max 2024 review in hindi:कन्नड़ एक्शन थ्रिलर फिल्म “मैक्स”को सिनेमाघर में कन्नड़ के साथ-साथ तमिल,तेलुगू,हिंदी और मलयालम में रिलीज़ किया गया है। किच्चा सुदीप की इस फिल्म का निर्देशन किया है ‘विजय कार्तिकेय’ ने।
आईए जानते हैं 2 घंटे 12 मिनट की यह फिल्म आपके टाइम को को डिजर्व करती है या नहीं ?
पुष्पा और बेबी जॉन और मुफासा की वजह से हिंदी बेल्ट में इसे बहुत कम शो दिए गए हैं उत्तर भारत के छोटे शहरों में तो या फिल्म लगी ही नहीं है और मेट्रो सिटीज में जहां पर इसके शो लगे हैं वहां पर ज्यादातर यह कन्नड़ भाषा में ही चल रही है।
PIC CREDIT X
कहानी
फिल्म की कहानी इंस्पेक्टर अर्जुन उर्फ मैक्स के इर्द-गिर्द घूमती है। मैक्स एक पुलिस स्टेशन में 2 महीने के बाद वापस आता है ,अब एक्सपेक्टर अर्जुन को एक ऐसा काम को अंजाम देना है,जो की इसे 12 घंटे में कंप्लीट करना है अगर वह इस काम को नहीं करता।
तो एक बहुत बड़ी मुसीबत पैदा होने वाली है अब वह काम क्या है क्या मैक्स इसको पूरा कर पता है यह सब आपको इस फिल्म को देखने के बाद ही पता लगेगा।
किच्चा सुदीप की यह फिल्म भी “विक्रांत राणा” की तरह है। हालांकि उनकी हर फिल्म एक्शन से भरपूर होती है, लेकिन इस बार वह कुछ नया लेकर आए हैं।
#MaxTheMovie review of first half..
— Chinna Chinna Asai (@chennaitodaynew) December 25, 2024
Just 15 minutes into the movie, and it dives straight into full gripping mode!
The plot has a similar vibe to Kaithi (set in one night and centered around a police station).#KichchaSudeep’s screen presence and action sequences are pure… pic.twitter.com/m53zaKHmYi
पॉजिटिव प्वाइंट
मैक्स फिल्म में किच्चा सुदीप की परफॉर्मेंस देखने के बाद इनके अंदर ‘तेलुगू’ के सभी सुपरस्टार नजर आते हैं। किच्चा सुदीप को जिस तरह से एक्शन सीक्वेंस करते प्रेजेंट किया गया है वह आपको शायद ‘अल्लू अर्जुन’ की याद दिला दे,इसका क्लाइमैक्स पैसा वसूल है इस पूरी फिल्म को किच्चा सुदीप अपने कंधे पर धोते हुए दिखाई दे रहे हैं।
नेगेटिव पॉइंट
फिल्म का बीजीएम बी. अजनीश लोकनाथ का है।जो कि इतना प्रभावी नहीं है जितना की बनाया जा सकता था। कहानी का पहला हिस्सा थोड़ा स्लो है जो इस को तैयार करने में थोड़ा वक्त लेता है। फिर भी इंटरवल तक आते-आते कहानी में इंटरेस्ट बना रहता है फिल्म में बहुत से सीन ऐसे हैं जिन्हें देखकर लगता है कि इन्हें पहले भी कहीं देखा गया है।
टेक्निकल एक्सपेक्ट
बीजीएम में थोड़ी कमी पाई गई,वही सिनेमैटोग्राफी,कलर ग्रेडिंग,फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू,वीएफएक्स सीजीआई ठीक-ठाक है।
निष्कर्ष
यह एक फुल पैसा वसूल फ़िल्म है जो ओटीटी रिलीज का इंतजार किए बिना,सिनेमा घर में जाकर देखे तब यह आपको एक अच्छा एक्सपीरियंस दे सकती है
हमारी टीम ने तो यह फिल्म कन्नड़ भाषा में देखि है। जिस कारण हम इसकी हिंदी डबिंग कैसी है इस बारे में नहीं बता सकते। कहानी को देखकर ऐसा लग रहा है की फिल्म को बहुत टाइम नहीं लगेगा अपने बजट को रिकवर करने में ,कहानी में काफी खून खराबा है बच्चों के साथ इस फिल्म को देखने से बचें हमारी तरफ से इसे दिए जाते हैं पांच में से तीन स्टार।
READ MORE
ठुकरा के मेरा प्यार फेम संचिता, क्या था उसका साया?