इंसान का दिमाग बड़ा अजीब है,दिल कहता है प्यार,दिमाग चिल्लाता है लस्ट।और नीना गुप्ता की ज़िंदगी में ये सब कुछ,अचार के स्वाद की तरह मिक्स हो गया। 14 मार्च 2025 को रिलीज़ हुई उनकी फिल्म आचारी बा उनकी ज़िंदगी से मिलती जुलती कहानी लेकर आई है। तो चलिए जानते है नीना की लाइफ से जुड़ी कुछ नई चटपटी बातें।
प्यार लस्ट से शुरू होता है:
वह अट्रैक्शन जो बाद में रिश्तों में ढलता है। आचारी बा में मां बेटे का रिश्ता भी इसी ताने बाने से बुना है। नीना का किरदार अचार के बहाने जिंदगी को चटपटा बनाता है। ये फिल्म हंसाती है,रुलाती है और आपको मनोरंजित महसूस कराती है। कबीर बेदी और वत्सल सेठ के साथ नीना की जोड़ी कहानी में और भी मज़ा डालती है।

किए बहुत सारे लड़कों के रोल:
कॉलेज के समय में नीना की 5.2 फीट लंबाई होने की वजह से उन्हें कॉलेज के हर प्ले में लड़के का रोल मिलता था। जिससे उनका कॉन्फिडेंस पूरी तरह से डगमगा जाता था।लेकिन आचारी बा में वह उस तरह की मां बनकर उभरी जो मज़बूत भी है और नाजुक भी।
लो सेल्फ एस्टीम:
जवानी के दिनों में जब भी उन्हें कोई लड़का प्रपोज करता था तो वह पहली ही मुलाक़ात में एक दम पिघल जाती थी या फिर यूं कहें के शुक्र गुजार हो जाती थी।हालाकि फिल्म में उनका किरदार बताता है कि प्यार खुद को संभालने में है न कि आपको प्यार करने वाले के सामने बिछ जाने में।
नीना दीवार से भी बात कर लेती हैं:
खुद में खुश रहने की कला नीना को बखूबी आती है।आचारी बा में वो अकेलेपन को गले लगाती हैं पर हार नहीं मानती। अचार बनाती हैं और रिश्तों को जोड़ती हैं। IAS बनने का सपना घरवालों का था,पर नीना एक्टिंग लाइन में आ गईं। फिल्म में उनका किरदार गांव से शहर तक अपनी छाप छोड़ता है।
जिंदगी के फैसले सोच समझ कर लो:
साल 1980 में नीना, विवेक मेहरा के साथ रिश्ते में थी। इसी दौरान उन्हें एक बेटी भी हुई जिसका नाम मसाबा है। नीना ने बताया भले ही कुछ समय बाद पति के साथ संबंध ठीक ना होने के कारण वह उनसे अलग हो गई थी,पर ऐसा हर लड़की को नहीं करना चाहिए।

क्योंकि यह जरूरी नहीं कि जिस तरह के कंसीक्वेंसेस से नीना गुजरी थी वही सब अन्य लोगों के साथ भी हुए हों। साथ ही नीना ने यह भी बताया कि वह काफी मजबूत विचारधारा की लड़की हैं। पर यह जरूरी नहीं की हर लड़की वह सब आसानी से झेल सकेगी।
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