MURA Review :मोहम्मद मुस्तफा के निर्देशन में बनी मुरा फिल्म को मलयालम भाषा में 8 नवंबर 2024 को रिलीज किया गया था क्योंकि फिल्म को हिंदी में रिलीज नहीं किया गया था।
इसलिए हिंदी दर्शको को इस फिल्म के ओटीटी रिलीज़ का इंतजार था,अब फाइनली मुरा को अमेजॉन प्राइम विडिओ पर हिंदी डब्ड वर्जन में रिलीज किया गया है आईए जानते हैं कैसी है यह फिल्म।
अगर आपको मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की क्राईम ड्रामा से रिलेटेड फिल्में देखना पसंद है तो मलयालम फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से एक स्ट्रांग कंटेंट के साथ अपनी फिल्म को प्रेजेंट करता रहा है इसी तरह से मुरा फिल्म भी जो की दर्शकों को पूरी तरह से अपने साथ बढ़ाने में कामयाब रही है। फिर भी कहानी दोस्ती बदले एक्शन क्राईम पर आधारित है
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मलयालम फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से ही मजबूत कंटेंट के साथ अपनी फिल्मों को प्रस्तुत करती रही है। और अगर आपको मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की क्राइम ड्रामा से संबंधित फिल्में देखना पसंद है, तो इसी तर्ज पर ,मुरा फिल्म भी दर्शकों को पूरी तरह से अपने साथ जोड़ती है। यह फिल्म दोस्ती, बदला, एक्शन और क्राइम पर आधारित है।
कहानी में चार लड़कों को गैंगस्टर के ग्रुप में फसते हुए दिखाया गया है एक दिन एक गैंग का लीडर की इन चार लड़कों पर नजर पड़ती है इसे पता लगता है कि यह लड़के उसके बहुत काम के हैं वह इन लड़कों को अपने धंधे में डालकर इनसे गलत काम करवाना चाहता है और ना समझी के कारण यह चारों लड़के गैंगस्टर की दुनिया में शामिल हो जाते हैं।
आगे कहानी में दिखाया जाता है किस तरह से यह गैंगेस्टर इन चारो लड़को को अपने फायदे के लिये इस्तेमाल करता है जिससे इन चारो लड़को की ज़िंदगी पूरी तरह से बदल जाती है,तब यह चारो बदला लेने के लिए आगे आते हैं आगे बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न के साथ फिल्म बढ़ती रहती है।
यह फिल्म अपने क्राईम थ्रिलर की वजह से पूरी कहानी को इंगेजिंग कर के रखती है। 2 घंटे 10 मिनट की ये कहानी देखते समय आपको कहीं से भी ऐसा नहीं लगेगा कि आप इससे बोर हो रहे हैं। फिल्म पूरी तरह से अनप्रिडिक्टेबल है फिल्म देखते समय बस इसी चीज का इंतजार रहता है कि आखिर क्लाइमेक्स में क्या होने वाला है।
पॉजिटिव और नेगेटिव पॉइंट
फिल्म की सिनेमाटोग्राफी अच्छे ढंग से प्रजेंट की गई है। जिस तरह से एक्शन सीन में बैकग्राउंड म्यूजिक को डाला गया है वह उन एक्शन सीन को और भी प्रभावी बनाने का काम करते है।
इसकी कहानी अपने आप में दर्शको को पूरी तरह से इन्वेस्ट करने का दम रखती है। कलर ग्रेडिंग,एडिटिंग फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू सब कुछ डीसेंट है। सुरेश बाबू ने फिल्म की कहानी को बहुत अच्छे ढंग से लिखा है जिसे निर्देशक मोहम्मद मुस्तफा ने सिनेमा के परदे पर उतने ही अच्छे से उतारा भी है। डायरेक्टर और राइटर दोनों ने मिलकर फिल्म को पूरी तरह से इंगेजिंग बनाकर रखा है।
यह मोहम्मद मुस्तफा की दूसरी फिल्म है पर फिल्म देखकर आपको कहीं से भी ऐसा नहीं लगता है कि इससे पहले इन्होंने सिर्फ एक फिल्म ही बनाई है चारों लड़कों का परफॉर्मेंस अच्छा है पर सबसे अच्छा जो परफॉर्मेंस दिया है वह आनंदू नाम के लड़के ने दिया है।
निष्कर्ष
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री हमेशा से ही अपनी फिल्मों को राइटिंग के बल पर सुपरहिट करवाती है इनका यह मानना है कि अगर आपके कंटेंट में दम है तो आपको किसी बड़े सुपरस्टार की जरूरत नहीं है।
अगर आप इस तरह की मलयालम क्राइम थ्रिलर फिल्में देखने का शौक रखते हैं तब यह फिल्म आपके लिए ही है जो कि अब अमेजॉन पर हिंदी में अवेलेबल करा दी गई है हमारी तरफ से इस फिल्म को दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार।
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