टोरी
फिल्म के मुख्य किरदार में हमें ‘रेवरेंड’ देखने को मिलते हैं, जो एक पादरी हैं। उन्हें सभी प्रकार की अलौकिक शक्तियों और वैंपायर जैसी चीजों से लड़ने का काफी अनुभव है। उनकी मुलाकात दो पुलिसवालों से होती है, जो उन्हें शहर में हो रहे अजीबोगरीब हादसों के बारे में बताते हैं।
वह पादरी से अनुरोध करते हैं कि वह इसकी तहकीकात करने के लिए शहर जाएं। साथ ही एक टीम भी बनाई जाती है, जिसमें कुछ ऐसे लोगों को शामिल किया जाता है, जो इस तरह की शक्तियों से लड़ने में प्रशिक्षित होते हैं। हालांकि, कहानी में एक नया ट्विस्ट तब देखने को मिलता है।
जब वह टीम उस शहर में जाती है, तब उन्हें वैंपायर के साथ-साथ एक खजाना भी मिल जाता है, जिसके बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं दी गई थी। इसे देखकर उनकी टीम तुरंत समझ जाती है कि दाल में कुछ काला है और कुछ बातें उनसे छुपाई गई हैं। हालांकि, यह टीम इससे पहले कुछ और समझ पाती, तभी उनकी भिड़ंत वैंपायर से हो जाती है।
इस खजाने का क्या राज है और क्या वह वैंपायर उस टीम और पादरी को मार देते हैं, यह सब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी, जो अमेजन प्राइम ओटीटी पर हिंदी में उपलब्ध है।
फिल्म की खामियां
इसकी खामियों की बात करें तो सबसे पहली और सबसे बड़ी कमी इसका खराब प्रोडक्शन था, जो काफी सस्ता नजर आता है। फिल्म में दिखाए गए वैंपायर एकदम नकली से लगते हैं, जैसे मानो कोई बच्चों की कम बजट वाली कार्टून सीरीज चल रही हो।
फिल्म की कहानी काफी कमजोर है, जिससे इसकी पटकथा बिल्कुल भी आकर्षक नहीं है। इसे देखकर आपको निराशा के अलावा और कुछ भी हासिल नहीं होता।
फिर चाहे बात हो इसके स्टोरी डेवलपमेंट की या फिर किरदारों के विकास की, फिल्म सभी मापदंडों में सबसे निचले स्थान पर आती है। न ही इसका सिनेमैटोग्राफी आकर्षक है और न ही डायलॉग डिलीवरी। सभी एक्टर्स ऐसे नजर आते हैं, जैसे कि वे बंदूक की नोक पर डायलॉग बोल रहे हों।
फिल्म की अच्छी चीजें
मूवी में वैसे तो ज्यादा कुछ अच्छा नहीं है, लेकिन फिर भी अगर कुछ चीजों की बात की जाए, तो वह इसकी लोकेशंस हैं। फिल्म की दूसरी अच्छी चीज इसकी हिंदी डबिंग है, जो देखने लायक है और औसत है, जिसमें कोई ज्यादा कमियां नजर नहीं आतीं।
फाइनल वर्डिक्ट
अगर आपको हल्की-फुल्की वैंपायर फिल्में, जिनमें एक मिशन के तहत कहानी चलती है, इस तरह की कहानी देखना पसंद है, तो आप इस फिल्म को देख सकते हैं। फिल्म में किसी भी तरह के एडल्ट सीन या अश्लीलता नहीं दिखाई गई है, जिसके कारण आप इसे अपनी पूरी फैमिली के साथ भी देख सकते हैं।
हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं 1.5/5 ⭐।
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